CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी में अनुशासहीनता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और यह भी कहा कि यदि नवजोत सिंह सिद्धू उनके खिलाफ चयन लडऩा चाहता है तो वह आजाद है परन्तु उसका हाल भी जनरल जे.जे. सिंह जैसा होगा जिसकी जमानत तक जब्त हो गई थी।
एक प्राईवेट चैनल को इंटरव्यू के दौरान मुख्यमंत्री ने नवजोत सिंह सिद्धू को चुनौती दी कि वह यह स्पष्ट करे कि वह कांग्रेस पार्टी का मैंबर है या नहीं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘अगर है तो उसका लगातार मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ बोलना आचार संहिता के उल्लंघन के समान है।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बागी को यह तय कर लेना चाहिए कि वह किस तरफ है क्योंकि कांग्रेस में वह पार्टी के अनुशासन को तोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा उसे वापस नहीं लेगी और जहाँ तक अकाली दल की बात है, वह भी उससे रूठ चुके हैं।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ की सराहना करते हुये मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वह अपना काम बहुत बढिय़ा कर रहे हैं और अपनी जिम्मेदारियां भी बखूबी निभा रहे हैं, इसलिए सिद्धू को जाखड़ की जगह नियुक्त करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘सिर्फ चार साल ही हुए जब सिद्धू कांग्रेस में शामिल हुआ और यहाँ कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने अपना राजनैतिक कॅरियर यूथ कांग्रेस से शुरू किया और वह उससे कहीं ज्यादा सीनियर हैं, इस कारण उसे उप-मुख्यमंत्री या प्रदेश कांग्रेस प्रधान का पद कैसे दिया जा सकता।’
कैबिनेट मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा और सुनील जाखड़ की तरफ से इस्तीफे देने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इसको रद्द कर दिया है।
हाई कोर्ट की तरफ से हाल ही में कोटकपूरा गोलीकांड की जांच कर रही एस.आई.टी. को खारिज देने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नयी एस.आई.टी. की मंजूरी दे दी गई है जो मामले को कानूनी निष्कर्ष पर ले जायेगी। हालाँकि, उन्होंने कहा कि अदालत का फैसला इसके दायरे से बाहर चला गया और यह न्यायिक नहीं बल्कि एक राजनैतिक निर्णय है। केस में देरी के मुद्दे पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्पष्ट किया कि हाई कोर्ट के हाल ही में आए फैसले में बेअदबी के मामलों से कोई सम्बन्ध नहीं है और यह फैसला कोटकपूरा गोलीकांड से सम्बन्धित है। बेअदबी केस चल रहे हैं और इनमें कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह पिछली अकाली सरकार थी जिसने केस सी.बी.आई. को केस सौंप दिए थे और मौजूदा कांग्रेस सरकार ने केस की फाइलें वापिस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच की थी।
कोविड की महामारी के मद्देनजर राज्य में आक्सीजन की सप्लाई के मुद्दे की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को रोजमर्रा के 300 मीट्रिक टन आक्सीजन की जरूरत है परन्तु केंद्र सरकार ने हाँ-समर्थकी समर्थन नहीं दिया। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार कोविड मरीजों को बेहतर मैडीकल सहायता देने को यकीनी बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही और एल -2 और एल -3 बैडों की उपयुक्त संख्या है और 2200 और बैड शामिल किये जाना प्रक्रिया अधीन है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘टीकाकरण के सम्बन्ध में हमारे पास सिर्फ एक दिन का स्टाक बचा है और इसी कारण स्वास्थ्य विभाग को 18-45 साल के उम्र वर्ग के लिए कोविडशीलड की 30 लाख खुराकें खरीदने का आर्डर देने के लिए निर्देश दिए गए हैं।’
गेहूँ की खरीद और बारदाने की कमी से सम्बन्धित मसलों संबंधी जानकारी देते हुए उन्होंने भारत सरकार पर इसकी कमी का दोष लगाया। उन्होंने कहा कि बारदाने का वितरण भारत सरकार के द्वारा नियुक्त जुट कमिशनर द्वारा नियंत्रित किया जाता है। उन्होंने आगे बताया कि पंजाब सरकार के द्वारा 20 करोड़ बारदाने की माँग की गई थी परन्तु केंद्र सरकार समय पर इजाजत देने में नाकाम रही। राज्य सरकार गेहूँ की खरीद होने की तारीख 10 अप्रैल तक भी भारत सरकार से 4 करोड़ बारदाना खरीदने सम्बन्धी इजाजत का इन्तजार कर रही थी। यह इजाजत आखिरकार 16 अप्रैल को दी गई जो कि खरीद शुरू होने से छह दिन की देरी से थी।
डी.बी.टी. (सीधी अदायगी) के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने बताया कि 48 घंटों की निर्धारित समय सीमा के दरमियान किसानों के खातों में 12260 करोड़ रुपए डाले जा चुके थे। उन्होंने आगे बताया कि केंद्र सरकार द्वारा सीधी अदायगी शुरू किये जाने से पहली बार कुछ मुश्किलें पेश आईं जिनको अब किसानों की तसल्ली के मुताबिक सुलझा लिया गया है।
राज्य भर में कोविड की गंभीर स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि अपनी और अपने परिवारों की सुरक्षा के लिए सेहत सम्बन्धी प्रोटोकोल की पालना की जाये। राज्य में कोविड के बढ़ते जा रहे मामलों के मद्देनजर राज्य सरकार ने यह फैसला किया है कि नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के समागम न करवाए जाएँ और इसकी बजाय लोगों को घरों में ही रह कर ‘सरबत का भला’ के लिए अरदास करने की अपील की गई है जिससे बड़े भीड़ों से बचा जा सके।