पंजाब सरकार ने कोविड-19 सम्बन्धी चिंता, डर और नकारात्मक धारणा से निपटने के लिए टेली-कंसलटेशन सेवाएं शुरू की
पंजाब में पॉजि़ेटिविटी दर अक्टूबर के पहले हफ़्ते कम होकर 4 प्रतिशत हुई, इसमें और गिरावट देखी जा रही
पंजाब के मरीज़ों के सेहतयाब होने की दर तकरीबन 89 फीसद है, जो राष्ट्रीय औसत की अपेक्षा ज़्यादा
CHANDIGARH: कोविड-19 सम्बन्धी चिंता, डर और नकारात्मक धारणा से निपटने के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने टोल-फ्री नंबर 1800-180-4104 पर समर्पित 24×7 टेली-कंसलटेशन सेवा शुरू की है। इसके अलावा ई-संजीवनी प्रोग्राम के अधीन 104 मैडीकल हेल्पलाइन भी चालू है।
यहाँ जारी एक प्रैस बयान में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि हरेक व्यक्ति की चिंताओं को दूर करने और कोरोना महामारी संबंधी उनके डर और शंकाओं को सुनने के लिए विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर टेली-कंसलटेशन की मुफ़्त सेवाएं शुरू की गई हैं।
उन्होंने कहा कि अपनी तरह की पहली पहलकदमी के अंतर्गत; मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक और परामर्शदाता बड़े स्तर पर इन समस्याओं से प्रभावित लोगों को सेवाओं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हमारे लिए मिलकर मानसिक स्वास्यि के क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने की वचनबद्धता करने का एक अवसर है, जो इन अभूतपूर्व हालातों के दौरान समय की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि अब तक आइसोलेशन वॉर्डों में कुल 31 हज़ार मरीज़ों में से 16 हज़ार से अधिक प्रवासियों और अस्पतालों और घरेलू एकांतवास अधीन तकरीबन 50 हज़ार मरीज़ों जो सामाजिक भिन्नताओं और नकारात्मक धारणा के कारण अपनी समस्याओं, डर और चिंताएं साझा करने से झिझक रहे हैं, को मनोवैज्ञानिक और मानसिक सहायता प्रदान की गई है।
उन्होंने आगे कहा कि इन सेवाओं को आगे मज़बूती देने के लिए पंजाब सरकार ने ई-संजीवनी प्लेटफार्म पर मानसिक रोगों सम्बन्धी ओ.पी.डी सेवाएं शुरू करने का फ़ैसला किया है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पॉजि़टिव मामलों के घटने से अक्टूबर के पहले हफ्ते पॉजि़टिविटी दर तेज़ी से कम होकर 4 प्रतिशत रह गई है और पिछले 3 दिनों में इसमें और गिरावट देखी गई है।
सैंपलिंग/टेस्टिंग रोज़ाना 30,000 के करीब है। पंजाब में मरीज़ों के सेहतयाब होने की दर तकरीबन 89 प्रतिशत है, जो कि राष्ट्रीय औसत 85 प्रतिशत की अपेक्षा अधिक है। घरेलू एकांतवास के लिए टेस्टिंग के नियमों को आसान बनाने से लोग टेस्टिंग के लिए आगे आ रहे हैं। मौतों की संख्या में काफ़ी कमी आई है और अस्पतालों में बीमार मरीज़ों की संख्या भी कम हो गई है।
स. सिद्धू ने कहा कि इस साल ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ उस समय आया है जब कोविड-19 महामारी के कारण हमारी रोज़मर्रा की जि़ंदगी काफ़ी बदल गई है। इस साल का विषय सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य: बड़ा निवेश, आसान पहुँच है।
मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में कई चुनौतियां पेश आईं हैं, जैसे कोविड-19 के संपर्क में आने और संक्रमण घर लाने के डर से काम पर जाना, नौकरियाँ चले जाना, मित्रों और सगे-संबंधियों की जान चले जाना आदि।