पटाखा बैन पर चंडीगढ़ व्यापार मंडल ने की प्रशासन की आलोचना, कहा- इस मामले में पड़ोसी राज्यों के पैटर्न पर हो फैसला

CHANDIGARH: चंडीगढ़ में फेस्टीवल सीजन के दौरान पटाखे बैन कर दिए जाने के प्रशासन के फैसले को लेकर चंडीगढ़ व्यापार मंडल ने भारी नाराजगी जताते हुए इसे चंडीगढ़ प्रशासन का मनमाना फैसला करार दिया है। साथ ही इसकी कड़़ी आलोचना की है। चंडीगढ़ व्यापार मंडल ने प्रशासन से अपने इस फैसले को रद्द कर चंडीगढ़ के पटाखा कारोबारियों को उचित सुरक्षा उपायों के साथ पड़ोसी राज्यों पंजाब व हरियाणा के पैटर्न पर चंडीगढ़ में पटाखे बेचने की छूट देने की मांग की है।

चंडीगढ़ व्यापार मंडल के अध्यक्ष चरणजीव सिंह तथा मुख्य प्रवक्ता दिवाकर साहूजा ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि प्रशासन को दीवाली पर पटाखे चलाने, पटाखों की बिक्री और खरीद पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का मनमाना फैसला करने की बजाय पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर नीति बनानी चाहिए। चरणजीव सिंह व दिवाकर साहूजा ने कहा कि दीवाली सबसे महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है। यह दुनियाभर में सभी समुदायों द्वारा नए साल की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत तथा एक बहुत बड़े समुदाय द्वारा पूजे जाने वाले भगवान श्रीराम की वनवास से घर वापसी के उत्सव का भी प्रतीक है। पटाखों के बिना यह त्योहार अधूरा सा लगता है। उन्होंने कहा कि फेस्टीवल सीजन में पटाखे चलाने, बेचने व खरीदने के मामले में जरूरी उचित सुरक्षा उपायों को लागू करना तो ठीक है लेकिन पटाखे चलाने, बेचने व खरीदने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा देना गलत है। पटाखे चलाने, बेचने व खरीदने के लिए मात्रा तथा समय सीमा भी तय की जा सकती है।

चंडीगढ़ व्यापार मंडल के अध्यक्ष चरणजीव सिंह तथा मुख्य प्रवक्ता दिवाकर साहूजा ने कहा कि पिछली कई पीढ़ियों से पटाखों का व्यापार करने वाले चंडीगढ़ के कई छोटे और मध्यम व्यापारियों के लिए यह फेस्टीवल सीजन आजीविका का बड़ा स्रोत है लेकिन प्रशासन के इस तरह के फैसलों से अब इन कारोबारियों के कारोबार पर संकट गहरा गया है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ व्यापार मंडल शहर तथा शहर के कारोबारियों के हित में हमेशा खड़ा रहा है और प्रशासन से अपेक्षा करता है कि वह शहर के हित को ध्यान में रखते समय कारोबारियों के हित को भी नजरंदाज न करे।

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