CHANDIGARH, 7 MARCH: अक्सर देखने में आता है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिखाए जाने वाले विज्ञापनों से जनता को गुमराह किया जाता है। इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने “अनुमोदन के बारे में जानकारी प्राप्त करना!” नाम से दिशानिर्देश जारी किए है। इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उत्पाद या सेवाओं का समर्थन करते समय व्यक्ति अपने दर्शकों को गुमराह न करें और वे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और किसी भी संबंधित नियमों या दिशानिर्देशों के अनुपालन में हों।
विज्ञापन की भाषा सरल और स्पष्ट हो
केंद्र सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि विज्ञापन की भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए जिसे आसानी से याद किया जा सके। इसके साथ ही दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है कि व्यक्तियों को किसी भी उत्पाद या सेवा का समर्थन नहीं करना है जिसका उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अनुभव नहीं किया है। इसके अलावा इन सूचनाओं को किसी लिंक या हैशटैग से नहीं मिलाया जाना चाहिए।
प्रोडक्ट में पारदर्शिता और प्रामाणिकता जरूरी
सरकार के इन दिशानिर्देशों में मशहूर हस्तियों से भी यह कहा है कि वह खुद भी देखें की कंपनी विज्ञापन में किए गए दावों को साबित करने की स्थिति में है या नहीं। केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट कहा है कि प्रोडक्ट के विज्ञापन ऐसे नहीं हों जो दर्शकों को गुमराह करते हों। अपने दर्शकों के साथ पारदर्शिता और प्रामाणिकता बनाए रखने के लिए मशहूर हस्तियों, प्रभावित करने वालों के लिए इन दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी है।
50 लाख रुपये का जुर्माना
इन दिशानिर्देशों के किसी भी नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने की स्थिति पर विज्ञापन देने से भी प्रतिबंधित किए जाने का प्रावधान है।