आशा वर्करों और मिड-डे मील वर्करों को अब 1 जनवरी-2022 से मिलेगा क्रमवार 2500 और 3000 रुपए प्रति माह निश्चित भत्ता
पहले के 10 महीनों की बजाय अब 12 महीनों के लिए मिलेगा बढ़ा हुआ मासिक भत्ता
आशा वर्कर अब 5 लाख रुपए तक के नकद रहित स्वास्थ्य बीमा सुविधा की हकदार
रेगुलर सरकारी महिला कर्मचारियों के बराबर मिलेगा प्रसूति अवकाश का पूर्ण लाभ
CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आशावर्करों और मिड डे मील वर्करों को नए साल के तोहफे के रूप में 124.25 करोड़ रुपए का लाभ देते हुए आज आशावर्करों को प्रोत्साहन के आधार पर पहले मिलने वाली वित्तीय राशि के मुकाबले 2500 रुपए प्रति माह निश्चित भत्ता देने का ऐलान किया, जिससे लगभग 22,000 आशावर्करों को लाभ मिलेगा और सरकारी खजाने पर 60 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा। इसी तरह आशावर्कर भी अब 5 लाख रुपए तक के नकद रहित स्वास्थ्य बीमा योजना की सुविधा के हकदार होंगे, जोकि राज्य सरकार द्वारा मुफ़्त दी जाएगी, जिससे अपनी ड्यूटी करते समय किसी भी तरह की संक्रामक बीमारी फैलने के संभावित खतरे के विरुद्ध उनको कवर किया जा सके।
इसी तरह राज्य भर के 19,700 सरकारी/सहायता प्राप्त स्कूलों में काम कर रहे 42,500 के करीब मिड डे मील वर्करों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने उनके निश्चित भत्ते को 2200 रुपए से बढक़र 3000 रुपए प्रति माह करने का भी ऐलान किया है, जिससे सरकारी खजाने पर 64.25 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा।
इसके अलावा मुख्यमंत्री चन्नी ने यह भी ऐलान किया कि राज्य भर में काम कर रहीं सभी आशावर्करों और मिड डे मील वर्करों को अब रेगुलर आधार पर काम कर रही अन्य महिला सरकारी कर्मचारियों की तरह ही प्रसूति अवकाश का पूर्ण लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री चन्नी ने आगे ऐलान किया कि सभी आशावर्करों और मिड डे मील वर्करों को अब 1 जनवरी, 2022 से बढ़ा हुआ निश्चित भत्ता मिलेगा और भविष्य में उनको यह भत्ते पहले की तरह 10 महीनों की बजाय अब 12 महीनों के लिए मिलेंगे।
यहाँ दाना मंडी में विशेष रूप से एकत्र हुए आशावर्करों और मिड डे मील वर्करों की एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि आज यह एक शुभ अवसर है, क्योंकि राज्य भर से उनकी सभी बहनें अपने भाई के घर आईं हैं और अपनी प्यारी बहनों के लिए यह राहत उपायों का ऐलान करना उनकी खुशकिस्मती है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए बड़े कदमों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण, पीआरआईज़ और यूएलबीज़ में 50 प्रतिशत आरक्षण और मुफ़्त बस यात्रा की सुविधा आज आशावर्करों और मिड डे मील वर्करों के लिए घोषित किए गए महिला हितैषी निर्णयों के अनुरूप हैं।
पहले सिख गुरू श्री गुरु नानक देव जी की बाणी का जिक़्र करते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि सिख धर्म के संस्थापक ने समाज में महिलाओं के साथ हो रहे दुव्र्यवहार और भेदभाव के खिलाफ आवाज़ बुलंद की और उनको समान अधिकार देने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि महिलाएं ख़ासकर हमारी माताओं, बहनों और बेटियों को बनता मान-सम्मान दिए बिना कोई भी समाज समृद्ध नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि महिलाओं को बनता मान-सम्मान देना ही वह आधार है, जिस पर कोई भी सामंजस्यपूर्ण या समतावादी समाज टिका हुआ है।
समाज में महिलाओं को समान अवसर देने की वकालत करते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने उनको विकास की प्रक्रिया में बराबर की हिस्सेदार बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया, जिससे समग्र विकास को सुनिश्चित बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन दिखाने के लिए अनुकूल माहौल प्रदान किया जाना चाहिए, जिससे वह राजनीतिज्ञों, समाज सेवकों, शिक्षा शिक्षाविदों, पेशेवरों और सबसे अधिक लोक-हित भाव युक्त व्यक्तियों की विभिन्न भूमिकाओं में समाज की सेवा करने के योग्य हो सकें।
इस मौके पर अन्यों के अलावा उप मुख्यमंत्री ओ.पी. सोनी, कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह, अरुणा चौधरी और रणदीप सिंह नाभा, पेडा के चेयरमैन एच.एस. हंसपाल, पूर्व कैबिनेट मंत्री और विधायक एस.ए.एस. नगर बलबीर सिंह सिद्धू, विधायक दर्शन लाल मंगूपुर, नाजऱ सिंह, डॉ. हरजोत कमल, अमरीक सिंह ढिल्लों, चौधरी सुरिन्दर सिंह और हरप्रताप सिंह के अलावा कांग्रेस पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे।