CHANDIGARH: पंजाब में कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार जिस प्रकार सुनियोजित ढंग से किसानों की आड़ में अपने कार्यकर्ताओं को भेजकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर हमले करवा रही है, वह लोकतंत्र की हत्या है। राजनीतिक मंशा को साधने में कैप्टन सरकार बर्बरता और ओछी राजनीति का परिचय देकर पंजाब में हिन्दू-सिख भाईचारे की एकता को खंडित करने का दुस्साहस कर रही है लेकिन भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता उनके नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे। यह बात भारतीय जनता पार्टी के चंडीगढ़ प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने कल राजपुरा में भाजपा पंजाब के महामंत्री सुभाष शर्मा, चंडीगढ़ लीगल प्रकोष्ठ के संयोजक बृजेश्वर जसवाल और 15 अन्य कार्यकर्ताओं को कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा जबरन बंधक बनाए जाने के विरोध में आज यहां आयोजित धरने को संबोधित करते हुए कही।
यह धरना प्रदर्शन पंजाब कांग्रेस भवन सेक्टर-15 के समीप पेट्रोल पंप पर आयोजित किया गया था, जिसमें पार्टी के चंडीगढ़ प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद के साथ संजय टंडन, रामबीर, अमित राणा, हुकुम चंद, अनिल दुबे, पप्पू शुक्ला, रविंद्र पठानिया, सतिंदर सिद्धू, मनीष भसीन मनु, राजिंदर शर्मा, नरेश पांचाल, जितेंद्र मल्होत्रा, सुनीता धवन, विजय राणा, अमजद, कृष्ण, दीदार सिंह, जसविंदर कौर, अनूप गुप्ता, गजेंद्र शर्मा और देवी सिंह, कैलाश चंद जैन, पार्षद शक्ति प्रकाश देवशाली, सीनियर डिप्टी मेयर महेश इंद्र सिंह सिद्धू, डिप्टी मेयर फर्मीला, चंद्रावती शुक्ला, प्रकोष्ठों के संयोजकों सहित पार्टी के सैंकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।
इस अवसर पर भाजपा के चंडीगढ़ प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने कहा कि कोरोनाकाल के दौरान सरकार की गाइडलाइन्स की पालना करते हुए पार्टी के सीमित पदाधिकारी ही आज के धरना प्रदर्शन पर पहुंचे। यह एक शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन सांकेतिक है, यदि कैप्टन अमरेंद्र की कांग्रेस अभी भी न चेती तो भविष्य में इसका खामियाजा भुगतने को तैयार रहे। पंजाब की जनता फरवरी में कांग्रेस पार्टी का सूपड़ा साफ करने में देर नहीं लगाने वाली। उन्होंने रविवार के घटनाक्रम को बताते हुए कहा कि पंजाब भाजपा के महामंत्री सुभाष शर्मा कल राजपुरा ग्रामीण मंडल की बैठक के उपरान्त पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता के घर पर दोपहर के भोजन के लिए पहुंचे। उनके साथ पार्टी के कार्यकर्ता भी मौजूद थे। थोड़ी देर में किसानों की आड़ में कांग्रेस पार्टी के कुछ लोग उस मकान के इर्दगिर्द एकत्र होने लगे और हजारों की संख्या में कांग्रेस पार्टी के लोग वहां पहुंच गए। रास्तों पर ट्रैक्टर-ट्राली से जाम लगा दिया गया और पार्टी के पदाधिकारियों सहित उस घर में रह रहे दो छोटे बच्चों को भी बंधक बना लिय़ा।
सूद ने बताया कि कांग्रेस पार्टी के लोग यहीं तक नहीं रुके, बल्कि उस घर की बिजली और पानी का कनेक्शन भी काट दिया। आसपास की छतों पर चढ़कर ईंट-पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। इस सारे घटनाक्रम को पंजाब पुलिस और पंजाब प्रशासन मूकदर्शक बनकर देख रहा था। लाचार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हिम्मत को बनाए रखा और इस विकट परिस्थित का डटकर सामना किया और जब प्रशासन ने कुछ नहीं किया तो हारकर चंडीगढ़ में पार्टी के वकीलों ने देर रात क़ानून का सहारा लेते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से गुहार लगाई और उनके आदेश पर पार्टी के बंधक पदाधिकारियों को निकाला जा सका। देर रात हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पंजाब पुलिस ने 8 घंटों से भी ऊपर का समय लगा दिया, जिससे उनकी नापाक मंशा साफ़ जाहिर होती दिखाई पड़ी। घटनाक्रम की जानकारी मिलने के उपरान्त राष्ट्रीय नेतृत्व और गृह मंत्री ने भी अपनी नजर बनाए रखी और राज्य सरकार को कानून और व्यवस्था को बनाए रखने और पार्टी के कार्यकर्ताओं को बंधक बनाकर रखे जाने की घटना को गंभीरता से लेने की बात कही।
इस अवसर पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी संजय टंडन ने कहा कि जिस प्रकार से विपक्षी दल अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किसानों को गुमराह कर के उनके बीच अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा इस प्रकार की निंदनीय घटनाओं को अंजाम देकर मोदी सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं, उसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। ऐसे तथाकथित किसान कभी भी किसानों के हितैषी नहीं हो सकते। आए दिन किसानों के नाम पर ये लोग भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक जनाधार को दबाने की नाकाम कोशिश में लगे हुए हैं परन्तु ये लोग यह नहीं जानते कि भाजपा का एक-एक कार्यकर्त्ता किसी भी प्रकार के दबाव में नहीं आता, बल्कि अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज लोकतांत्रिक ढंग से बुलंद करने में विश्वास रखता है।