2775 करोड़ रुपए की लागत वाली इस मुहिम से पंजाब के ग्रामीण क्षेत्र का बदलेगा रूप
CHANDIGARH: कांग्रेसी नेता राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज राज्य के ग्रामीण क्षेत्र की मुकम्मल तौर पर कायाकल्प करने के लिए 2775 करोड़ रुपए की लागत वाली पंजाब की ‘स्मार्ट गाँव मुहिम’ के दूसरे पड़ाव की वर्चुअल तौर पर शुरुआत की।
राहुल गांधी ने नई दिल्ली से मुहिम की शुरुआत की जबकि मुख्यमंत्री और पंजाब के मंत्री, अधिकारी और सरपंचों ने 1500 डिजिटल स्थानों से शिरकत की और राज्यभर में 48910 कार्यों की शुरूआत का आग़ाज़ किया।
राहुल गांधी द्वारा इस यादगार पलों का हिस्सा बनने पर ख़ुशी ज़ाहिर करते मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्कीम ग्रामीण रूप को बदलने की उनकी सरकार की रणनीति की लड़ी के तौर पर प्रौद्यौगिकी की ख़ूबियों के द्वारा लोगों का जीवन स्तर ऊँचा उठाने के लिए व्यापक स्तर पर ग्रामीण बुनियादी ढांचा सृजन करेगी।
उन्होंने दूसरे पड़ाव अधीन अलग-अलग स्कीमों के लिए फंड के उचित आवँटन का भरोसा दिया जो पहले पड़ाव की सफलतापूर्वक समाप्ति के बाद शुरू की गई हैं। पहले पड़ाव का आग़ाज़ साल 2019 में किया गया था जिसके लिए 835 करोड़ रुपए की लागत से 19,132 कार्य किये गए थे।मुल्क की नींव मज़बूत रखने के लिए गाँवों की महत्ता का जि़क्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ग्रामीण ढांचे में किसी तरह की कमज़ोरी मुल्क की प्रगति में रुकावट पैदा करेगी।
उन्होंने भारत की उन्नति के लिए इन नींवों को मज़बूत करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि गाँवों और यहाँ के लोगों की सुरक्षा शहरों और मुल्क को बचाने के लिए सहायक होगी। कांग्रेसी सांसद ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार की तरफ से ग्रामीण बुनियादी ढांचे के सुधार के लिए किये जा रहे कार्यों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि गाँव में खर्च किया जा रहा पैसा राज्य के लोगों की ख़ून-पसीने की कमाई है और एक-एक पैसा भ्रष्टाचार से मुक्त होकर लाभार्थीयों तक पहुँचना चाहिए।राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ज़मीनी स्तर पर काम करने में विश्वास रखती है और कांग्रेस की सरकारों ने पंचायतों के विचार जानने के बाद ही अपने प्रोग्रामों की शुरुआत की है।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट गाँव मुहिम के अंतर्गत स्कीमें भी निचले स्तर पर विचार-विमर्श करने के बाद तैयार की गई हैं जिससे निश्चित रूप से वांछित नतीजे सामने आएंगे।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इस मुहिम के पहले पड़ाव में छप्पड़ों की सफ़ाई, स्ट्रीट लाईटों, पार्क, जिम्नेजियम, कम्युनिटी हॉल्स, पेयजल आपूर्ति, मॉडल आंगनवाड़ी केन्द्र, स्मार्ट स्कूल और अवशेष प्रबंधन जैसे मुख्य क्षेत्रों को प्रथमिकता दी गई जिससे अनुकूल वातावरण मुहैया करवाकर पंजाब के गाँवों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दूसरे पड़ाव में पंजाब में 13,264 पंचायतों को उचित फंड प्रदान किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इच्छा उन मकान मालिकों की सहायता करने की भी है जो कच्ची छत वाले घरों में रह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ‘हर घर पक्की छत’ के मनोरथ से गाँवों के गरीबों को बेहतर सहूलतें मुहैया करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि ऐसा करते हुए उद्देश्य समग्र विकास का होगा और मिसाल के तौर पर इन परिवारों में महिला प्रमुख परिवार, दिव्यांग व्यक्तियों, गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति, शहीदों के परिवार, अनुसूचित जातियों आदि को शामिल किया जायेगा।इसके अलावा साल 2020-21 के लिए ग्रामीण इलाकों में विकास के लिए 750 स्टेडियम बनाऐ जा रहे हैं।
इस उद्देश्य के लिए एक ब्लॉक में कम-से-कम पाँच स्टेडियम बनाने का लक्ष्य है। नये डिज़ाइन के चार एकड़, दो एकड़ और एक एकड़ वाले खेल के मैदान विकसित किये गए हैं।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के पवित्र अवसर के हिस्से के तौर पर हर गाँव में 550 पौधे लगाऐ गए जिसके अंतर्गत राज्य के सभी गाँवों में 77 लाख पौधे लगाऐ गए और इन पौधों की संभाल के लिए 22000 वन मित्र भी नियुक्त किये गए हैं।
इसके परिणामस्वरूप साल 2017 से हरियाली अधीन 11363 हेक्टेयर क्षेत्रफल बढ़ा।अपनी सरकार के महत्वपूर्ण और लोक समर्थकीय कदमों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि घर-घर रोजग़ार प्रोग्राम के अंतर्गत 15.32 लाख नौजवानों को रोजग़ार के मौके मुहैया करवाए गए जबकि साल 2020-22 तक एक लाख सरकारी नौकरियाँ दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार की तरफ से हाल ही में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सरकारी नौकरियों में सीधी भर्ती में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण किया गया।
राज्य सरकार की तरफ से आरंभ की गई महात्मा गांधी सरबत विकास योजना का जिक्र करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि 11.05 लाख व्यक्तियों को लाभ /राहत प्रदान की गई जिससे समाज के पिछड़े वर्गों के समग्र विकास को यकीनी बनाया जा सके।इस मौके पर ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने स्मार्ट गाँव मुहिम के अंतर्गत विकास स्कीमों को तय समय में पूरा करने के लिए गहरी रूचि दिखाने पर पंचायतों की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि पंचायतों के इसी उद्यम ने राज्य सरकार को दूसरे पड़ाव में तीन गुणा पूँजी लागत बढ़ाने के लिए उत्साहित किया।वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि चाहे पंजाब वित्तीय संकट से गुजऱ रहा है परन्तु ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विकास की गति इसी तरह जारी रहेगी।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि स्वर्गीय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा देखे गए सपने की तर्ज पर स्मार्ट गाँव मुहिम ग्रामीण क्षेत्र का रूप बदलने में सहायक सिद्ध होगी। जाखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पंचायती संस्थाओं और शहरी स्थानीय इकाईयों में 50 प्रतिशत आरक्षण को यकीनी बनाने के लिए बधाई दी।
पंजाब कांग्रेस के प्रमुख बरिन्दर सिंह ढिल्लों ने मुख्यमंत्री के विरोधियों पर बरसते कहा, ‘‘आप कैप्टन अमरिन्दर सिंह को पंजाब से बाहर कर सकते हो परन्तु पंजाब को कैप्टन अमरिन्दर सिंह के दिल से कभी बाहर नहीं कर सकते।’’
इस दौरान पाँच सरपंचों जिनमें पटियाला जिले के गाँव पिलखानी के सरपंच बूटा सिंह, महादीपुर के हरभजन सिंह, जि़ला एस.ए.एस. नगर (मोहाली) के गाँव पत्तों से रुपिन्दर कौर और गाँव बाकरपुर से जगतार सिंह, फतेहगढ़ साहिब जिले के गाँव हवारा कलाँ से सतनाम कौर शामिल हैं, ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ बातचीत की और उनके गाँवों में चल रहे विकास कार्यों बारे जानकारी साझा की।
इस प्रोग्राम में सभी कैबिनेट मंत्रियों, कांग्रेस के संसद सदस्यों, विधायकों के अलावा मुख्य सचिव विनी महाजन, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह और ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के प्रमुख सचिव सीमा जैन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये शिरकत की।