CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा दुबे ने चंडीगढ़ में लॉकडाउन के दूसरे दिन आज आयोजित की गई एनडीए की परीक्षा पर सवाल उठाते हुए लॉकडाउन को शहर की जनता के साथ मजाक बताया है। उन्होंने कहा कि इस परीक्षा के लिए शहरभर के स्कूलों में देश के हर कोने से बच्चे परीक्षा देने पहुंचे। हजारों की संख्या में अन्य राज्यों के परीक्षार्थियों को लॉकडाउन के दौरान शहर में प्रवेश देना प्रशासन को क्यों रिस्की नहीं लगा?
कोरोना क्या सिर्फ दुकानों से ही फैल रहा है?
दीपा दुबे ने कहा कि एक तरफ तो शहरभर में वीकेंड लॉकडाउन लगा दिया गया है और हर जगह पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में देश के भविष्य के साथ मोदी सरकार व प्रशासन खिलवाड़ क्यों कर रहे हैं। प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक तरफ पूरे शहर में दुकानें बंद करवा देना और दूसरी तरफ शहरभर के सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में एनडीए का पेपर लेना क्या वाजिब था? कोरोना क्या सिर्फ दुकानों से ही फैल रहा है? जबकि एनडीए की परीक्षा के दौरान जुटे बच्चों के बीच सोशल डिस्टैंसिंग के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई गई। चंडीगढ़ प्रशासन आंखें मूदे बैठा रहा।
एनडीए की परीक्षा क्यों नहीं रद्द की गई?
दीपा दुबे ने कहा कि कोरोना के हालात व लॉकडाउन के चलते यह परीक्षा अन्य परीक्षाओं की तरह सामान्य दिनों में ली जा सकती थी। आज देशभर में जहां 200000 से भी अधिक करोना के मामले सामने आ चुके हैं और अकेले चंडीगढ़ में 600 से ऊपर करोना के मामले सामने आए हैं। ऐसे में जब सभी स्कूल बच्चों के लिए बंद कर दिए गए हैं, तब इन स्कूलों में परीक्षा लेना कहां तक उचित था? जब 10वीं और 12वीं आदि समेत अन्य परीक्षाएं रद्द या स्थगित हो सकती हैं तो एनडीए की परीक्षा मोदी सरकार ने क्यों रद्द नहीं की? बच्चों और दुकानदारों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है?