CHANDIGARH, 27 FEBRUARY: भंडारी अदबी ट्रस्ट ने प्रसिद्ध शायर अशोक भंडारी नादिर की 22वीं पुस्तक अहसास की बूंदे का विमोचन, चर्चा तथा त्रिभाषी मुशायरे का आयोजन पीपल्स कन्वेशन सेंटर सैक्टर-36 में किया।
पुस्तक विमोचन के पश्चात शायर अशोक भंडारी नादिर ने अपनी कुछ चुनिंदा रचनाओं का पाठ किया। मुख्य अतिथि सिरीराम अर्श ने पुस्तक पर बोलते हुए कहा कि अशोक नादिर ने दुनिया और समाज को खुली आंख से देखा और हर एक मंजर को अपनी पुस्तक में लिया है। इसलिए उनकी पुस्तक में विविध विषयों को लिये हुए नज्में है। ये पहली है पुस्तक है जो पिंगल बहर में है।
वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज ने पुस्तक पर बोलते हुए कहा कि इन नज्मों में समाज और परिवार के रिश्तों को बहुत खुबसूरती से पेश किया गया है। प्रसिद्ध लेखिका गुरदेव कौर पाल ने कहा कि शायर ने समाज के प्रत्येक पक्ष को प्रभावी ढंग से पेश किया है। लेखिका सुरजीत बैंस ने कहा कि उनकी नज्मों में ऐसी शैली का प्रयोग किया है जो नादिर की पहचान बनेगी।
त्रिभाषी मुशायरें में सिरीराम अर्श, अशोक भंडारी नादिर, प्रेम विज, गुरदीप कौर गुल, उर्मिल कौशिक सखी, अनीश गर्ग, बेदी, जुनेजा, अमरजीत अमर, नीरू मित्तल, निशा नाज, सुनीता नैन, सुखमिंद्रर आही, प्रतिभा माही, गणेश दत्त, नीरेंद्र नशरीन, आर.के.भगत, हरी दत्त, हबीब, परविंद्रर आदि ने नजमें पेश की। अशोक नादिर की परिवार के सदस्य भी उपस्थित थे। सुरजीत धीर, कंचन भल्ला और राजीव झिगंरान ने नादिर की गजलें प्रस्तुत की। उर्मिल कोशिक सखी ने कार्यक्रम का संचालन किया।