CHANDIGARH: कोरोना संक्रमण के वर्तमान दौर में ऑक्सीजन की कमी के बड़े संकट के मद्देनजर कान्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर देश के लिए एक ऑक्सीजन पालिसी बनाने का आग्रह किया है । कैट ने प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में सभी संभव स्रोतों से ऑक्सीजन प्राप्त करने की सराहना करते हुए कहा कि उनके इन प्रयासों से निश्चित रूप से दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों में हजारों लोगों की जान भी बची है लेकिन यह भी सत्य है कि ऑक्सीजन के अभाव में दिल्ली एवं अन्य क्षेत्रों में अनेक लोगों की मौत भी हुई है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है ।
कैट के चंडीगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष हरीश गर्ग ने प्रधानमंत्री मोदी को भेजे पत्र में कहा है कि निश्चित रूप से देश में प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है लेकिन उसकी वितरण प्रणाली को चुस्त -दुरुस्त करना होगा। दूसरी ओर, एक ऑक्सीजन पालिसी के तहत हर समय देश भर में ऑक्सीजन उपलब्ध रहे, इस ओर भी ध्यान देना होगा।
हरीश गर्ग ने कहा कि कोरोना के दौरान के संकट और खामियों से सबक लेते हुए एक ऑक्सीजन पालिसी के तहत करोड़ो रुपयों की लागत से बनने वाले अस्पतालों के पास अपना ऑक्सीजन प्लांट होना तथा ऑक्सीजन सिलेंडर का पर्याप्त स्टॉक रखने का गोदाम होना अनिवार्य होना चाहिए। मध्यम श्रेणी और छोटे अस्पताल आपस में पूल करके सभी पूल किए हुए अस्पतालों की आवश्यकता के लिए ऑक्सीजन प्लांट लगाएं। बिजली ग्रिड की तर्ज़ पर एक नेशनल ऑक्सीजन ग्रिड भी बनाया जाए। रेलवे नियमित तौर पर ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाए, ताकि देशभर में जीवन दायनी ऑक्सीजन समय पर पहुचती रहे।
हरीश गर्ग ने पत्र में यह भी सुझाव दिया कि ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने के नए प्लांट को प्राथमिकता के आधार पर मजूरी दी जाए, ताकि सिलेंडरों की कमी को दूर किया जा सके।ऑक्सीजन सिलेंडरों के लिए हर वक्त “ग्रीन कॉरिडोर” खुला रहे, ऐसा कानून में प्रावधान किया जाए। प्रत्येक बड़ी हाउसिंग सोसायटी, क्लब, रिजॉर्ट, होटल, स्टेडियम और बाजारों में उनकी क्षमता के हिसाब से एक मेडिकल रूम बनाना अनिवार्य किया जाए, जहां 1-2 बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर जैसी जरूरी चिकित्सा सुविधाओं को उपलब्ध किया जाए। नेशनल इंस्टीट्यट ऑफ़ डिज़ाइन एवं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ फैशन एंड ट्रेनिंग को कम कीमत वाली छोटी एंबुलेंस को डिजाइन बनाने के लिए कहा जाए, जो छोटी सड़कों पर भी आसानी से चल सके।
इसके अलावा देश के हर छोटे-बड़े शहरों में बड़ा या छोटा शहर की क्षमता के अनुसार एक ऑक्सीजन प्लांट बनाना अनिवार्य किया जाए। छोटी-बड़ी चिकित्सा सुविधाएं, जो जरूरत पर अभाव के चलते बहुत बड़ी लगती हैं, उनको फौरन पूरा करने के लिए मानव संसाधन बढ़ाने के के लिए योजना विशेषज्ञ बनाएं। विपरीत परिस्थितियों में छोटी-बड़ी मेडिकल इमरजेंसी के दौरान आसपड़ोस में रहने वाले लोग ही काम आ जाएं, इसके लिए नर्सिंग वेंटिलेटर ऑपरेटर, टेक्नीशियन आदि जैसी विद्याओं से जुड़े 3 महीने, 6 महीने, 9 महीने और 12 महीने के सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्सेज चिकित्सा से जुड़ी एजेंसियां डिजाइन करें। गर्ग ने प्रधानमंत्री मोदी को भरोसा देते हुए कहा है कि कोरोना से देश को बचाने के लिए देश के 40 हजार से ज्यादा व्यापारी संगठन पूरी क्षमता के साथ सरकार का सहयोग करने के लिए हर समय तैयार हैं।