पंजाब के मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक से वॉकआउट करने पर केजरीवाल की पार्टी की कड़ी निन्दा की
कहा- प्रस्ताव पास करन से कुछ मिनट पहले शर्मनाक ढंग से वॉकआउट कर जाने से आप का किसान मुद्दे पर दोगला चेहरा बेनकाब हुआ
CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने संघर्षशील किसानों के हक में प्रस्ताव पास करने से कुछ मिनट पहले सर्वदलीय बैठक से वॉकआउट कर जाने पर आम आदमी पार्टी की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि इससे अरविन्द केजरीवाल की पार्टी का दोगला चेहरा एक बार फिर से नंगा हो गया जो किसानों के मामलों पर अपने संकुचित राजनैतिक लाभ देख रही है।
दिल्ली की सरहदों पर राज्य के आंदोलनकारी किसानों को सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए पंजाब पुलिस के कर्मचारी तैनात करने के लिए आप की ‘बेहूदा और स्पष्ट रूप से ग़ैर-कानूनी’ माँग को मुख्यमंत्री की तरफ से मानने से इन्कार कर देने के बाद आप मैंबर मीटिंग से वॉकआउट कर गए।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लगभग चार घंटे चली मीटिंग में संकट की इस घड़ी में बाकी पंजाब के साथ किसानों के हक में डटे होने का बहाना करने के बाद आप सदस्यों ने उस माँग को लेकर वॉकआउट कर दिया, जिसको राज्य सरकार नहीं मान सकती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘स्पष्ट तौर पर मीटिंग की शूरआत से ही आप सदस्यों की तरफ से राज्य और यहाँ के किसानों का समर्थन करने की कोई नीयत नहीं थी, जिसका पता इस प्रस्ताव पर एकमत होने की सहमति प्रकट करने से कुछ मिनट पहले ही वॉकआउट किये जाने से चलता है।
आप की इन कार्यवाहियों को सुनियोजित रणनीति का हिस्सा बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह कैसे संभव हो सकता कि राष्ट्रीय पक्ष होने का ढकोसला करने वाली पार्टी को यह न पता हो कि कोई भी राज्य पुलिस, किसी अन्य राज्य में साधारण ढंग से नहीं घुस सकती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसान-हितैषी होने का दावा करने वाली पार्टी पूरी तरह ग़ैर-कानूनी माँग को लेकर किसानों के साथ सम्बन्धित मसले पर आम सहमति बनाने के लिए बुलाई गई अहम मीटिंग का वॉकआउट कैसे कर सकती है? यदि उनको वास्तव में ही राज्य और यहाँ के लोगों की चिंता थी तो पंजाब के हितों के समर्थन वाली सभी पार्टियाँ द्वारा की गई संयुक्त पहल का उन्होंने समर्थन क्यों नहीं किया।’’
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि आप को न किसानों और न ही पंजाब की चिंता है, जैसे कि उनके कारनामों से साफ़ ज़ाहिर होता है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे संजीदा और संवेदनशील मुद्दे पर भी संकुचित राजनीति से ऊपर न उठते हुए आप ने ख़ुद को एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी की कठपुतली साबित कर दिया है। उन्होंने साफ़ किया कि इन दोनों पार्टियों ने आपस में मिलीभगत करते हुए किसानों के आंदोलन को कमज़ोर किया है। उन्होंने इस तथ्य की तरफ ध्यान दिलाया कि भाजपा और आप के मैंबर गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले में हिंसा भडक़ाते हुए कैमरो में कैद हो गए थे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, ‘‘आप द्वारा वॉकआऊट करना यह साबित करता है कि यह पार्टी सत्ताधारी भाजपा की तरफ से किसानों, जो कि केजरीवाल की पार्टी के शासन वाली राष्ट्रीय राजधानी की सरहदों पर पीटे गए, परेशान किये, लताड़े और देश के दुश्मन समझे जा रहे हैं, के हितों को नुक्सान पहुँचाने की साजिश का हिस्सा हैं।’’
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब आप ने पंजाब में खेती कानूनों के मुद्दे पर दोहरे मापदंड अपनाए हों। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘विधानसभा में प्रांतीय संशोधन बिलों का समर्थन करने के बाद वह पहले भी मुकर चुके हैं।’’ उन्होंने आगे बताया कि इस बार भी आप के नेताओं ने सदन में जो बात कही, बाहर जाकर उससे पलट गए।
मुख्यमंत्री ने आप की लीडरशिप को सवाल किया, ‘‘क्या आपको कोई शर्म है?’’ उन्होंने यह भी कहा कि आज के रवैए ने पंजाब में हमेशा के लिए आप की किस्मत का दरवाज़ा बंद कर दिया है। मुख्यमंत्री ने आगे बताया, ‘‘यदि पंजाब के लोग आपको आपकी ही शर्मनाक हरकतों की तरह जवाब देने पर उतर आए तो आपको मुँह छिपाने के लिए भी कहीं जगह नहीं मिलेगी।’’