पंजाब में भाजपा के सभी सीटों पर लड़ने व सीबीआई को लेकर कैप्टन ने दिया बड़ा बयान

कहा- सीबीआई राजनीति के लिए इस्तेमाल की जाती है, बिना आज्ञा एजेंसी को पंजाब में दाखि़ल नहीं होने दिया जाएगा

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा- पंजाब में विधानसभा की सभी सीटों पर लड़ने के लिए भाजपा का स्वागत है, परन्तु बिना गठजोड़ के एक भी सीट नहीं जीत सकेगी

CHANDIGARH: बरगाड़ी मामले में सी.बी.आई. के रिकॉर्ड के चलते मामले को बिना जांच के बंद कर दिया, का हवाला देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो को अपने राज्य में बिना आज्ञा के दाखि़ल होने की इजाज़त नहीं देगी। पंजाब समेत आठ राज्यों द्वारा सी.बी.आई. को बिना आज्ञा दाखि़ल होने की इजाजत वापस लेने की तरफ इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एजेंसी का अधिक से अधिक प्रयोग राजनीति करने के लिए किया जा रहा है और सी.बी.आई. के द्वारा निष्पक्ष जांच यकीनी नहीं बनाई जा सकती।

भारतीय जनता पार्टी को पंजाब के राजसी क्षेत्र में महत्वहीन गिनते हुए मुख्यमंत्री ने एक टी.वी. चैनल से कहा कि भाजपा का राज्य में सभी 117 विधानसभा सीटों पर लडऩे के लिए स्वागत है, परन्तु यह पार्टी बिना किसी गठजोड़ हिस्सेदार के एक भी सीट नहीं जीत सकती। उन्होंने कहा कि वास्तव में कांग्रेस को पंजाब में कोई चुनौती नहीं है। यहां तक कि अकाली दल और आम आदमी पार्टी से भी कोई ख़तरा नहीं है। उन्होंने कहा कि इन पार्टियाँ में से किसी ने भी राज्य के हित के लिए कभी भी सकारात्मक बात नहीं की।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राज्य में मतदान को अभी 18 महीने के करीब समय पड़ा है और यह कहना संभव नहीं कि मतदान के समय पर कौन सा मुद्दा भारी रहेगा। उन्होंने उम्मीद अभिव्य की कि भाजपा किसानों की मुश्किलों का जल्द हल करेगी। उन्होंने कहा कि किसान एम.एस.पी. का बनाए रखना चाहते हैं और भारत सरकार को यह यकीनी बनाने के लिए कदम उठाने चाहिएं। उन्होंने केंद्र और किसानों दोनों द्वारा सख्त फ़ैसले पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि किसान संघर्ष लंबे चलने से सरहद पर बैठे सैनिकों को पहुंचाई जाने वाली सप्लाई प्रभावित होगी, जबकि यह पंजाब के हितों का भी नुकसान कर रहा है।

उन्होंने कहा कि हालांकि संघर्ष किसानों का प्रजातांत्रिक और संवैधानिक हक है, जिसका केंद्र सरकार को भी एहसास है क्योंकि उनकी तरफ से बातचीत के लिए किसान संगठनों को बुलाने का फ़ैसला किया गया था। मुख्यमंत्री ने यह बात दोहराई कि वह कॉर्पोरेटों द्वारा पंजाब में अनाज खरीदने का स्वागत करते हैं, बशर्ते वह मौजूदा मंडीकरण व्यवस्था का पालन करते हों, जो किसान और आढ़तिओं के बीच नज़दीकी संबंधों पर बना हुआ है। उन्होंने भाजपा के उन दोषों को रद्द किया जिसमें उन्होंने कांग्रेस और अन्य केंद्र विरोधी पार्टियों पर किसानों को गुमराह करने के दोष लगाए थे।

उन्होंने कहा कि समूची पंजाब विधानसभा ने सर्वसहमति ने कृषि कानूनों को रद्द किया चाहे कि कुछ पार्टियों ने अपनी राजसी मजबूरी के चलते बाद में यू-टर्न ले लिया। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जब बिलों को संसद में लाया जा रहा था तो पंजाब सरकार समेत सभी सम्बन्धित पक्षों की राय लेनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि यह सब करने की बजाय बिना बहस के बिल पास कर दिए गए। कांग्रेस में असहमति को आंतरिक लोकतंत्र का संकेत देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन्होंने पार्टी हाई कमांड को पत्र लिखा था, उनको पार्टी प्रधान सोनीया गांधी द्वारा गठित अहम कमेटियों में शामिल किया गया है।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मतदान के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस बात की लम्बे समय से माँग कर रहे हैं परन्तु अकाली दल शिरोमणि कमेटी की मतदान करवाना नहीं चाहता, क्योंकि वह इसको अपने राजसी हितों के लिए ईस्तेमाल करते हैं। भारतीय जल सेना द्वारा अन्य देशों के साथ मिलकर की जा रही साझे प्रशिक्षण का स्वागत करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि चीन और पाकिस्तान के भारत विरुद्ध नापाक मंसूबे सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब शान्ति और विकास चाहता है और पंजाब किसी भी कीमत पर पाकिस्तान को मुसीबत पैदा करने की आज्ञा नहीं देगा।

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