CHANDIGARH, 04 MARCH: श्री चैतन्य गौड़ीय मठ, सेक्टर 20 में अखिल भारतीय श्री चैतन्य गौड़ीय मठ संस्थान के संस्थापक श्रीमद् भक्ति दायित्व माधव गोस्वामी जी महाराज की 43वीं पुण्यतिथि बहुत ही श्रद्धा एवं विधिपूर्वक मनाई गई। गौड़ीय मठ के प्रवक्ता जयप्रकाश गुप्ता ने बताया कि चंडीगढ़ मठ के प्रबंधक एवं स्वामी बामण जी महाराज जी ने इस अवसर पर भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि पूज्य पाद माधव गोस्वामी महाराज जी का जन्म कंचनपड़ा, बांग्लादेश में हुआ था। वह बहुत ही आकर्षक व्यक्तित्व के धनी थे।
उन्होंने अपनी युवावस्था में ही सन्यास धारण कर शुद्ध कृष्ण भक्ति के प्रचार प्रसार के लिए अपने मिशन पर निकल गए। उन्होंने संसार के सभी प्राणियों के लिए जात-पात धर्म समाज को देखे बिना एक बड़ी छत का निर्माण किया जिसमें आकर सभी जातियों के सभी धर्मों के लोग रह सकते हैं और भगवान कृष्ण का भजन साधन कर भागवत प्रेम प्राप्त कर सकते हैं। महाराज श्री ने उत्तर से दक्षिण पूर्व से पश्चिम तक शुद्ध कृष्ण भक्ति के केंद्रों की स्थापना की।
चंडीगढ़ गौड़ीय मठ की स्थापना उन्होंने वर्ष 1971 में की थी। आज लगभग 50 वर्षों के बाद श्री चैतन्य गौड़ीय मठ चण्डीगढ़ का एक प्रमुख धार्मिक स्थान बन चुका है और लाखों की संख्या में भक्तजन हमारे इस शुद्ध भक्ति केंद्र के साथ जुड़ चुके हैं। इस अवसर पर आज बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तजनों ने अपने इस महान वैष्णो संत को श्रद्धांजलि पुष्पांजलि अर्पित की। दोपहर की आरती के पश्चात हजारों लोगों ने भगवान का स्वादिष्ट प्रसादम को ग्रहण किया।