कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इसी साल सेवा केन्द्रों में सभी 500 नागरिक सेवाओं की शुरुआत करने के दिए आदेश
सेवा केन्द्रों से सीधी होम डिलीवरी और तत्काल सेवाएं तुरंत शुरू करने के निर्देश
CHANDIGARH: नागरिक केंद्रित शिकायतों का निवारण करने के मद्देनजऱ पंजाब सरकार इस महीने के आखिर तक सिंगल नंबर वाला राज्य स्तरीय काल सैंटर स्थापित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस सम्बन्धी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को आदेश दिए हैं कि शिकायत निवारण प्रणाली में और तेज़ी लाने और इस साल के अंदर राज्य में सेवा केन्द्रों के द्वारा सभी 500 नागरिक सेवाओं को आनलाइन करने की हिदायतें जारी कर दीं हैं।
उन्होंने अलग-अलग स्तर पर 503 कर्मचारियों की भर्ती को मंजूरी भी दे दी है जिससे इस प्रक्रिया को और तेज़ किया जाये।पंजाब राज ई-गवर्नेंस सोसायटी (पी.एस.ई.जी.एस.) के बोर्ड आफ गवर्नरज़ की वर्चुअल मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये मुख्यमंत्री ने आदेश दिए कि नागरिकों की सुविधा के लिए होम डिलीवरी की सेवाओं और तत्काल सेवाओं को तुरंत सेवा केन्द्रों से शुरू किया जाना चाहिए।
उन्होंने नागरिक केंद्रीय सेवाओं की प्रणाली के मुकम्मल कम्प्यूटरीकरन और डिज़ीटाईजेशन के भी आदेश दिए जिससे सेवाओं को और भी कारगार और समय पर मुहैया करवाना यकीनी बनाया जा सके।इस समय पर सेवा केन्द्रों के द्वारा अलग-अलग विभागों की 329 सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं और सांझ केंद्र (पुलिस) और फ़र्द केंद्र (राजस्व) को भी हाल ही में इस प्रणाली के दायरे के तहत लाया गया। इन सेवाओं से रिकार्ड के कम्प्यूटरीकरन और डिजिटल ढंग से संभाला जा सकेगा।
इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मुख्यमंत्री ने विभाग को अलग-अलग स्तर पर 503 कर्मचारी रखने की मंजूरी दी है जिनमें मुख्य तकनीकी अधिकारी, मुख्य डाटा अधिकारी और आई.टी. हुनर वाले सिस्टम मैनेजर, बिजनेस विश्लेषक, नैटवर्क आप्रेटरज़, आई.टी. सहायक शामिल होंगे।
कोविड महामारी के कारण आपसी मेल-मिलाप घटाने के लिए सरकारी दफ्तरों के कामकाज को सुचारू ढंग से यकीनी बनाने के लिए ई-आफिस की सफलता का जि़क्र करते हुये मुख्यमंत्री ने सभी डायरैक्टोरेट, जि़ला और फील्ड दफ्तरों, बोर्ड और निगम आदि समेत राज्य सरकार के सभी दफ्तरों में 31 मई तक ई -आफिस अपनाने के भी आदेश दिए।
मीटिंग के उपरांत सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इससे राज्य कागज़ -रहित सरकारी कामकाज की तरफ कदम उठायेगा जिससे कार्यकुशलता बढ़ेगी और मानवीय दख़लअंदाजी कम से कम होगी।यह बताते हुए कि सभी फील्ड अधिकारियों की सांझी कोशिशों और बारीकी से की जाती निगरानी के कारण ही नागरिक सेवाओं की आवेदनों की मौजूदा लम्बित संख्या 0.53 प्रतिशत है और पिछले दो सालों से यह एक प्रतिशत से कम है, मुख्यमंत्री ने विभाग को निर्देश दिए कि पंजाब एंटी रेड टेप एक्ट, 2021 के अनुसार नियमों की पालना के बोझ को घटाने के लिए अलग-अलग विभागों में सरकारी कामकाज की फिर जुगतबंदी सम्बन्धी तालमेल किया जाये। पंजाब शिकायत निवारण प्रणाली (पी.जी.आर.एस.) की विस्तार में समीक्षा की गई और सभी विभागों को कहा गया कि लम्बित शिकायतों का स्तर ज़ीरो पर लाया जाये।
मीटिंग के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला गया कि चार जिलों जालंधर, होशियारपुर, गुरदासपुर और पटियाला में लम्बित मामलों की संख्या 0.1 प्रतिशत से भी कम है। विकास नीतियों /स्कीमों को लागू करने, नीतिगत फीडबैक और विकास योजनाओं और प्रोजेक्टों की प्रभावशाली निगरानी के लिए विभागों और जिलों को सहायता प्रदान करने में गवर्नेंस फैलोज़ और जि़ला विकास फैलोज़ की भूमिका और योगदान की समीक्षा की गई और प्रशंसा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकादमिक और विश्वव्यापी संगठनों के सहयोग से नवीन प्रोग्रामों और कार्य प्रणालियों को मज़बूत किया जाये और जहाँ संभव हो सभी विभागों में प्रशासन के सुधार के मापदंड के लिए यथावत लागू किया जाना चाहिए।