हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बोले- किसान को एमएसपी, युवा को रोजगार, बुजुर्ग को पेंशन, बच्चों को वजीफा और नागरिकों को सुरक्षा देने में नाकामी ही BJP-JJP सरकार का रिपोर्ट कार्ड
फर्जी आंकड़ों और हवा-हवाई दावों के आधार पर उपलब्धियां गिनाने की बजाय जनता से माफी मांगे यह सरकार
CHANDIGARH, 26 OCTOBER: हरियाणा की मौजूदा सरकार किसान को एमएसपी, खराबे का मुआवजा, वक्त पर खाद-बीज, युवा को रोजगार, बुजुर्गों को पेंशन, बच्चों को वजीफा, व्यापारी को राहत, नागरिक को सुरक्षा, स्कूल में टीचर, दफ्तर में कर्मचारी, अस्पताल में डॉक्टर, यहां तक कि मरीज को जरूरत पड़ने पर दवाई और ऑक्सीजन भी नहीं दे पाई। यही बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी के 8 साल का रिपोर्ट कार्ड है। यह रिपोर्ट कार्ड पेश किया है हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने। हुड्डा का कहना है कि 2014 से पहले हरियाणा प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार सृजन, खिलाड़ियों, किसानों, बुजुर्गों के सम्मान, खुशहाली और विकास में तमाम राज्यों के मुकाबले पहले पायदान पर था। लेकिन इस सरकार के 8 साल में हरियाणा को बेरोजगारी, अपराध, नशा, भ्रष्टाचार, किसानों पर अत्याचार, खिलाड़ियों से भेदभाव और बदहाली में पहले नंबर पर पहुंचा दिया है।
आलम यह है कि मौजूदा सरकार में बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं। बच्चे अपने स्कूलों को बचाने के लिए धरने पर बैठे हैं तो बुजुर्ग अपनी पेंशन के लिए। युवाओं को भर्ती घोटालों के खिलाफ, रोजगार की मांग के लिए, खिलाड़ियों को खेल कोटा बचाने के लिए, किसानों को कभी एमएसपी, कभी मुआवजा तो कभी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ, व्यापारियों को जीएसटी, लॉकडाउन की अव्यवहारिक पाबंदी के खिलाफ, राहत पैकेज की मांग को लेकर, मजदूरों और कच्चे कर्मचारियों को रोजगार छीनने के खिलाफ, कर्मचारियों को कभी रैशनलाइजेशन तो कभी पुरानी पेंशन स्कीम की मांग को लेकर, महिला और आम नागरिक को सुरक्षा की मांग को लेकर बार-बार सड़कों पर आना पड़ता है।
हुड्डा ने कहा कि इस सरकार की हर उपलब्धि जनता के गले की फांस साबित हुई। उदहारण के लिए जिस परिवार पहचान पत्र को सरकार उपलब्धि बता रही है, उसने बुजुर्गों की पेंशन और पिछड़ों का आरक्षण खत्म करने के अलावा कोई काम नहीं किया। इसी तरह ‘मेरी फसल, मेरा ब्यौरा’ ने सिर्फ किसानों की परेशानी को ही बढ़ाया है। मुख्यमंत्री की तरफ से दावा किया गया कि उनकी सरकार ने हरियाणा से तीन ‘सी’ यानी क्राइम, करप्शन और कास्ट को खत्म करने का काम किया। लेकिन हुड्डा ने तथ्यों के साथ बताया कि मौजूदा सरकार ने क्राइम, कास्ट और करप्शन के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस सरकार में हजारों करोड़ के घोटाले हुए। HSSC भर्ती घोटाला, HPSC घोटाला, पेपर लीक घोटाला, डाडम खनन घोटाला, यमुना खनन घोटाला, शराब घोटाला, जहरीली शराब घोटाला, धान घोटाला, चावल घोटाला, बाजरा खरीद घोटाला, रजिस्ट्री घोटाला, राशन घोटाला, सफाई घोटाला, रोडवेज किलोमीटर स्कीम घोटाला, HTET घोटाला, छात्रवृति घोटाला, फसल बीमा योजना घोटाला, बिजली मीटर खरीद घोटाला, मेडिकल सामान ख़रीद घोटाला, शुगर मिल घोटाला, अमृत योजना घोटाला, सफाई घोटाला इत्यादि दर्जनों घोटालों को अंजाम दिया गया। लेकिन सरकार ने किसी भी घोटाले में बड़े मगरमच्छ पर कार्रवाई नहीं की। इक्का-दुक्का मामलों में छोटे कर्मचारियों पर खानापूर्ति की कार्रवाई करके मामले को रफा-दफा कर दिया गया।
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हरियाणा को बदमाश, माफिया और राजनीतिक गुंडागर्दी से छुटकारा दिलाया था। उस वक्त अपराधी या तो हरियाणा छोड़ गए थे या सलाखों के पीछ पहुंच गए थे। लेकिन मौजूदा सरकार की कानून व्यवस्था की पोल खुद सरकार के आंकड़े खोल रहे हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि क्राइम रेट के हिसाब से हरियाणा बड़े-बड़े राज्यों से कहीं आगे निकल चुका है। एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में साल 2021 में 1144 हत्याएं हुई। यानी प्रदेश में रोज 3 से 4 लोगों की हत्या होती है। 3.8 मर्डर रेट के साथ हरियाणा पूरे देश में दूसरे नंबर पर है। यही रिपोर्ट बताती है कि 1 साल के भीतर हरियाणा में 1716 रेप के मामले सामने आए। यानी प्रदेश में रोज रेप की 5 वारदातें होती हैं। 12.3 रेप रेट के साथ हरियाणा पूरे देश में दूसरे नंबर पर है। 2021 में 3724 किडनैपिंग के केस सामने आए। यानी प्रदेश में रोज अपहरण के 10 मामले सामने आते हैं। 12.0 किडनैपिंग रेट के साथ हरियाणा असम और उड़ीसा के बाद पूरे देश में तीसरे पायदान पर है।
नशे का काला साम्राज्य इस कदर फैल गया है कि अकेले सिरसा जिले में सालभर के भीतर नशे की ओवरडोज से 43 लोगों की मौत हो चुकी है। नशे की वजह से आत्महत्या करने के मामले में हरियाणा ने पंजाब और हिमाचल को पीछे छोड़ दिया है। सालभर के भीतर 89 लोगों ने नशे के चलते खुदकुशी की है। इसके अलावा सिरसा व अलग-अलग जिलों से नशे का इंजेक्शन लेते हुए युवाओं की मौत होने की खबरें आती रहती हैं। आज अपराध का आलम यह है कि बदमाश विधायकों तक को धमकियां देकर फिरौती मांग रहे हैं और खनन माफिया पुलिस अधिकारी की सरेआम हत्या कर देता है।
इस सरकार ने कुछ नया बनाने की बजाए हरियाणा को तीन-तीन बार जलाने का काम किया। यह देश की पहली ऐसी सरकार है जो रोजगार देने की बजाय छीनने का काम कर रही है। कच्चे कर्मचारियों से लेकर पीटीआई, ड्राइंग टीचर और गेस्ट टीचर्स को नौकरी से हटा रही है। नए स्कूल को खोलने की बजाय सरकार स्कूलों को बंद करने के मिशन पर आगे बढ़ रही है। मर्जर का नाम देकर एक ही झटके में सरकार ने करीब 5000 स्कूलों को बंद कर दिया।
भर्तियां करने की बजाय सरकार ने खाली पड़े पदों को खत्म करने का काम किया। आज पूरे हरियाणा में 1.82 लाख पद खाली हैं। सिर्फ स्कूलों में 38 हजार टीचर्स के पद खाली हैं। लेकिन बिना भर्ती के सरकार ने लगभग 25000 टीचर्स के पदों को ही खत्म कर दिया। पक्की नौकरी देने के बजाय सरकार कौशल निगम के नाम पर ठेका प्रथा को बढ़ावा दे रही है। सरकार द्वारा पढ़े-लिखे योग्य युवाओं का कम वेतन में शोषण किया जा रहा है।
हुड्डा ने याद दिलाया कि कोरोना काल के दौरान सरकार की नाकामी के चलते लोगों की आंखों के सामने उनके अपने बिना ऑक्सीजन के तड़प-तड़पकर मर गए। ऐसे परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करने की बजाए बड़ी ही संवेदनहीनता के साथ सरकार ने विधानसभा में कहा कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत ही नहीं हुई।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसान आंदोलन की भी याद दिलाई। उन्होंने बताया कि सात सौ से ज्यादा किसान हरियाणा के बॉर्डर पर शहीद हो गए। लेकिन प्रदेश सरकार का मन नहीं पसीजा। कांग्रेस द्वारा बार-बार मांग के बावजूद सरकार ने उनके परिवारों को आर्थिक मदद और नौकरी नहीं दी। किसानों को आज भी याद है कि कैसे बीजेपी-जेजेपी सरकार ने किसानों पर वाटर कैनन, लाठियां और आंसू गैस के गोले बरसाने का काम किया। इस सरकार ने किसानों पर अत्याचार की सारी सीमाओं को लांघ दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान हरियाणा में 5 पावर प्लांट, 6 रेलवे लाइन और 5 मेडिकल कॉलेज बनवाए गए और कई नेशनल हाइवे मंजूर कराकर बनवाए। उस सरकार में हरियाणा के तीन शहरों को मेट्रो से जोड़ा गया। लेकिन मौजूदा सरकार में ऐसा एक भी संस्थान, उद्योग या परियोजना प्रदेश में नहीं आई। कांग्रेस कार्यकाल में मंजूर हुई परियोजाएं जैसे कि सोनीपत रेल कोच फैक्टरी वाराणसी, महम ऐयरपोर्ट जेवर चला गया और सरकार तमाशबीन बनी देखती रही। सरकार बताए कि बिना कोई बड़ा विकास कार्य किए हरियाणा पर कर्ज सवा 3 लाख करोड़ से ज्यादा कैसे हो गया।
रोजगार के विषय पर बोलते हुए हुड्डा ने कहा कि गलत आंकड़े पेश करके लोगों भ्रमित करने की बजाए सरकार श्वेत पत्र जारी करे और बताएं कि उसने अपने पूरे कार्यकाल में एचएसएससी और एचपीएससी के जरिए कुल कितने रोजगार दिए। साथ ही सरकार बताए कि कांग्रेस सरकार के दौरान एचएसएससी, एचपीएससी के साथ पुलिस, शिक्षा, सिंचाई, बिजली समेत अलग-अलग महकमों में कितने हजार रोजगार दिए गए।
एक उदाहरण पेश करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस सरकार के दौरान सिर्फ शिक्षा महकमे में एक लाख से ज्यादा नौकरियां दी गई। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान प्रदेश में 2332 नए स्कूल बने और अपग्रेड हुए। आईआईएम, आईआईटी, केंद्रीय विश्वविद्यालय, डिफेंस यूनिवर्सिटी समेत 15 राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान और कैंपस स्थापित हुए। इसी दौरान राजीव गांधी एजुकेशन सिटी की स्थापना हुई। 10 नए राजकीय विश्वविद्यालय स्थापित बनाए गए। हुड्डा सरकार के दौरान कुल विश्वविद्यालयों की संख्या 8 से बढ़ाकर 42 की गई यानी 34 नए विश्वविद्यालय स्थापित किए गए। डीम्ड और निजी विश्वविद्यालयों की संख्या 3 से बढ़ाकर 27 की गई। 60 राजकीय महाविद्यालयों की संख्या को बढ़ाकर लगभग डबल 105 किया गया।
इसी तरह तकनीकी संस्थानों की संख्या को 154 से बढ़ाकर 657 किया गया। प्रदेश में 5 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए। आईटीआई की संख्या को 97 से बढ़ाकर 237 किया गया। कांग्रेस सरकार के दौरान शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाने के लिए आरोही मॉडल स्कूल, किसान मॉडल स्कूल, संस्कृति मॉडल स्कूल खोले गए। इसके मुकाबले भाजपा सरकार स्कूलों को खोलने की बजाय बंद करने, शिक्षकों की भर्ती करने की बजाए उनके पद खत्म करने की योजना पर आगे बढ़ रही है।
हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में जब भी एसवाईएल को लेकर हरियाणा की अलग-अलग सरकारों ने अपने हिसाब से किसी ने कम तो किसी ने ज्यादा काम किया। लेकिन बीजेपी प्रदेश की इकलौती ऐसी सरकार है, जिसमें बनी बनाई नहर को ही पाट दिया गया। मौजूदा सरकार ने हरियाणा को हर क्षेत्र में पीछे धकेलने का काम किया है। इसी को यह सरकार विकास का नाम देती है। इसलिए फर्जी आंकड़ों और हवा-हवाई दावों के आधार पर उपलब्धियां गिनाने की बजाय इस सरकार को प्रदेश की जनता से माफी मांगने चाहिए।