टंडन, पुरोहित और सांसद तिवारी से मिलेंगे व्यापारी नेता, विरोध के लिए औद्योगिक संगठनों से भी हाथ मिलाएगा CBM
CHANDIGARH, 17 JULY: चंडीगढ़ व्यापार मंडल (CBM) ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर उस हलफनामे की कड़ी निंदा की है, जिसमें चंडीगढ़ प्रशासन ने औद्योगिक और वाणिज्यिक संपत्तियों को लीज होल्ड से फ्रीहोल्ड में बदलने के प्रस्ताव पर असहमति जताई है। चंडीगढ़ व्यापार मंडल ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने और जल्द प्रभावी कन्वर्शन स्कीम लाने का आग्रह किया है।
चंडीगढ़ व्यापार मंडल (CBM) के अध्यक्ष चरणजीव सिंह और संरक्षक एवं मुख्य प्रवक्ता दिवाकर साहूजा ने कहा कि लीज होल्ड से फ्रीहोल्ड के मामले में ताजा निर्णय का चंडीगढ़ में कारोबार पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा, जिससे संभावित रूप से चंडीगढ़ के व्यवसाय पड़ोसी राज्यों में चले जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर बुलाई गई चंडीगढ़ व्यापार मंडल की एक आपातकालीन बैठक में CBM के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से केंद्रीय गृह मंत्रालय के हलफनामे की निंदा की और इसे सबसे दुर्भाग्यपूर्ण कदम करार दिया।
बैठक में अध्यक्ष चरणजीव सिंह, चेयरमैन सतपाल गुप्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष नारंग, संरक्षक दिवाकर साहूजा, अनिल वोहरा, गुरशरण बत्रा, महासचिव नरेश महाजन, संजीव चड्ढा, बलजिंदर गुजराल, कमलजीत सिंह पंछी और वित्त सचिव राधे लाल बजाज शामिल हुए। बैठक में मांग की गई कि चंडीगढ़ प्रशासन हितधारकों के साथ परामर्श के बाद भारत सरकार को संशोधित योजना पुनर्विचार के लिए भेजे, जिससे लीज होल्ड संपत्तियों को फ्रीहोल्ड में परिवर्तित करने, उपयोग, हस्तांतरण और ऋण की सुविधा मिल सके।
बैठक में निर्णय लिया गया कि लीज होल्ड से फ्रीहोल्ड के मामले में ताजा फैसले के खिलाफ आवाज उठाने के लिए चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन, पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित और सांसद मनीष तिवारी सहित अन्य राजनीतिक दलों से संपर्क किया जाएगा। CBM केंद्रीय गृह मंत्रालय के हालिया कदम का विरोध करने के लिए औद्योगिक संगठनों के साथ भी हाथ मिलाएगा। CBM के संरक्षक और आधिकारिक प्रवक्ता दिवाकर साहूजा ने कहा कि हम सरकार से अपने रुख पर पुनर्विचार करने और चंडीगढ़ में व्यापारिक समुदाय का समर्थन करने का आग्रह करते हैं, क्योंकि यह व्यापारियों और उद्योगपतियों की लंबे समय से लंबित मांग है।