CHANDIGARH: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के क्लैरीकल अमले की काफी पुरानी मांग को पूरा करते हुए क्लैरीकल अमले जैसे कि क्लर्क, जूनियर सहायक, स्टेनो-टाइपिस्ट और जूनियर स्केल स्टैनोग्राफर जोकि मास्टर/मिस्ट्रेस के काडर में नॉन -टीचिंग स्टाफ के तौर पर काम करते हैं, को 1 प्रतिशत तरक्की कोटा मुहैया किए जाने के लिए जरूरी नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी गई। इन स्टाफ सदस्यों को अब लाइब्रेरियन, सहायक लाइब्रेरियन, लाइब्रेरी रैस्टोरर और सीनियर लैबारेटरी अटेंडेंट के समान तरक्कियों में कोटा मिलेगा।ध्यान देने योग्य है कि उपरोक्त नियमों में संशोधन नॉन-टीचिंग स्टाफ जैसे कि लाइब्रेरियन, सहायक लाइब्रेरियन, लाइब्रेरी रैस्टोरर और सीनियर लैबारेटरी अटेंडेंट के पद पर 19 दिसंबर-2019 को काम करते व्यक्तियों से मास्टर काडर में 1 प्रतिशत तरक्की कोटा यकीनी बनाएगा।
सैक्शन अफसरों की विभागीय परीक्षा के लिए समय में छूट को कार्य-बाद मंजूरी
मंत्रिमंडल ने सैक्शन अफसरों की विभागीय परीक्षा करवाने के लिए निर्धारित डेढ़ साल के समय में छूट देने को कार्य-बाद मंजूरी दे दी गई है और इस परीक्षा को तीसरी बार करवाने के लिए 31 दिसंबर, 2020 तक एक बार की छूट की इजाजत दी है।जिक्रयोग्य है कि वित्त विभाग की तरफ से सीधी भर्ती के कोटे के द्वारा दिसंबर, 2018 में पी.पी.एस.सी के द्वारा 42 सैक्शन अफसर भर्ती किये गए थे। इनके लिए अपनी नियुक्ति से डेढ़ वर्ष के समय अंदर तीन कोशिशों में विभागीय परीक्षा पास करनी जरूरी होती है।इसलिए पहली विभागीय परीक्षा अगस्त, 2019 में ली गई जिसमें कोई सैक्शन अफसर पास नहीं हुआ। दूसरी बार मार्च, 2020 में ली गई परीक्षा में 41 में से सिर्फ 5 सैक्शन अफसर ही पास हुए जबकि एक ने इस्तीफा दे दिया। तीसरी बार परीक्षा 31 मई, 2020 को ली जानी थी परन्तु कोविड -19 के कारण पंजाब सरकार की तरफ से मार्च 23, 2020 से लेकर मई 31, 2020 तक कफ्र्यू/लाकडाऊन लगाऐ जाने के कारण यह परीक्षा दिसंबर 5-6, 2020 को ली गई जिसमें 36 में से 13 अफसर पास हुए।