फिल्म,TV और Reality Shows में नहीं हो सकेगा बच्चों का शोषण, Child Artist की सुरक्षा के लिए गाइडलाइंस जारी

MUMBAI, 28 JUNE: एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में बाल कलाकारों का योगदान बढ़ता जा रहा है। टीवी शो से लेकर, रियलिटी, शो, फिल्म, ओटीटी जैसे तमाम प्लेटफॉर्म पर आज बाल कलाकार लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं। ऐसे में अब बाल कलाकारों के हितों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यानि NCPCR ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए नियमों के तहत अब फिल्म निर्माताओं को शूटिंग के दौरान बाल कलाकारों के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं। आइए जानते हैं क्या है गाइडलाइन और शूटिंग के दौरान बच्चों के लिए क्या कुछ नियम बनाए गए हैं।

क्या है गाइडलाइन

नई गाइडलाइन के मुताबिक तीन महीने से कम उम्र के किसी भी शिशु को दुग्धपान और टीकाकरण के प्रचार कार्यक्रमों के अलावा किसी शो में जाने की अनुमति नहीं होगी। अगर कलाकार 6 साल से कम उम्र का है, तो हर समय उसके साथ मां-बाप में से एक व्यक्ति या उसका लीगल गार्जियन मौजूद रहे।वहीं जो बाल कलाकार शूटिंग पर जाएंगे उन्हें हर 3-घंटे में ब्रेक देना होगा और उनसे 6-घंटे से अधिक व शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच काम नहीं ले सकते। बच्चों से लगातार 27 दिनों से अधिक काम नहीं करवाया जाएगा। वहीं बच्चे की आय का 20 फीसदी उसके खाते में जमा करना होगा।

पढ़ाई में न हो कोई व्यवधान

इसके साथ ही उन्हें समय पर मजदूरी, सुरक्षित काम करने का माहौल और पढ़ाई में कोई व्यवधान न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। सबसे महत्वपूर्ण प्रस्तावों में से एक गायकों और खिलाड़ियों सहित सभी बाल कलाकारों को जिला मजिस्ट्रेट यानि डीएम के साथ पंजीकृत किया जाना चाहिए।

शो में बच्चों का उपहास नहीं किया जाना चाहिए

NCPCR की गाइडलाइन के मुताबिक बच्चों से संबंधित कंटेंट में शराब, स्मोकिंग या किसी भी असामाजिक गतिविधि और आपराधिक व्यवहार में लिप्त नहीं दिखाया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी बच्चे को अश्लीलता या ऐसे रोल जिससे उन्हें शर्मिंदगी उठानी पड़े, किसी भी हालत में प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए और बाल शोषण के शिकार बच्चों या लोगों पर आधारित कार्यक्रमों में संवेदनशीलता दिखाई जानी चाहिए। गाइडलाइन में ये भी कहा गया है कि किसी भी शो में बच्चों का उपहास नहीं किया जाना चाहिए या उन्हें हीन महसूस नहीं कराया जाना चाहिए।

डिसक्लेमर देना जरूरी

गाइडलाइन में यह भी प्रस्तावित किया गया है कि किसी भी ऑडियो-विजुअल मीडिया प्रोडक्शन में बाल कलाकारों की भागीदारी वाले व्यावसायिक कार्यक्रम के निर्माता यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सभी फिल्मों, टेलीविजन कार्यक्रमों, विज्ञापनों, रियलिटी शो, ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसका डिसक्लेमर दिया जाए। एक डिसक्लेमर के साथ यह निर्दिष्ट किया जाना चाहिए कि यदि कोई बच्चा शूटिंग में शामिल है, तो यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए गए थे कि शूटिंग की पूरी प्रक्रिया के दौरान ऐसे बच्चे के साथ कोई दुर्व्यवहार, उपेक्षा या शोषण नहीं हुआ है।

दरअसल, एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो का कहना है कि फिल्मों, टीवी, रियलिटी शो, ओटीटी प्लेटफॉर्म, समाचार और सोशल मीडिया वेबसाइटों में काम कर रहे बाल कलाकारों को हर तरह के शोषण से बचाने के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं।

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