CHANDIGARH: चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल के संयोजक कैलाश चंद जैन ने कल से एक हफ्ते के लिए शहर में गैर जरूरी वस्तुओं की दुकानें बंद रखने के प्रशासन के फैसले को दुकानदारों के साथ अन्याय बताया है। जैन ने कहा कि प्रशासन को लॉकडाउन लगाना ही था तो पूरी तरह लगाता, यह आधा-अधूरा लॉकडाउन लगाकर क्यों दुकानदारों के साथ अन्याय किया जा रहा है।
केवल कुछ दुकानों को बंद करने का क्या औचित्य ?
कैलाश चंद जैन ने एक बयान जारी कर कहा कि यह समझ से परे है कि शहर में जब सारी अन्य गतिविधियां खुली हैं तो केवल कुछ दुकानों को बंद करने का क्या औचित्य है ? अगर करोना की चेन तोड़नी है तो कंप्लीट लॉकडाउन लगाना चाहिए। ऐसे आधे अधूरे लॉकडाउन से कोरोना की चेन तो नहीं टूटेगी लेकिन दुकानदार जरूर टूट जाएंगे, भूखे मर जाएंगे ।
कंप्लीट लॉकडाउन के अलावा कोई चारा नहीं
जैन ने कहा कि यह वास्तविकता है कि वैश्विक महामारी कोरोना देश में दिन-प्रतिदिन बड़ी तेजी से अपने पांव पसारती जा रही है और काबू में नहीं आ रही है। अगर चंडीगढ़ की ही बात करें तो कोरोना संक्रमण की यह चेन यहां भी बड़ी तेजी से फैल रही है। कोरोना की इस बढ़ती हुई चेन को तोड़ने के लिए कंप्लीट लॉकडाउन के अलावा कोई चारा नजर नहीं आ रहा लेकिन लॉकडाउन का न केवल चंडीगढ़ के व्यापार और इंडस्ट्री पर असर पड़ेगा, बल्कि शहर की अर्थव्यवस्था भी डांवाडोल होगी।
राहत पैकेज मिले तो व्यापारी कंपलीट लॉकडाउन बर्दाश्त कर लेगा
उन्होंने कहा कि भले ही व्यापारी वर्ग लॉकड़ाउन के फैसले के विरोध में है लेकिन वह देश की खातिर व लोगों की जान को जोखिम के खतरे को भांपते हुए लॉकडाउन के इस कड़वे घूंट को दोबारा पीने को तैयार हो सकता है, बशर्ते उसे कुछ राहत दी जाए और विश्वास में लिया जाए। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब-जब देश पर किसी किस्म की मुसीबत आई है तो व्यापारियों ने अपने नुकसान की परवाह किए बिना हमेशा देश सेवा की है और देश की सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। ऐसे में कोई ऐसा रास्ता निकालने की जरूरत है, जिससे लोगों की जान भी बच जाए और अर्थव्यवस्था पर कम से कम असर पड़े। लिहाजा, प्रशासन को इस विषय पर विस्तृत चर्चा करके जनहित में उचित फैसला लेना चाहिए।