यह बिल व्यापारियों और नागरिकों की छोटी-छोटी चूकों के कारण होने वाली पीड़ाओं को कम करने के लिए सराहनीय कदम: हरीश गर्ग
CHANDIGARH, 30 DECEMBER: केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल द्वारा गत 22 दिसंबर को संसद में पेश किया गया जनविश्वास बिल व्यापारियों और नागरिकों की छोटी-छोटी चूकों के कारण होने वाली पीड़ाओं को कम करने के लिए एक सराहनीय कदम है। ये कहना है कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के चंडीगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष हरीश गर्ग और उपाध्यक्ष प्रेम कौशिक, हरिशंकर मिश्रा और महासचिव भीम सेन का। उन्होंने कहा कि यह व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देगा, क्योंकि विधेयक का उद्देश्य 19 मंत्रालयों द्वारा प्रशासित 42 अधिनियमों के 183 प्रावधानों में से अपराधिकरण को कम करना है। यह निश्चित रूप से सरकार और नागरिकों के बीच आपसी विश्वास पैदा करने वाला कदम है।
हरीश गर्ग और उपरोक्त सभी व्यापारी नेताओं ने याद दिलाया कि हालांकि मोदी सरकार ने अतीत में बड़ी संख्या में पुराने कानूनों को खत्म कर दिया है, लेकिन हाल ही में कानूनी मेट्रोलॉजी अधिनियम के कुछ वर्गों को कम करने के लिए पीयूष गोयल की पहल और हाल ही में जीएसटी परिषद की बैठक ने भी कुछ को कम करने का फैसला लिया है। जीएसटी अधिनियम के प्रावधान और अब जन विश्वास विधेयक वास्तव में देश में सौहार्दपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण कारोबारी माहौल प्रदान करने के सरकार के इरादे को दर्शाता है।
व्यापारी नेताओं ने कहा कि देश में घरेलू व्यापार अभी भी पुराने और पुरातन कानूनों के ढेर से पीड़ित है, जो वर्तमान संदर्भ में महत्व खो चुके हैं और ऐसे कानूनों और अधिनियमों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को ध्यान में रखते हुए या तो रद्द कर दिया जाना चाहिए या ऐसे कानूनों में आवश्यक संशोधन किए जाने चाहिए।छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के अलावा यह कदम आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के बजाय अपराध की गंभीरता के आधार पर मौद्रिक दंडों को युक्तिसंगत बनाएगा।