CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि पंजाब में अपने विभाजनकारी एजंडे की पूर्ति के लिए भारतीय जनता पार्टी ने शिरोमणि अकाली दल की खाली हुई जगह को भरने के लिए अब कैप्टन अमरिन्दर सिंह और सुखदेव सिंह ढींडसा जैसे नये सहयोगी ढूँढ लिए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से किये खुलासे कि भाजपा कैप्टन अमरिन्दर सिंह और अलग हुए अकाली गुट के नेता सुखदेव सिंह ढींडसा के साथ गठजोड़ को अंतिम रूप दे रही है पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि पंजाब एक ऐसा राज्य है जिसने भारतीय जनता पार्टी के विभाजनकारी एजंडे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रभाव को 2019 में पूरी तरह रद्द कर दिया था। भाजपा ने अपने किसान विरोधी एजंडे में अकाली दल का प्रयोग तीन काले कानून लागू करने के लिए किया, जिनको रद्द करने के लिए धर्मनिरपेक्ष किसान संघर्ष ने मोदी को मजबूर कर दिया। शिरोमणि अकाली दल ने इन कानूनों का ज़ोरदार समर्थन किया था। अब कैप्टन अमरिन्दर सिंह भाजपा के नापाक जनविरोधी मंसूबों को लागू करने के लिए इसके पक्के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले भाजपा की मूल संस्था आर.एस.एस. की मदद करने और इसके पंजाब में पैर पसारने के लिए अकाली दल भाजपा के वाहन के तौर पर काम करता रहा और आर.एस.एस. की तरफ से सिख इतिहास और विचारधारा को भी बिगाड़ने की हद तक कोशिश की गई और इस संस्था की तरफ से एक दशक पहले छापा गया साहित्य इसके उसी एजंडे का सबूत है। अकाली दल ने कभी भी इसका विरोध नहीं किया।
चन्नी ने कहा कि अकाली दल ने दशकों से संघीय ढांचे के हिमायती होने के बावजूद भाजपा की केंद्रीकरण और सांस्कृतिक समरूपता की नीतियों को पूरा समर्थन दिया। पंजाब के हित पहले अकाली दल की तरफ से प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व में भाजपा के पास गिरवी रखे गए, जिन्होंने 1996 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार, जो सिर्फ़ 13 दिन चली थी, बनाने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी को बिना शर्त समर्थन देकर इस गठजोड़ के लिए रास्ता साफ किया था। बादल ने बिना शर्त समर्थन देकर पंजाब और पंजाबियों के साथ धोखा किया था। इस तरह करके बादल ने पंजाब का सौदा ही किया था।
उन्होंने कहा कि अब कैप्टन अमरिन्दर सिंह, जो मुख्यमंत्री होते हुए अहम मुद्दों पर मोदी सरकार का बचाव करने और जनविरोधी एजंडे को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह सक्रिय रहे, अब इस द्वेषपूर्ण भूमिका को निभाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अब तक भाजपा की हर तरह से मदद करने के लिए निभाई गई भूमिका को देखते हुए इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं कि वह भाजपा के सहयोगी के तौर पर शिरोमणि अकाली दल का विकल्प बनेंगे।