पंजाब के मुख्यमंत्री के विरुद्ध सोशल मीडिया पर जातिसूचक टिप्पणी करने का मामला: अनुसूचित जाति आयोग ने 16 नवंबर तक मांगी जांच रिपोर्ट

CHANDIGARH: पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने मुख्यमंत्री से संबंधित सोशल मीडिया पर जातिसूचक टिप्पणी करने के मामले की जाँच मुकम्मल करने के लिए इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो को करीब एक महीने का समय देते हुए 16 नवंबर, 2021 को जाँच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। आयोग के मैंबर श्री ज्ञान चंद ने बताया कि सितम्बर महीने के दौरान फ़ेसबुक पर एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री, पंजाब के बारे में जातिसूचक और भद्दी किस्म की टिप्पणी की थी, जिसका आयोग ने सू-मोटो नोटिस लेते हुए इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो पंजाब को जाँच करने के लिए कहा था।

उन्होंने बताया कि बीते दिनों डायरैक्टर, इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो द्वारा पेश हुए ए.आई.जी. बलराज सिंह ने लिखित तौर पर बताया कि ए.आई.जी. पुलिस, स्टेट साईबर क्रायम सैल निलांबरी जगदले द्वारा प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए और एस.सी./एस.टी. एक्ट, 1989 की धारा 3(1) (एक्स) के अंतर्गत थाना स्टेट साईबर क्राइम, फेज़-4, एस.ए.एस. नगर में मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस अधिकारी के मुताबिक विवादित फ़ेसबुक पोस्ट को डिलीट करने और सम्बन्धित फ़ेसबुक आई.डी. चलाने वाले व्यक्ति की जानकारी हासिल करने के लिए फ़ेसबुक लीगल अथॉरिटी को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 91 के अंतर्गत नोटिस भेजा गया था, जिसके जवाब में फ़ेसबुक लीगल अथॉरिटी द्वारा विवादित पोस्ट तो डिलीट कर दी गई, परन्तु फ़ेसबुक आई.डी. चलाने वाले व्यक्ति से सम्बन्धित जानकारी मिलनी अभी बाकी है। जानकारी आने के उपरांत अगली तफ़तीश अमल में लाई जाएगी। आयोग के सदस्य श्री ज्ञान चंद ने पुलिस को जल्द से जल्द जाँच मुकम्मल करने की हिदायत देते हुए दोषी को गिरफ़्तार करके 16 नवंबर, 2021 तक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।

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