दलित छात्रों के भविष्य के साथ राजनीति करना बंद करे कैप्टन सरकार: कैंथ

पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले की जांच सीबीआई से करवाए कांग्रेस सरकार 

CHANDIGARH: कॉलेजों की संयुक्त एसोसिएशन (जॉइंट एसोसिएशन आफ कॉलेजेस) ने डॉ. बीआर अंबेडकर पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को लागू करने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की अपील से असहमति जताते हुए नई पोस्ट मैट्रिक स्कीम के अधीन अनुसूचित जाति के 3 लाख छात्रों को वर्ष 2020-2021 में जाति के छात्रों को दाखिला देने से साफ इंकार कर दिया है।

आज, नेशनल शेड्यूल्ड कास्टस अलाइंस के अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ ने कहा कि कैप्टन सरकार अनुसूचित जाति के गरीब परिवारों के छात्रों का शोषण कर उनका भविष्य बर्बाद कर रही है।

उन्होंने आगे कहा कि पंजाब सरकार द्वारा लिए गए एकतरफा फैसले को कॉलेजों के संयुक्त संघ के नेताओं ने खारिज करके नई पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का भोग डाल दिया है। 1650 कालेजों एवं विश्वविद्यालयों के संगठन ने कहा कि वो कैप्टन सरकार की 60-40 वाली नीति का विरोध करते हैं।

कैंथ ने कहा कि कैप्टन सरकार अनुसूचित जातियों के छात्रों के साथ राजनीति करना बंद करे और सामाजिक न्याय व अधिकार विभाग के कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसित को तुरन्त हटाए, साथ ही पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम में हुए घोटाले की सीबीआई जांच कराने की अपनी नैतिक जिम्मेवारी को निभाए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का दलित-हितैषी चेहरा अनुसूचित जातियों के छात्रों के लिए घातक और भविष्य के लिए विनाशकारी साबित हुआ है।

कैंथ ने कहा कि बीते दिनों में कांग्रेस पार्टी के अनुसूचित जाति के विधायकों और मंत्रियों द्वारा कैप्टन अमरिंदर सिंह के इशारे पर ग्रुप फोटो लेकर सर्वसम्मति का को संदेश देने की कोशिश की है, उसमें वो कभी सफल नहीं होंगे।

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