स्थानीय भाजपाई जानते थे कि केन्द्रीय भाजपा नेतृत्व चण्डीगढ़ से सौतेला व्यवहार करता है: राजीव शर्मा
CHANDIGARH, 7 AUGUST: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने भाजपा नेताओं जतिंदर पाल मल्होत्रा और संजय टंडन पर आरोप लगाया है कि पिछले संसदीय चुनावों के दौरान दिल्ली में अपने केंद्रीय नेतृत्व के रुख के बारे में सबकुछ जानते हुए भी उन्होंने चंडीगढ़ के मतदाताओं से झूठे वायदे कर उन्हें जानबूझकर गुमराह किया। कांग्रेस ने कहा है कि इसके लिए स्थानीय भाजपा नेताओं को चण्डीगढ़ की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
आज यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि चंडीगढ़ भाजपा ने गांवों के लाल डोरे के विस्तार और लाल डोरे के बाहर बने घरों को नियमित करने के मुद्दे को अपने 2024 के चुनाव घोषणापत्र में शामिल किया था। उन्होंने यह भी कहा कि चुनावों के दौरान स्थानीय भाजपा ने लीज होल्ड पर आवंटित वाणिज्यिक और औद्योगिक संपत्तियों को फ्री होल्ड में बदलने और चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की 60,000 से अधिक आवासीय इकाइयों और अन्य टेनमेंट में जरूरत के मुताबिक बदलावों को दिल्ली की तर्ज पर नियमित करने का भी वादा किया था, जबकि उन्हें पता था कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व चंडीगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार करता है और चंडीगढ़ के लोगों को ऐसी कोई सुविधा देने का इच्छुक नहीं है। परिणामस्वरूप, वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह के नियंत्रण में चलने वाला गृह मंत्रालय अब केंद्र शासित प्रदेश की जनता की वास्तविक मांगों को एक के बाद एक स्वीकार करने से पूरी तरह से इनकार कर रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि स्थानीय भाजपा नेताओं ने अपने घोषणापत्र में कई वायदे शामिल किए, जबकि वह अच्छी तरह से जानते थे कि भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व इन वादों को पूरा करने के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि लोकसभा के चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा का कोई भी वरिष्ठ केंद्रीय नेता चंडीगढ़ नहीं आया। इसलिए चंडीगढ़ के भाजपा नेताओं को लोगों को जानबूझकर गुमराह करने के लिए शहर के लोगों से सामूहिक मांगनी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि चंडीगढ़ कांग्रेस अपने चुनाव घोषणापत्र जिसे न्याय पत्र का नाम दिया गया था, में किए गए सभी वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए स्थानीय सांसद मनीष तिवारी, अध्यक्ष एच.एस लक्की और पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता, भाजपा के नकारात्मक और बाधाकारी रवैये के बावजूद, शहर के निवासियों की समस्याओं को हल करने के तरीकों और साधनों का पता लगाने के लिए विचार-मंथन कर रहे हैं। संसद सत्र के चलते सांसद मनीष तिवारी भी चण्डीगढ़ के मुद्दे संसद में बड़े जोर शोर से उठा रहे हैं।