CHANDIGARH: मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर भाजपा में बगावत का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ है। बगावत के बाद चुनाव के समय दो मत निरस्त होने को भाजपा ने गंभीरता से लिया है। माना जा रहा है कि पार्टी के खिलाफ बगावत करने वाले भाजपा पार्षद चंद्रावती शुक्ला व भरत कुमार पर अब कार्रवाई की गाज गिर सकती है लेकिन इससे पहले सभी तथ्यों की पड़ताल के लिए भाजपा ने आज तीन सदस्यीय एक जांच कमेटी बना दी है।
सुरेंद्र बाहगा के नेतृत्व में बनाई जांच कमेटी
चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने बताया कि इस जांच कमेटी का संयोजक पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र बाहगा को बनाया गया है, जबकि प्रदेश महासचिव चंद्रशेखर व रामवीर इसके सदस्य होंगे। अरुण सूद ने बताया कि यह कमेटी मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव के परिणाम की समीक्षा करेगी तथा चुनाव के दौरान पूरे घटनाक्रम के तथ्यों की जांच करेगी। यह कमेटी सभी तथ्यों का आंकलन कर अपनी रिपोर्ट शीघ्र ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद को सौंपेगी, ताकि आगामी कार्रवाई से पहले सत्यता को सामने रखा जा सके।
यह है पूरा मामला
गौरतलब है कि मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए कल हुए मतदान के दौरान दो वोट निरस्त हो गए थे। इनमें मेयर पद पर भाजपा व कांग्रेस दोनों प्रत्याशियों को वोट दिया गया था। इसलिए यह अवैध माने गए लेकिन चुनाव के बाद बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया कि यह दो वोट किसके थे? इसके जवाब को भाजपा में मेयर पद के लिए प्रत्याशी चयन पर दो पार्षदों की हुई बगावत से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि मेयर पद पर कांग्रेस प्रत्याशी देविंदर सिंह बबला को 5 वोट मिले थे। निगम सदन में कांग्रेस के 5 ही पार्षद हैं लेकिन मेयर पद के लिए भाजपा प्रत्याशी रविकांत शर्मा को 17 वोट मिले, जबकि उस समय निगम सदन में भाजपा के 19 पार्षद मौजूद थे। सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव के समय इन दोनों पदों के लिए भाजपा के सभी 19 वोट पड़े, जबकि कांग्रेस पार्षदों ने इन दोनों पदों के चुनाव का बहिष्कार किया था।
ANews Office ने इस खबर में पहले ही जता दी थी समीक्षा व कार्रवाई की संभावना ????