CHANDIGARH: नगर निगम चुनाव के मुहाने पर बैठे चंडीगढ़ को अब मोहाली नगर निगम के चुनाव परिणाम ने नई राजनीतिक दिशा दे दी है। कल पंजाब के स्थानीय निकाय चुनाव के रिजल्ट को लेकर पहले ही उत्साह में डूब चुकी चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस को आज मोहाली ने भी बूस्ट कर दिया लेकिन चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव को लेकर भाजपा में भी उत्साह कम नहीं है। मोहाली निगम चुनाव से पहले पंचकूला नगर निगम का चुनाव भाजपा का बल बढ़ा चुका है। अब दिसम्बर में होने वाले चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के लिए चंडीगढ़ियन मोहाली के साथ जाएंगे या पंचकूला के वोटर्स का रुख अपनाएंगे? यह देखना दिलचस्प हो गया है। फिलहाल, चंडीगढ़ ट्राइसिटी में भाजपा-कांग्रेस का स्कोर 1-1 नगर निगम जीतकर बराबर हो चुका है। इसलिए उत्साह के नजरिए से भी भाजपाई और कांग्रेसी कैंप फिफ्टी-फिफ्टी की स्थिति में आ गए हैं।
डेढ़ माह पहले पंचकूला नगर निगम चुनाव जीती है भाजपा
गौरतलब है कि मोहाली नगर निगम चुनाव से पहले ट्राइसिटी (चंडीगढ़, पंचकूला व मोहाली) में गत 27 दिसम्बर को पंचकूला नगर निगम का चुनाव हुआ था। इस दौरान पंचकूला नगर निगम के कुल 20 वार्डों में से भाजपा ने 9 में जीत हासिल की थी, जबकि दो वार्डों में भाजपा की सहयोगी जजपा जीती थी। कांग्रेस को 7 सीटें मिलीं, जबकि दो निर्दलीय जीते थे। इस तरह बहुमत भाजपा के पक्ष में रहा था। यही नहीं, पंचकूला में इस बार मेयर का चुनाव सीधे वोटर्स के बीच से कराया गया था। इसमें भाजपा प्रत्याशी कुलभूषण गोयल विजयी हुए थे। गोयल ने कांग्रेस की पूर्व मेयर उपेंद्र कौर अहलूवालिया को हराया था। आज मोहाली नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस को बहुमत से जीत हासिल हुई है। मोहाली नगर निगम की कुल 50 सीटों में से कांग्रेस को 35, जबकि आजाद ग्रुप को 15 सीटें मिली हैं। भाजपा व अकाली दल का मोहाली में सूपड़ा साफ हो गया है।
चंडीगढ़-पंचकूला-मोहाली का है चोली-दामन सा संबंध
पंचकूला और मोहाली चंडीगढ़ ट्राइसिटी का हिस्सा हैं। हालांकि पंचकूला हरियाणा का जिला है तो मोहाली पंजाब का जिला है लेकिन पंचकूला और मोहाली शहर चंडीगढ़ से सटे होने के कारण चंडीगढ़-पंचकूला-मोहाली का चोली-दामन सा रिश्ता है। इस लिहाज से चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली की राजनीतिक गतिविधियों का असर एक-दूसरे शहर पर स्वाभाविक है। अपने कामकाज के लिहाज से रोजाना चंडीगढ़ में सक्रिय रहने वाले लाखों लोगों में कोई पंचकूला का वोटर है तो कोई मोहाली में मतदाता है। चंडीगढ़ के भी लाखों लोगों का अपने कामकाज के सिलसिले में रोजाना पंचकूला व मोहाली में आना-जाना रहता है। चंडीगढ़ के मतदाताओं में से कइयों के सगे-संबंधी, मित्र आदि भी पंचकूला व मोहाली में रहते हैं।
इस नाते चंडीगढ़, पंचकूला व मोहाली के वोटर्स का आपस में किसी न किसी तरह संपर्क जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि पंचकूला में जब नगर निगम चुनाव हुआ तो चंडीगढ़ व मोहाली के भाजपा और कांग्रेस नेता पंचकूला में अपनी-अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार अभियान में जुटे रहे। अब मोहाली में नगर निगम चुनाव हुआ तो चंडीगढ़ व पंचकूला के भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने मोहाली में अपनी-अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में जमकर चुनाव प्रचार किया।
चंडीगढ़-पंचकूला-मोहाली का सियासी रिश्ता
चंडीगढ़-पंचकूला के सियासी रिश्ते को तो इस तरह भी समझा जा सकता है कि चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञानचंद गुप्ता अब पंचकूला से भाजपा विधायक हैं और इस बार उन्हें हरियाणा विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया। हरियाणा की कांग्रेस सरकार में उप-मुख्यमंत्री रहे चंद्रमोहन भी जब पंचकूला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं तो वह भी चंडीगढ़ के कांग्रेस नेताओं को पंचकूला में चुनाव प्रचार के लिए बुलाते रहे हैं। इसी तरह पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री एवं मोहाली से विधायक बलबीर सिंह सिद्धू भी विधानसभा चुनाव के दौरान चंडीगढ़ के कांग्रेस नेताओं को मोहाली में प्रचार के लिए बुलाते रहे हैं। भाजपा-अकाली गठबंधन में मोहाली विधानसभा सीट अकाली दल के कोटे में रही। इसलिए अब तक विधानसभा चुनावों को लेकर चंडीगढ़ के भाजपा नेताओं की दिलचस्पी मोहाली में कम रही लेकिन गठबंधन टूटने के बाद हुए मोहाली नगर निगम चुनाव में पहली बार भाजपा अकेले लड़ी तो चंडीगढ़ के भाजपा नेता भी इस मर्तबा मोहाली निगम चुनाव में सक्रिय रहे। चंडीगढ़-पंचकूला-मोहाली का यह सियासी रिश्ता ही है कि जब पंचकूला नगर निगम चुनाव में भाजपा की जीत हुई तो चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा ने जश्न मनाया। अब मोहाली नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की विजय हुई है तो चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस लड्डू बांट रही है।
चंडीगढ़ पर पंचकूला व मोहाली का असर निश्चित मानते हैं भाजपा-कांग्रेस के नेता
जब पंचकूला नगर निगम चुनाव में भाजपा की जीत हुई थी तो चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा के नेताओं का स्पष्ट कहना था कि चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव पर इस जीत का बड़ा असर पड़ेगा। अब मोहाली नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की विजय पताका फहरने के बाद चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि इसका संदेश चंडीगढ़ के मतदाताओं को भी प्रभावित करेगा और दिसम्बर में होने वाले चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में मोहाली की तरह ही यहां भी कांग्रेस पूर्ण बहुमत से निगम की सत्ता पर काबिज होगी। भाजपा और कांग्रेस नेताओं के इस रुख को देखकर कहा जा सकता है कि चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव पर मोहाली और पंचकूला के चुनाव परिणाम का असर तो निश्चित है लेकिन चंडीगढ़ के वोटर्स अपने निगम के लिए पंचकूला जैसा जनादेश देंगे या मोहाली की तरह फैसला सुनाएंगे, यह देखना बहुत दिलचस्प होगा। फिलहाल, ट्राईसिटी में 1-1 के स्कोर से चंडीगढ़ के भाजपा व कांग्रेस दोनों के नेताओं की बांछें खिली हुई हैं।