भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रुपए के पायलट लॉन्च का चंडीगढ़ कैट ने किया स्वागत

व्यापारियों के बीच डिजिटल रुपए को बढ़ावा देने के लिए कैट राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगा: हरीश गर्ग

CHANDIGARH, 2 DECEMBER: खुदरा स्तर पर डिजिटल मुद्रा शुरू करने का भारतीय रिजर्व बैंक का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है और कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) जल्द ही व्यापार में भुगतान के तरीके के रूप में डिजिटल रुपये को अपनाने और स्वीकार करने के लिए देशभर के व्यापारिक समुदाय के बीच एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेगा। ये कहते हुए कैट के चंडीगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष हरीश गर्ग और उपाध्यक्ष हरिशंकर मिश्रा ने बताया कि डिजिटल रुपया भारत में व्यापार और वाणिज्य में भुगतान परिदृश्य को बदल देगा।

गर्ग और मिश्रा ने कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था को जमीनी स्तर से बढ़ावा देगा। भारतीय अर्थव्यवस्था उपभोग आधारित है। खुदरा विक्रेता और उपभोक्ता अर्थव्यवस्था में राजा हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी है लेकिन खुदरा स्तर पर नकद मुद्रा के उपयोग के कारण व्यापार करेंसी का एक बड़ा हिस्सा है जो बेहिसाब रह जाता है। डिजिटल मुद्रा की शुरुआत के साथ, प्रत्येक लेनदेन भारतीय रिजर्व बैंक की पुस्तकों और भारत सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। हम दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सक्षम होंगे। हमारे देश में खुदरा बाजार का सटीक आकार रिकॉर्ड किए गए लेन-देन से प्रमाणित होगा

दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा की डिजिटल करेंसी डिजिटल इंडिया की स्वीकार्यता के प्रसार में मदद करेगी। खुदरा कारोबार की वास्तविक गणना प्राप्त करने से, भारतीय रिजर्व बैंक और साथ ही भारत सरकार व्यापारी और उपभोक्ता अनुकूल नीतियां बनाने की स्थिति में होगी।

गर्ग ने कहा कि प्रमाणित बिक्री कारोबार डेटा के अभाव में खुदरा व्यापारी बैंकों से ऋण प्राप्त करने में असमर्थ हैं। डिजिटल मुद्रा की शुरूआत के साथ खुदरा विक्रेता के वास्तविक कारोबार को बैंकों से बेहतर ऋण प्राप्त करने के लिए डिजिटल लेनदेन द्वारा प्रमाणित किया जाएगा।

दोनों व्यापारी नेताओं ने आगे कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को मुद्रा की छपाई और वितरण में करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। डिजिटल करेंसी से भारतीय रिजर्व बैंक को भारी बचत होगी। डिजिटल करेंसी इको फ्रेंडली भी है। कागजी मुद्रा की छपाई के लिए इस्तेमाल होने वाले कागज की बचत होगी। कागज के लिए पेड़ों की कटाई कम होगी। रासायनिक रंगों के कम प्रयोग से पर्यावरण संरक्षण होगा। डिजिटल करेंसी से सॉफ्टवेयर उद्योग विकसित करने में मदद मिलेगी। इससे लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा। जल्द ही हम डिजिटल इंडिया को व्यावहारिक रूप से लागू और स्वीकार करते हुए देखेंगे। माननीय प्रधानमंत्री जी का सपना साकार होगा।

आईटी उत्पादों, सॉफ्टवेयर और डिजिटल उद्योग से जुड़े अन्य उत्पादों की बहुत मांग होगी। भारत दुनिया का सबसे युवा देश बनने जा रहा है। देश का युवा तकनीक के साथ चलता है। सरकार भारत के लोगों को डिजिटल तकनीक की ओर ले जा रही है। डिजिटल उत्पादों के लिए विशाल बाजार निकट है। भारत नवीन विचारों वाले युवाओं का देश है। हम बाजारों में आने वाले स्टार्ट अप में अत्यधिक वृद्धि देखेंगे। जिसके फल स्वरुप रोजगार चाहने वाले अब रोजगार देने वाले बनेंगे।

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