आप सरकार ग्रामीण डिस्पेंसरियां बंद करने पर आतुर: भाजपा
CHANDIGARH, 19 JAN: भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा 27 जनवरी को 500 आम आदमी क्लीनिक खोले जाने से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार के इस कदम को ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बहुत ही हानिकारक करार दिया है, जिससे ग्रामीण डिस्पेंसरियां बंद हो जाएंगी। यहां जारी एक बयान में आप सरकार द्वारा राज्य में ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत बिगडऩे के लिए बरसते हुए, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने इस संबंध में मीडिया के अलग-अलग वर्गों में छपी चिंताजनक रिपोट्र्स का जिक्र किया , जिनके मुताबिक सरकार द्वारा मेडिकल स्टाफ को रेशनलाइज करने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे ग्रामीण डिस्पेंसरियों में डॉक्टर नहीं बचेंगे।
शेरगिल ने कहा कि आप सरकार द्वारा आने वाले दिनों में खुलने वाले 500 आम आदमी क्लीनिकों में स्टाफ तैनात करने के लिए पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा चलाई जाती ग्रामीण डिस्पेंसरियों के स्टाफ को रेशनलाइज करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि यह आदेश वास्तव में ग्रामीण डिस्पेंसरियों से आम आदमी क्लीनिकों में डॉक्टर शिफ्ट करने का एक कदम है। इससे ग्रामीण डिस्पेंसरियों में डॉक्टर नहीं बचेंगे और यह दशकों पहले अस्तित्व में आईं इन डिस्पेंसरियों को बंद करने से कम नहीं है। इसका अर्थ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को खत्म करना होगा, जिससे देहात में रहने वाले लोगों के लिए गंभीर समस्या पैदा होगी।
शेरगिल ने कहा कि 500 आम आदमी क्लीनिकों को खोलना आप सरकार द्वारा पंजाब में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपेक्षा से लोगों का ध्यान भटकाने हेतु एक पीआर स्टंट के अलावा, कुछ और नहीं है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सत्ता में आने से पहले आप ने वायदा किया था कि वह सुनिश्चित करेंगे कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को अच्छी सेहत सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन इनके द्वारा पंजाब की बागडोर संभालने के बाद ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। जिस पर उन्होंने कहा कि नए क्लीनिकों पर करोड़ों रुपए खर्च करने की बजाय बेहतर होगा कि मौजूदा ग्रामीण डिस्पेंसरियों को अपग्रेड किया जाए।
शेरगिल ने कहा कि राज्य में ग्रामीण सेहत सुविधाएं बुरे हालातों में पहुंच चुकी हैं, लेकिन सच्चाई से वाकिफ होने के बावजूद मौजूदा आप सरकार ग्रामीण सेहत सुविधाओं को सुधारने के लिए कुछ नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि ग्रामीण सब्सिडरी हेल्थ सेंटर इतनी खराब हालत में हैं कि उनके पास ओपीडी में आने वाले मरीजों को देने के लिए कोई दवा नहीं है।
शेरगिल ने अपने दावों को और मजबूती प्रदान करते हुए कहा कि लंबे समय से करीब 500 ग्रामीण डिस्पेंसरियों के पास दवाओं का जरूरी स्टॉक उपलब्ध नहीं है। दवाएं ना होने के चलते मरीजों को केमिस्ट की दुकानों से दवा खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इससे अधिक हैरानीजनक सच्चाई और क्या हो सकती है कि कई सब्सिडरी हेल्थ सेंटरों में तैनात रूरल मेडिकल अफसरों ने अपनी जेब से दवाएं खरीदी हैं, ताकि मरीजों को बाहर से दवा खरीदने की परेशानी न झेलनी पड़े। हालांकि सत्ता में आने के 9 महीनों बाद हाल ही में आप सरकार ने सिर्फ एक महीने की दवाओं का स्टॉक भेजा, जो अब खत्म हो चुका है और मरीजों की समस्या बरकरार है।
शेरगिल ने कहा कि इससे भी अधिक शर्मनाक सच्चाई और क्या होगी कि रूरल मेडिकल अफसरों के मुताबिक ग्रामीण सब्सिडरी हेल्थ सेंटरों में जरूरी 96 तरह की दवाओं के मुकाबले मान सरकार ने सिर्फ 24 श्रेणियों की दवाओं की सप्लाई दी है। उन्होंने कहा कि दवाओं और अन्य सुविधाओं की कमी के चलते ग्रामीण डिस्पेंसरियों में मरीजों की आमद में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। आप सरकार के ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रतीक लापरवाही भरे रवैये के प्रति निराशा व्यक्त करते हुए, शेरगिल ने कहा कि ग्रामीण डिस्पेंसरियां राज्य की कुल आबादी के 50 प्रतिशत से अधिक हिस्से को सेवाएं देती हैं, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन डिस्पेंसरियों को मौजूदा सरकार द्वारा पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है।
शेरगिल ने ग्रामीण डिस्पेंसरियों से डॉक्टरों को शिफ्ट करने के आदेशों को तुरंत वापस लिए जाने की मांग करते हुए, कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि बिना किसी देरी से ग्रामीण सब्सिडरी हेल्थ सेंटरों में सभी जरूरी दवाएं और उपकरण मुहैया करवाए जाएं।