राहुल गांधी ने अम्बानी और अडानी के हुक्मों पर भारत के किसानों और गरीबों को तबाह करने के लिए मोदी की कड़ी आलोचना की
कांग्रेस की ट्रैक्टर रैली को पहले दिन किसानों का ज़ोरदार समर्थन, राहुल गांधी को पंजाब की मिट्टी भेंट की
CHANDIGARH: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज पंजाब के साथ विश्वासघात करने के लिए अकालियों पर बरसते हुए कहा कि इन ‘गद्दारों’ को तो पंजाब के लोग देख लेंगे जबकि असली लड़ाई तो भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ है जो इन घातक खेती कानूनों के साथ किसानी को तबाह करने पर तुली हुई है।
राहुल गांधी की खेती बचाओ यात्रा के पहले दिन की समाप्ति के बाद जट्टपुरे में सार्वजनिक रैली को संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के साथ डटकर खड़ी है और खेती विरोधी कानूनों के खि़लाफ़ जो भी कदम उठाने पड़े उठाएगी और अकालियों के दोगलेपन का पर्दाफाश करेगी जबकि कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के विरुद्ध अपनी लड़ाई जारी रखेगी।
मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी द्वारा इस मुश्किल घड़ी में किसानों के साथ खड़े रहने के लिए उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि हम यहाँ अकालियों को देख लेंगे परन्तु मैं राहुल गांधी को केंद्र सरकार के साथ टक्कर लेने और प्रधानमंत्री बनने के समय इन नये कानूनों को रद्द कर देने की अपील करता हूँ।मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार को तो यह भी नहीं पता कि कृषि होती क्या है और वह अपने पूँजीपति मित्रों के लाभ के लिए आढ़तियों और किसानों के दरमियान सदियों पुराने रिश्ते तोडऩा चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि 70 प्रतिशत किसान पाँच एकड़ से कम ज़मीन के मालिक हैं और इनमें से भी ढाई एकड़ से कम वाले हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र की सत्ता में बैठे लोगों को किसानों की समस्याओं का कोई इल्म नहीं है जबकि किसानों ने दशकों से मुल्क का पेट भरा और यह यकीनी बनाया कि मुल्क को अनाज के लिए किसी के आगे हाथ न फैलाने पड़ें जैसे कि हरित क्रांति से पहले होता आया है।
सुखबीर बादल द्वारा एन.डी.ए. से नाता तोडऩे को किसानों के लिए बलिदान के किये जा रहे दावे पर तंज कसते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि अकालियों को क्या पता कि बलिदान क्या होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के गुस्सा और बेचैनी का सामना करते समय इन्होंने जो किया, वह सिफऱ् अपना राजनैतिक अस्तित्व बचाने के लिए किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी लड़ाई लड़ेगी और अकालियों का पर्दाफाश करेगी जिनको पंजाब के लोग नकार कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने केंद्र में कांग्रेस के सत्ता में आने पर काले कानून रद्द करने का वादा किया है और उनको भरोसा है कि ऐसा जल्द ही होगा।राहुल गांधी ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री की तरफ से अडानी और अम्बानी के हुक्मों पर किसानों, मज़दूरों, छोटे व्यापारियों, छोटे उद्योगों आदि को विनाश के कगार पर पहुँचा देने की सख़्त आलोचना की।
उन्होंने कहा कि नोटबन्दी के दौरान मोदी के अरबपति मित्रों को कतारों में नहीं खड़ा होना पड़ा और यहाँ तक कि कोविड के दौरान भी उनके टैक्स माफ कर दिए गए जबकि गरीब अभी भी धक्के खा रहा है। उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों को अभी भी नहीं पता कि जी.एस.टी क्या है।राहुल गांधी ने कहा कि यह सडक़ें, जिनको किसान अपनी फ़सल मंडियों में लेजाने के लिए ईस्तेमाल करते हैं, अडानी और अम्बानी ने नहीं बनाईं बल्कि मंडी फीस आदि की कमाई के साथ बनाईं गई हैं।
उन्होंने किसानों को सावधान करते हुए कहा कि इन नये कानूनों से मंडियां ख़त्म हो जाएंगी और उनके लिए अपना अनाज बेचने के लिए जहाँ भी जाना हो, उसके लिए कोई रास्ता नहीं बचेगा। सदियों से पंजाबियों की बेमिसाल बलिदानों को याद करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को तबाह करके पंजाब की कमर तोडऩे की कोशिश कर रही है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी केंद्र की भाजपा सरकार को कृषि ढांचे को तबाह नहीं करने देगी जो सालों से किसानों की सहायता के लिए खड़ा किया गया है।
राहुल गांधी ने कहा कि किसाना न तो मोदी सरकार के आगे कमज़ोर हैं और न ही डरते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कृषि को तबाह कर देने के केंद्र के यत्नों को रोकने के लिए किसान भाईचारे के साथ कंधे से कंधा जोडक़र खड़ी रहेगी।जट्टपुरा में राहुल गांधी और कैप्टन अमरिन्दर सिंह को रायकोट हलके की समूह पंचायतों की तरफ से काले कानूनों के खि़लाफ़ पास किये गए प्रस्ताव भी सौंपे गए।
इससे पहले चक्कर, लक्खा और माणूंके गाँवों में से ट्रैक्टर के द्वारा गुजऱते हुए राहुल गांधी और कैप्टन अमरिन्दर सिंह किसानों को मिले और उन्हें भरोसा दिया कि इस लड़ाई में कांग्रेस पार्टी का पूरा समर्थन किसानों के साथ है। ‘किसान बचाओ, खेती बचाओ’ रैली के दौरान कैप्टन अमरिन्दर ने दोहराया कि उनकी सरकार वह हर कदम उठाएगी जो किसानी को बचाने के लिए ज़रूरी होगा, इसमें कानूनी विकल्प भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि शायद केंद्र सरकार गलवान घाटी में चीन के खि़लाफ़ लड़ते हुए पंजाबी फौजियों द्वारा दी गई बलियों को भूल गई है परन्तु वह इन बलियों को बेकार नहीं जाने देंगे जैसे कि भाजपा कर रही है। राहुल गांधी ने कहा कि ताज़ा पास किये गए तीन किसानी कानून ही सिफऱ् भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लिए गए लोक विरोधी फ़ैसले नहीं हैं बल्कि इन कानूनों के द्वारा वह कृषि क्षेत्र और मंडी व्यवस्था को विनाश के कगार पर ले गई है।
चक्कर में, लुधियाना से लोकसभा मैंबर रवनीत बिट्टू ने राहुल को ‘पंजाब की मिट्टी’ भेंट करते हुए माँग की कि वह प्रधानमंत्री की तरफ से थोपे गए किसान विरोधी कानूनों से पंजाब को और किसानों को बचाने के लिए ज़ोरदार प्रयास करें। बिट्टू ने कहा कि पंजाब पूरे देश का पेट भरता है और रोज़ाना कम से कम 40-50 रेलें अनाज भरकर देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजी जाती हैं ताकि कोई भूखा न रहे।
यह ट्रैक्टर रैली जिन गाँवों में से भी गुजऱी वहां के लोगों ने इसका भरपूर स्वागत किया ख़ास तौर पर महिलाओं और नौजवानों ने बहुत उत्साह दिखाया। कई स्थानों पर लोगों ने हाथों में तख़्तीयां उठाईं हुई थीं जिन पर लिखा था ‘पंजाब के पानी का रक्षक कैप्टन अब किसानी का रक्षक बनेगा।’लोपों गाँव में राहुल गांधी को संत दरबार सम्प्रदाय की तरफ से सरोपा दिया गया।
माणूंके गाँव में राहुल मक्का काश्तकारों भूपिन्दर सिंह पप्पू और रणजीत सिंह को मिले जिन्होंने किसानों की तरफ़ से राहुल का धन्यवाद प्रकट करने के लिए उसे मक्के की बाली भेंट की।आढ़ती एसोसिएशन द्वारा विजय कालरा ने राहुल गांधी को इन काले कानूनों के साथ आढ़तियों को आने वाली मुश्किलों बाबत बताया और राहुल ने भरोसा दिया कि कांग्रेस पार्टी इन बर्बर कानूनों का पूरे ज़ोरदार तरीके से विरोध करेगी।
ट्रैक्टरों का यह काफि़ला पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ और दीपेंद्र हुडा के नेतृत्व में था और राहुल गांधी और कैप्टन अमरिन्दर सिंह उनके साथ ट्रैक्टर पर बैठे थे। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महा सचिव हरीष रावत और के सी वेनूगोपाल, पंजाब के कैबिनेट मंत्री, सांसद, विधायक और अन्य नेता बाकी ट्रैक्टरों पर उनके पीछे चल रहे थे।