अगले हफ्ते हो सकता है चंडीगढ़ अनलॉक, डीसी के साथ व्यापारी संगठनों की मीटिंग में मिले संकेत

मीटिंग में व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने व्यापारियों को राहत देने के लिए रखे अपने सुझाव

CHANDIGARH: चंडीगढ़ में अब लगातार कम हो रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन शहर में गैर जरूरी वस्तुओं की दुकानों को भी अनलॉक करने पर विचार कर रहा है। प्रशासन की कोविड वार रूम की अगली मीटिंग में व्यापारियों को इस संबंध में संभवत: राहत मिल सकती है। डीसी मनदीप सिंह बराड़ के साथ आज व्यापारी संगठऩों के प्रतिनिधियों की हुई मीटिंग में इस तरह के संकेत मिले हैं। इस मीटिंग में व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने लॉकडाउन में गैर जरूरी वस्तुओं के दुकानदारों, खास तौर से छोटे व्यापारियों को हो रही मुश्किलों से डीसी को अवगत कराया तथा लॉकडाउन से प्रभावित हुए व्यापारियों को कई तरह की राहतें देने के संबंध में अपने सुझाव रखे।

डीसी के साथ मीटिंग में चंडीगढ़ व्यापार मंडल के अध्यक्ष चरनजीव सिंह के नेतृत्व में व्यापार मंडल के पैट्रर्न अनिल वोहरा, महासचिव नरेश महाजन, संजीव चड्ढा व बलजिंदर गुजराल प्रमुख रूप से शामिल हुए, जबकि चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल की तरफ से संयोजक कैलाश चंद जैन व सह संयोजक वीरेन्द्र गुलेरिया ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद चंडीगढ़ व्यापार मंडल के अध्यक्ष चरनजीव सिंह ने बताया कि प्रशासन अगले हफ्ते गैर जरूरी वस्तुओं की दुकानें भी अनलॉक कर सकता है। इस पर सोमवार को होने वाली प्रशासन की कोविड वार रूम की मीटिंग में विचार किया जाएगा, क्योंकि शहर में अब कोरोना संक्रमण लगातार कम हो रहा है। चरनजीव सिंह ने बताया कि मीटिंग के दौरान व्यापार मंडल प्रतिनिधियों की मांगों व सुझावों को सुनने के बाद डीसी मंदीप सिंह बराड़ ने संकेत दिए हैं कि प्रशासन अगले हफ्ते व्यापारियों को राहत की घोषणा कर सकता है।
चंडीगढ़ व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों ने मीटिंग में मांग की कि शहर के सभी 18+ दुकानदारों का जल्द से जल्द वैक्सीनेशन किया जाए। इसके लिए उन्हें फ्रंटलाइन वर्कर्स का दर्जा दिया जाए, ताकि दुकानदारों को कोरोना वैक्सीनेशन के लिए इंतजार न करना पड़े। इसके अलावा व्यापार मंडल प्रतिनिधियों ने कहा कि व्यापारियों की तमाम पुरानी समस्याओं का भी हल कर उन्हें राहत देने के लिए यह उचित समय है। इन समस्याओं का भी यदि अब हल नहीं किया गया तो कोरोनाकाल के हालात में व्यापारियों का जीवन मुश्किल हो जाएगा।

बैठक में चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल के संयोजक कैलाश चन्द जैन ने कहा कि शहर में आधा-अधूरा लॉकडाउन लगाया गया है। कुछ दुकानें खुली हैं, कुछ बंद हैं। इससे कानदार भारी नुकसान झेलने को मजबूर हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी दुकानों को ऑड- ईवन फॉर्मूले के तहत खोल दिया जाए या सभी दुकानों का समय सुबह 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक कर दिया जाए लेकिन जरूरी या गैर जरूरी दुकानों में फर्क नहीं किया जाना चाहिए। अगर दुकानें खुलती हैं तो सभी खुलें, नहीं तो कोई भी न खोलें। चंडीगढ़, पंचकूला, मोहाली ट्राईसिटी में एक ही तरह का फैसला लिया जाना चाहिए।

कैलाश जैन ने यह भी कहा कि कोरोना लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर व्यापारियों पर पड़ा है। व्यपारियों को रोजी-रोटी के लाले पड़ गए हैं। ऐसी हालत में अगर किसी व्यापारी की कोरोना महामारी की वजह से जान चली जाती है तो उसके परिवार पर पहाड़ टूट पड़ता है। ऐसे में प्रशासन को कोरोना से मरने वाले प्रत्येक व्यापारी के परिजनों को राज्य राष्ट्रीय आपदा प्रक्रिया कोष अथवा कोविड फंड से 10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाना चाहिए।

इसके अलावा कोरोना महामारी और मिनी लॉकडाउन की वजह से कम से कम 6 महीने के समय को अनिश्चितता का दौर मानते हुए व्यपारियों की सभी प्रकार के सरकारी देनदारियों को निरस्त कर दिया जाना चाहिए, जिसके तहत सभी प्रकार के बैंक ऋण पर ब्याज, प्रॉपर्टी टैक्स, बिजली-पानी के बिलों में न्यूनतम चार्जेज, सरकारी लीज मनी, किराया, आदि सभी प्रकार की देनदारियां 6 महीने के लिए माफ होनी चाहिए। सभी प्रकार की अंतिम तिथियों में छह माह की बढ़ोतरी की जानी चाहिए।
कैलाश जैन ने यह भी कहा कि अगर कोई ग्राहक दुकान के बाहर है और मास्क नहीं पहनता या सोशल डिस्टेंडिंग न रखे तो भी चालान दुकानदार का कर दिया जाता है, वो नहीं होना चाहिए। छोटी बूथ मार्केटों को भी चरणबद्ध तरीके से खोला जाए। उन पर भी वही फैसला लागू किया जाए, जो शहर के अन्य दुकानदारों के लिए होगा।

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