CHANDIGARH: फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह (Milkha Singh) नहीं रहे। कोरोना से लड़ते हुए उन्होंने आज रात दम तोड़ दिया। वह 91 वर्ष के थे। उन्होंने रात 11.42 बजे यहां पीजीआई में अंतिम सांस ली। वह पिछले कई दिनों से पीजीआई (PGI) में भर्ती थे। गत 13 जून को ही उनकी पत्नी एवं भारतीय वॉलीबाल टीम की कप्तान रहीं निर्मल कौर का निधन हो गया था। वह भी कोरोना संक्रमित थीं।
19 मई को मिल्खा सिंह, 26 मई को उनकी पत्नी हुई थीं कोरोना संक्रमित
महान धावक मिल्खा सिंह गत 19 मई को कोरोना सक्रमित हुए थे। इसके बाद वह यहां अपने घर में ही आइसोलेट हो गए थे लेकिन तबियत बिगड़ने पर 24 मई को उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस बीच, 26 मई को उनकी पत्नी निर्मल कौर (85) को भी संक्रमण के चलते इसी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। परिवार के आग्रह पर मिल्खा सिंह को 30 मई को अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी और वे अपने घर पर ही थे। इस दौरान अमेरिका से उनकी डॉक्टर बेटी चंडीगढ़ आ गई थीं और वही उनका ख्याल रख रही थीं लेकिन तीन जून को अचानक तबीयत फिर बिगड़ने पर उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया था। तब से उनका पीजीआई में ही इलाज चल रहा था। वह अपेक्षित रिकवरी कर रहे थे। बुधवार को उनकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आ गई थी और उन्हें आईसीयू से कार्डियक सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया था।
सुबह तक सबकुछ ठीक था
बताया जाता है कि शुक्रवार सुबह तक सबकुछ ठीक था। मिल्खा सिंह ने कॉफी पी और परिवार के लोगों से बातचीत भी की। सुबह 9 बजे के बाद उनकी तबीयत फिर खराब होने लगी। मिल्खा सिंह की हालत गंभीर होने की सूचना मिलते ही उनका पूरा परिवार पीजीआई पहुंच गया था। रात साढ़े बारह बजे तक सभी लोग पीजीआई में थे। मिल्खा सिंह के निधन की खबर से देश के खेल जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ बनी थी मिल्खा सिंह पर
एथलीट मिल्खा सिंह 1958 में तब सुर्खियों में आए जब टोक्यो एशियाई खेलों में 200 मीटर और 400 मीटर में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद 1962 में जकार्ता एशियाई खेलों में भी 400 मीटर और चार गुणा 400 मीटर रिले में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्हें 1959 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। मिल्खा सिंह 1958 में पहले ऐसे भारतीय एथलीट बने थे, जिन्होंने कार्डिफ कॉमनवेल्थ गेम में स्वर्ण पदक जीता था। मिल्खा सिंह ने 400 मीटर रेस में साउथ अफ्रीका के मैलकम स्पेंस को पछाड़ते हुए 46.6 सेकेंड में दौड़ पूरी की थी। कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड का यह रिकॉर्ड उनके साथ 50 साल से अधिक रहा, जिसे 2010 में दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में कृष्णा पूनिया ने डिस्कस थ्रो में गोल्ड जीतकर तोड़ा था। मिल्खा सिंह के जीवन पर आधारित बॉलीवुड फिल्म भाग मिल्खा भाग भी बनी थी, जो दर्शकों ने काफी पसंद की थी।