CHANDIGARH: शहर में लगाए गए आधे-अधूरे लॉकडाउन के विरोध में चंडीगढ़ व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल संगठन के अध्यक्ष चरनजीव सिंह के नेतृत्व में आज चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा से मुलाकात करने उनके दफ्तर में पहुंचा। इस दौरान व्यापारी नेताओं ने परिदा से मांग की कि इस आधे-अधूरे लॉकडाउन में जिस तरह इंडस्ट्रीज, बैंक व दफ्तरों को 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ खोलने की इजाजत दी गई है, उसी तरह शहर में गैरजरूरी वस्तुओं की दुकानों को भी खोलने की परमीशन दी जाए।
गैरजरूरी वस्तुओं की दुकानों को बंद कराना अन्याय
चंडीगढ़ व्यापार मंडल के नेताओं ने एडवाइजर से कहा कि प्रशासन ने अपनी नई गाइडलाइंस के तहत इंडस्ट्रीज, बैंक व दफ्तरों को 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ खोलने की इजाजत दी है लेकिन गैरजरूरी वस्तुओं की दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया है, जबकि शहर में गैरजरूरी वस्तुओं के भी सभी दुकानदार कोरोना नियमों का पूरी तरह पालन कर रहे हैं। दुकान के बाहर ग्राहकों को सेनेटाइजर उपलब्ध करा रहे हैं। किसी भी ग्राहक को बिना मास्क के दुकान में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं तथा सोशल डिस्टैंसिंग का भी पूरी तरह पालन कर रहे हैं। दुकानों का पूरा स्टाफ भी कोरोना नियमों का पालन कर रहा है। इसके बावजूद गैरजरूरी वस्तुओं की दुकानों को बंद कराना उनके साथ अन्याय है। यह दुकानदार आज खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इसलिए उन्हें भी इंडस्ट्रीज, बैंक व दफ्तरों की तर्ज पर 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ दुकानें खोलने की इजाजत दी जानी चाहिए।
पानी-बिजली के बिल, प्रॉपर्टी टैक्स, जीएसटी में भी राहत दी जाए
चंडीगढ़ व्यापार मंडल के नेताओं ने एडवाइजर से यह भी कहा कि ज्यादातर दुकानदारों को हर महीने किराए, स्टाफ की सैलरी समेत अन्य मदों में मोटा खर्चा करना पड़ता है। पिछले एक साल से कारोबार पहले ही पटरी से उतरा हुआ है। अब दुकान बंद कर देने की स्थिति में उनके सामने बहुत बड़ा संकट खड़ा हो रहा है। कोरोनाकाल के इस विषम दौर में उन्हें पानी-बिजली के बिल, प्रॉपर्टी टैक्स, जीएसटी आदि में भी राहत देने पर प्रशासन को विचार करना चाहिए। चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा ने व्यापार मंडल के नेताओं को आश्वासन दिया कि कोविड वार रूम की अगली मीटिंग में इन मुद्दों पर भी गंभीरता से विचार किया जाएगा।