CHANDIGARH: डॉ. देवराज त्यागी, निदेशक गांधी स्मारक भवन चंडीगढ़ ने बताया कि शीत ऋतु का मौसम शुरू हो गया है इसलिए हमें सर्दी से बचाव करना चाहिए ताकि बीमार न पड़े। वैसे भी इस बार पिछली सर्दियों से ज्यादा सर्दी पड़ने वाली है इसलिये शीत ऋतु में हमें अपने स्वास्थ्य विशेष रूप से रखना पड़ेगा। वैसे तो शीत ऋतु का मौसम स्वास्थ्य बनाने का मौसम होता है। इस मौसम में हमारी जठराग्नि तीव्र चलती है इसलिए भारी चीज भी पच जाती है। इस मौसम में तिल, गुड़ व गन्ने खाने से शरीर गर्म रहता है। इस ऋतु में भूख भी ज्यादा लगती है तथा जो खाया जाता है हजम भी हो जाता है। इसलिए इस मौसम को शक्ति संचय काल भी कहा जाता है।
सर्दी के मौसम में प्राणायाम से काफी लाभ होता है। ‘सूर्यभेदी प्राणायाम’ सर्दी को दूर भगाता है। इस प्राणायाम को करने से शरीर में गर्मी तथा पाचन शक्ति बढ़ती है। जुकाम, खांसी, दमा, कफ बात रोग, सिर दर्द आदि रोग दूर हो जाते हैं। ‘सूर्यभेदी प्राणायाम’ का अभ्यास सर्दियों में ही करना चाहिए।
‘सूर्यभेदी प्राणायाम’ करने की विधिः- सुखासन में बैठ कर दांयी नासिका से सांस को अन्दर लेते हैं तथा कुछ देर रोक कर बांयी नासिका से सांस को बाहर निकाल देते हैं। इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं। ऐसा करने से सूर्य नाड़ी जाग्रत हो जाती है। इस प्राणायाम को बच्चे, महिलाएं एवं हर उम्र का व्यक्ति कर सकता है। इसके अलावा सर्दियों से बचने के लिए ताड़ासन, भुजंग आसन, धनुरासन, सर्वांग आसन कर सकते हैं।
सर्दी की ऋतु में सूखे फल अर्थात मेवे भी बहुत गुणकारी होते हैं। सूखे मेवों में प्रोटीन, खनिज, लवण और शर्करा ज्यादा होती है तथा वे शरीर को ज्यादा लाभ पहुँचाते हैं। बादाम और मूँगफली में बहुत अधिक प्रोटीन होता है इनमें वसा, कार्बोज, चूना, लोहा तथा विटामिन ’ए’ और ‘बी’ की अधिकता होती है इसलिए इनको ज्यादा मात्रा में नहीं खाना चाहिए। ज्यादा खाने से ये फायदे की जगह नुकसान भी कर सकते हैं। महिलाओं तथा बच्चों को ठण्डी हवाओं से बचा कर रखे। ठण्डी हवाओं में शरीर की त्वचा खासतौर से चेहरे की त्वचा को बचा कर रखना चाहिए। यदि सर्दीयों में हम गरम पानी से नहाते हैं तो सबसे पहले पानी पैरों पर डालें। यदि हम इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो सर्दीयों के मौसम में अपने स्वास्थ्य को ठीक रख सकेंगे।