दिल्ली पोएट्री फेस्टिवल में चंडीगढ़ की कवयित्री डॉ. सजीना ख़ान की कविताओं ने छोड़ी भावनाओं की गहरी छाप

डॉ. सजीना ख़ान की रचनाओं ने श्रोताओं के मन को छुआ

NEW DELHI/CHANDIGARH, 26 NOVEMBER: दिल्ली पोएट्री फेस्टिवल ने एक अविस्मरणीय साहित्यिक अनुभव का साक्षी बनने का अवसर प्रदान किया, जब चंडीगढ़ की कवयित्री डॉ. सजीना खान ने अपनी नवीनतम कविता संग्रह ‘थ्रू द डेस्पेयर्स’ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। कवयित्री डॉ. सजीना खान की रचनाएं, जिनमें फायर ऑफ लाइफ, एब्जॉर्ब और नो टाउन शामिल हैं, अद्वितीय तरीके को प्रदर्शित करती हैं, जिसमें वह मानव भावना और साहस के गहरे आयामों की खोज करती हैं। उनकी कविता गहरे प्रभाव से जीवन के संघर्षों, खुशियों और आत्ममंथन के क्षणों को व्यक्त करती हैं, जो पाठकों को सांत्वना और प्रेरणा प्रदान करती हैं।

फायर ऑफ लाइफ कविता के बारे में डॉ. खान ने बताया कि उन्होंने इस कविता में अभिव्यक्तिपूर्ण रूपक का उपयोग कर निराशा को एक सर्वव्यापी और शुद्ध करने वाली अग्नि के रूप में चित्रित किया है। उन्होंने बताया कि यह प्रबल रूपक जीवन के अंधेरे क्षणों से उबरने और आगे बढ़ने के सार्वभौमिक यात्रा को दर्शाता है, जो दर्शकों के साथ गहरी अनुगूंज उत्पन्न करता है।
डॉ सजीना ने बताया कि उनकी कविता ‘एब्जॉर्ब’ उस शांति और ताकत पर विचार करती है, जो पीड़ा को अपनाने और उसे सहन करने के लिए आवश्यक होती है, बिना खुद को खोए। यह मानव आत्मा की अद्भुत सहनशक्ति को श्रद्धांजलि अर्पित करती है और पाठकों को दर्द में भी अर्थ खोजने के लिए प्रेरित करती है।

‘नो टाउन’ में डॉ. खान कटीली दूरी और हानि की भावनाओं को चित्रित करती हैं, जो लोगों, स्थानों और यादों को छोड़ने से जुड़ी हैं। इनमें एक गहरी तृष्णा का चित्रण है, जो अतीत और वर्तमान के बीच के अपरिहार्य संबंध को रेखांकित करती है।

डॉ. सजीना का कार्य सांस्कृतिक और भाषाई सीमाओं को पार करते हुए लिखित शब्द की शक्ति का कालातीत प्रमाण प्रस्तुत करता है। उनकी भावनाओं और विचारों के जटिल संगम से जीवन की नाजुकता और ताकत का गहरा एहसास होता है। एक ऐसे समय में जब कविता अपनी जगह पाने के लिए संघर्ष करती है, उनका स्वर आशा की एक चमचमाती किरण की तरह है, जो प्राचीन ज्ञान को आधुनिक संवेदनाओं के साथ जोड़ता है।

दिल्ली पोएट्री फेस्टिवल के मंच पर डॉ. सजीना ने अपनी परिवर्तनकारी कला का प्रदर्शन किया। उनके कविता पाठ ने दर्शकों को गहरे रूप से प्रभावित किया। ‘थ्रू द डेस्पेयर्स’ के साथ डॉ. सजीना ख़ान ने एक ऐसी कवि के रूप में अपनी जगह स्थापित कर ली है, जिनके शब्द हर जगह और हर पाठक के साथ गहरे व्यक्तिगत और सार्वभौमिक रूप से गूंजते हैं।

error: Content can\\\'t be selected!!