डिजिटल मीडिया और ऑनलाइन प्रसारकों को नोटिस जारी करने का अधिकार राज्य सरकारों, जिला मैजिस्ट्रेटों और पुलिस आयुक्तों के पास भी नहीं
NEW DELHI: केन्द्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों, ओटीटी प्लेटफार्म, इंटरनेट आधारित बिजनेस और डिजिटल न्यूज के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। नए नियम के अनुसार सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए उनकी जवाबदेही जरूरी है। इसके लिए सरकार ने नए नियम तैयार किए हैं लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर अब यह भी स्पष्ट कर दिया है कि नए सूचना प्रौद्योगिकी दिशा-निर्देशों के तहत डिजिटल मीडिया और ऑनलाइन प्रसारकों को नोटिस जारी करने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास है। राज्य सरकारों, जिला मैजिस्ट्रेटों और पुलिस आयुक्तों के पास इस संबंध में कोई शक्ति नहीं है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने आज सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और सभी केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को एक पत्र लिखा है, जिसमें ये स्पष्ट किया गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के भाग 3 के तहत शक्तियां केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रशासित हैं।
पत्र में ये भी रेखांकित किया गया है कि ये शक्तियां राज्य सरकारों या जिला मजिस्ट्रेटों या पुलिस आयुक्तों को नहीं सौंपी गई हैं। ये भी अनुरोध किया गया है कि इस जानकारी को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी संबंधित व्यक्तियों के ध्यान में लाया जाए। इन नियमों को 25 फरवरी, 2021 को अधिसूचित किया गया था।
नियमों के तहत डिजिटल समाचार और ओटीटी सामग्री मुहैया कराने वालों को एक आचार संहिता का पालन करना होगा। इसमें सामग्री को उम्र आधारित पांच तरह के वर्गीकृत करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि वह वर्ग इस सामग्री तक पहुंच बना पाए। इसके अलावा, इन नियमों के मुताबिक एक तीन-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र बनाना होगा। इसमें प्रकाशक, प्रकाशकों द्वारा गठित स्व-नियमन निकाय और सरकार का निगरानी तंत्र शामिल होंगे। शिकायतों का समयबद्ध निपटान करना होगा।
नियमों के अनुसार प्रकाशकों को सरकार के समक्ष सूचना प्रस्तुत करनी होगी और सार्वजनिक दायरे में शिकायत निवारण के बारे में जानकारी का समय-समय पर खुलासा करना होगा। इस पत्र के माध्यम से भाग-3 के तहत नियमों के प्रावधानों को फिर से स्पष्ट किया गया है। ..(PBNS)