एसआई की कार में आईईडी लगाने का मामला: पंजाब पुलिस ने हिमाचल से मुख्य आरोपी को दो साथियों समेत किया गिरफ्तार

पंजाब पुलिस ने इस मामले में आठ गिरफ्तारियां की, कैनेडा आधारित गैंगस्टर लखबीर लंडा के प्रत्यर्पण के लिए यत्न जारी: डीजीपी गौरव यादव

CHANDIGARH, 23 SEPTEMBER: मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिशा- निर्देशों पर समाज विरोधी ताकतों के विरुद्ध चल रही निर्णायक जंग के दौरान आई. एस. आई. हिमायत प्राप्त आतंकवादी नैटवर्कों को बड़ा झटका देते हुए पंजाब पुलिस ने आज मुख्य दोषी और आठवें दोषी के तौर पर युवराज सबरवाल उर्फ यश को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने कैनेडा स्थित गैंगस्टर लखबीर सिंह उर्फ लंडा के निर्देशों पर अमृतसर में सब- इंस्पेक्टर की कार के नीचे एक इम्परूवाईजड एक्सप्लोसिव डिवायस (आईईडी) लगाया था। डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने बताया कि ख़ुफिय़ा एजेंसी के नेतृत्व वाली कार्यवाही के दौरान नयी आबादी फैजपुरा के रहने वाले युवराज को हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि युवराज एक हिस्ट्री शीटर है और इरादातन कत्ल, डकैती और लूटपाट आदि समेत कई घृणित अपराधों में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि युवराज के साथ पुलिस ने उसके दो साथियों पवन कुमार उर्फ शिवा माची और साहिल उर्फ माची, दोनों निवासी चमरंग रोड अमृतसर को भी गिरफ्तार किया है, जोकि अपराधिक पृष्टभूमि वाले हैं और अमृतसर पुलिस को कत्ल, सनैचिंग, डकैती, लूटपाट आदि के कई अन्य मामलों में वांछित थे। दोनों मुलजिम अमृतसर के थाना मजीठा रोड में दर्ज डकैती केस में गिरफ्तार किये गए हैं, जबकि अमृतसर के थाना रणजीत ऐवीन्यू में दर्ज हुए आईईडी केस में भी उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। 

यह कार्यवाही, पंजाब पुलिस की तरफ से तरन तारन के पट्टी गाँव के दीपक (22), जो 16 अगस्त, 2022 को अमृतसर के सी-ब्लाक रणजीत ऐवीन्यू के क्षेत्र एस.आई. दिलबाग सिंह की रिहायश के बाहर उसकी ऐसयूवी बोलैरो (पीबी02-सीके-0800) के नीचे आईईडी लगाने वाले युवराज का साथी था, समेत सात व्यक्तियों को गिरफ्तार करने से चार हफ्ते बाद अमल में लाई गई है। स्थानीय पुलिस की तरफ से मौके से मोबाइल फ़ोन-ट्रिगरिंग आईईडी जिसका वजऩ 2.79 किलोग्राम और लगभग 2.17 किलो हाई विस्फोटक बरामद किया गया था। लौजिस्टिक, तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करने के दोष के तहत गिरफ्तार किये गए छह अन्य व्यक्तियों की पहचान बख़ास्र्त कांस्टेबल हरपाल सिंह और फतेहदीप सिंह, दोनों निवासी गाँव सभरा, तरन तारन; रजिन्दर कुमार उर्फ बाऊ निवासी हरीके, तरन तारन; खुशहालबीर सिंह उर्फ चिट्टू, वरिन्दर सिंह उर्फ अब्बू और गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी तीनों निवासी भिक्खीविंड, के तौर पर हुई।

डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि युवराज की गिरफ्तारी के साथ जहाँ पुलिस ने इस मामले में शामिल सभी मुलजिमों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है, वहीं सरहदी सूबे की शान्ति और सदभावना को भंग करने की साजिश रचने वाले कैनेडा स्थित गैंगस्टर लखबीर सिंह उर्फ लंडा के प्रत्यर्पण के लिए भी पुरज़ोर यत्न किये जा रहे हैं।  डी.जी.पी. ने दोहराया, ‘‘मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की तरफ से समाज विरोधी तत्वों के प्रति ज़ीरो-टौलरैंस अपनाने के कारण पंजाब पुलिस सूबे में से गैंगस्टरों और नशों का सफाया करने के लिए वचनबद्ध है।’’कौन है लंडा? 

लखबीर लंडा ( 33), जोकि तरन तारन का रहने वाला है और 2017 में कैनेडा भाग गया था, ने मोहाली में पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस हैडक्वाटर पर रॉकेट प्रोपेलड ग्रेनेड ( आरपीजी) आतंकवादी हमले की भी साजिश रची था। उसे पाकिस्तान स्थित वांछित गैंगस्टर हरविन्दर सिंह उर्फ रिन्दा का करीबी माना जाता है, जिसने बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के साथ हाथ मिला लिया था।

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