CHANDIGARH, 30 JUNE: मानसून की पहली बारिश में ही आज चंडीगढ़ जलमग्न हो गया। हर सड़क-गली बरसाती पानी से लबालब हो गई। यही नहीं, कई घरों में भी बारिश का पानी घुस गया। इसके कारण न केवल वाहन चालकों को सड़कों पर चलने में परेशानी हुई, बल्कि घरों में बैठे लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यह स्थिति तब है जब नगर निगम मानसून से पहले शहर में जलनिकासी के प्रबंध कर लेने का दावा करता है। लिहाजा, आज हुई नगर निगम हाउस की मीटिंग में कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया और कांग्रेस के सभी पार्षदों ने जल निकासी व्यवस्था पूरी तरह फेल होने के लिए नगर निगम व चंडीगढ़ प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए एक सुर में स्थानीय सांसद किरण खेर के इस्तीफे की मांग कर डाली। नाराज पार्षदों ने कहा कि सांसद और मेयर की लापरवाही से आज शहरवासियों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शहर की सड़कों पर लंबा जाम लगा रहा। कई घरों में बारिश का पानी घुस जाने से लोगों का कीमती घरेलू सामान नष्ट हो गया।
नालों की सफाई में खर्च किया गया पैसा कहां गया ?
कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया कि निगम द्वारा जल निकासी नालों की सफाई में खर्च किया गया पैसा किन्हीं और जेबों में चला गया लगता है। कांग्रेस के पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी ने उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए लॉयन सर्विसेज लिमिटेड के कामकाज की जांच की मांग की, जिसे शहर के एक बड़े हिस्से के लिए स्वच्छता अनुबंध दिया गया है। उन्होंने कहा कि सफाई कंपनी निविदा की शर्तों का उल्लंघन कर रही है और कार्य अनुबंध की शर्तों के अनुसार आवश्यक मशीनरी को तैनात नहीं किया है। हैरानी की बात यह है कि अभी तक मशीनरी लगाए बिना भी कंपनी को पूरा भुगतान किया जा रहा है, जबकि अभी तक वह केवल मैनुअल सफाई का काम ही कर रही है। कांग्रेस पार्षद ने आरोप लगाया कि सफाई कंपनी शहर की मंडियों की उचित सफाई करने के लिए भी ज़िम्मेदार है, लेकिन वह ऐसा करने में भी विफल रही है। उन्होंने कहा कि जब भी लायन सर्विसेज लिमिटेड द्वारा चूक और भ्रष्टाचार के कृत्यों के बारे में कोई सवाल उठाया जाता है तो भाजपा पार्षद तुरंत उसका बचाव करने के लिए कूद पड़ते हैं। यह विवादास्पद कंपनी के साथ उनके विशेष सम्बन्ध को दर्शाता है।
मेयर सरबजीत कौर की भी आलोचना
कांग्रेस पार्षदों ने स्थानीय सांसद किरण खेर द्वारा अपने साथी पार्षदों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली असंसदीय और अभद्र भाषा की भी निंदा की। उन्होंने इस मुद्दे पर चुप रहने के लिए मेयर सरबजीत कौर की भी आलोचना की। एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में मेयर सरबजीत कौर को वार्ड संख्या 14 में 50 बिस्तरों वाले अस्पताल के निर्माण के लिए अपना एजेंडा वापस लेना पड़ा। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि मेयर को अब सदन का विश्वास प्राप्त नहीं है और इसलिए उन्हें मेयर के पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
लक्की ने कांग्रेस पार्षदों को सराहा
एक अन्य कांग्रेस पार्षद निर्मला देवी ने मलोया में एक अस्पताल के निर्माण का मुद्दा उठाया और मांग की कि इसे प्राथमिकता के आधार पर बनाया जाए। कांग्रेस पार्षद जसबीर सिंह बंटी, दर्शना और सचिन गालव ने भी सदन की बैठक में अपने विचार रखे, जबकि गुरबख्श रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग में भाग लिया। इस दौरान चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की ने कांग्रेस पार्षदों को लोगों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को नगर निगम हाउस की मीटिंग में उठाने के लिए बधाई दी और जलभराव से प्रभावित लोगों की मदद के लिए पार्षदों से अपने-अपने वार्ड में सक्रिय रूप से उपस्थित रहने का आग्रह किया।