CHANDIGARH: जब किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए क्रूर खेती कानूनों के विरोध में संघर्ष कर रहे हैं तो शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने आज इस मुश्किल घड़ी में किसानों के हक में उतरते हुए अपने एक महीने का वेतन कृषि संघर्ष में अपने हिस्से के तौर पर दिया है।
खेती कानूनों के विरुद्ध लड़ाई में पंजाब के किसानों के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए विजय इंदर सिंगला ने कहा कि यह कोई आम समय नहीं है और इसलिए हम सभी को हमारे किसानों की सहायता के लिए उनकी सच्ची माँगों के प्रति दृढ़ता के साथ खड़ा होने के लिए आगे आने की ज़रूरत है। इसके मद्देनजऱ मैने अपने एक महीने का वेतन देकर अपना योगदान देने का फ़ैसला किया है। मैं सभी को विनती करता हूँ कि आप किसी भी तरह मदद देकर हमारे किसानों को शक्तिशाली बनाना चाहिए।
सिंगला ने कहा कि किसान हमारी आर्थिकता की रीढ़ की हड्डी हैं और वह सभी सत्कार और सहायता के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि देश के अन्नदाता को इस समय हर नागरिक के समर्थन की आवश्यकता है। भारत की कृषि को पेश
संकट किसी से छिपा नहीं है और मेरे मुताबिक आने वाले समय में हालात और बिगड़ सकते हैं।किसानों की आय दोगुना करने के भाजपा के चुनावी वादे को याद करते हुए केबिनेट मंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनावी घोषणापत्र के मुताबिक 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का वादा केवल मज़ाक लग रहा है क्योंकि न्यूनतम समर्थन मूल्य को पूरी तरह अनदेखा करने वाले इन खेती कानूनों को लागू करने से उक्त लक्ष्य पूरा करना असंभव है।