पंजाब में कोविड वैक्सीन की कमी के चलते मुख्यमंत्री ने 18+ का टीकाकरण स्थगित किया

CHANDIGARH: कोविड वैक्सीन की कमी के चलते पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शुक्रवार को 18-45 साल उम्र वर्ग की तीसरे पड़ाव के टीकाकरण को स्थगित करने का फैसला किया जो पहली मई को शुरू होनी थे। इसके अलावा कल शनिवार से प्राईवेट स्वास्थ्य सेवाओं में टीकाकरण स्थगित रहेगा।

मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि वैक्सीन उपलब्ध न होने के कारण 18-45 साल उम्र वर्ग की तीसरे पड़ाव की टीकाकरण मुहिम अपने तय किये प्रोग्राम के अनुसार शुरू नहीं की जा सकेगा।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि सभी प्राईवेट स्वास्थ्य संस्थाओं की तरफ से शुक्रवार शाम को बकाया पड़ी बिना प्रयोग की वैक्सीन भारत सरकार को वापिस किये जाने से इन संस्थाओं के पास कल से 45 साल से अधिक वर्ग के लिए लगाई जाने वाली खुराक नहीं बची। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की सप्लाई न होने के कारण 18-45 साल उम्र वर्ग को भी टीकाकरण नहीं किया जा सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने वैक्सीन का कमी का मुद्दा केंद्र के समक्ष उठाया है क्योंकि स्थिति बहुत नाजुक है। कोविड वैक्सीन की स्थिति का जायजा लेने के लिए बुलायी वर्चुअल मीटिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को 2 लाख खुराकें मिली थीं परन्तु यह 45 साल से अधिक उम्र वर्ग की दो दिन की जरूरतें पूरी करने के लिए भी अपर्याप्त था।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार पहल के आधार पर 45 साल से अधिक वालों के लिए केंद्र से वैक्सीन की सप्लाई लेने की कोशिश कर रही है और डा. गगनदीप कंग के माहिरों के ग्रुप की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर तीसरे पड़ाव के टीकाकरण की रणनीति बनाने की कोशिश कर रही है।

मीटिंग में बताया गया कि सीरम इंस्टीट्यूट के पास 26 अप्रैल को 18 -45 साल उम्र वर्ग के लिए कोवीशील्ड की 30 लाख खुराकों का आर्डर दिया गया था परन्तु उनसे जवाब आया कि वैक्सीन की उपलब्धता का पता चार हफ्तों के अंदर लगेगा। आगे बताया गया कि सीरम इंस्टीट्यूट ने राज्य सरकार को कहा है कि अगले 3-4महीनों के लिए माँग बतायी जाये और इसलिए एडवांस भुगतान करना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार को यह सप्लाई हर महीने पड़ावों में मिलेगी।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से अनुसार सबसे अधिक प्रभावित छह जिलों में से मोहाली, जालंधर और लुधियाना में टीकाकरण के लिए अच्छे यत्न किये जा रहे हैं जबकि अमृतसर, बठिंडा और पटियाला निश्चित लक्ष्यों से पीछे चल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इन तीनों ही जिलों को यत्न तेज करने के लिए कहा।

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