मुख्यमंत्री द्वारा आटा एवं गेहूँ के सही ढंग से वितरण के लिए सतर्कता समितियाँ गठित करने के आदेश

जि़ला, ब्लॉक और राशन डीपू स्तर पर बनाई जाएंगी समितियाँ
प्रशासन में लोगों की भागीदारी हो रही है मज़बूत: लाल चंद कटारूचक्क

CHANDIGARH, 20 MAY: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत गेहूँ के सही ढंग से वितरण की निगरानी के मद्देनजऱ जि़ला, ब्लॉक और डीपू स्तर पर सतर्कता समितियाँ गठित करने के आदेश दिए हैं। यह समितियाँ आटे की होम डिलीवरी की निगरानी भी करेंगी, जोकि नज़दीकी भविष्य में शुरू होने वाली है।

इस सम्बन्धी और जानकारी देते हुए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने बताया कि मौजूदा सरकार ने प्रशासन में लोगों की भागीदारी को मज़बूत करने पर विशेष ज़ोर दिया है और इसलिए इन सभी समितियों में सार्वजनिक प्रतिनिधित्व होगा। उन्होंने कहा कि सतर्कता समितियों को एन.एफ.एस.ए. एक्ट के अधीन सभी योजनाओं को लागू करने की निगरानी करने का काम सौंपा जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि समिति इन योजनाओं को लागू करने में किसी भी तरह का उल्लंघन, कोताही या फंड के दुरुपयोग संबंधी जि़ला प्रशासन को लिखित रूप में सूचित करेगी।

समितियों के बारे में और विस्तार में जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि इन समितियों में समाज के सभी वर्गों का निष्पक्ष प्रतिनिधित्व होगा, चाहे वह अनुसूचित जातियों, पिछड़ी श्रेणियों, महिलाओं या योजना के असल लाभार्थी हों। यह भी सुनिश्चित बनाया जाएगा कि यह समितियाँ अपने काम को निष्पक्षता से कर रही हैं और यह समाज के गरीब वर्ग के हितों का नेतृत्व करेंगी।

गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा 5 किलो गेहूँ प्रति लाभार्थी प्रतिमाह के हिसाब से 1.5 करोड़ व्यक्तियों को प्रतिमाह गेहूँ का वितरण किया जा रहा है, जिससे 40 लाख परिवारों को लाभ मिल रहा है। अंत्योदय परिवारों को प्रति परिवार प्रतिमाह 35 किलोग्राम का सामान बाँटा जा रहा है। हाल ही में मंत्रिमंडल ने लाभार्थियों को आटे की होम डिलीवरी करने के लिए मंजूरी दी है, जोकि 1 अक्टूबर, 2022 से शुरू हो जाएगी।

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