31 MARCH: अमेरिका में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। दरअसल, अमेरिका की एक अदालत ने उनके पक्ष में एक अहम फैसला सुनाया है। यह फैसला H-1B वीजा से जुड़ा है। कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि H-1B वीजा धारकों के जीवनसाथी भी अब अमेरिका में काम कर सकते हैं। इसी के साथ अदालत ने ‘सेव जॉब्स यूएसए’ की याचिका को खारिज कर दिया है।
बता दें, याचिका में H-1B वीजा धारकों के जीवन साथियों को दिए जाने वाले रोजगार प्राधिकरण कार्ड को खारिज करने की मांग की गई थी। Amazon, Apple, Google, और Microsoft जैसी टेक कंपनियों ने इस याचिका का विरोध किया था। वहीं अमेरिका ने अब तक करीब 1 लाख एच-1बी कर्मचारियों के जीवन साथियों को काम के अधिकार जारी किए हैं। इनमें से बड़ी संख्या भारतीय नागरिक हैं। ऐसे में यह अमेरिका में काम करने वाले ऐसे तमाम भारतीयों के लिए बड़ी राहत की खबर है जो इस श्रेणी के अन्तर्गत वहां कार्यरत हैं।
H-1B वीजा क्या है?
H-1B वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है, जो अमेरिका में आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 101 (15) के तहत दिया जाता है। यह अमेरिकी तकनीकी कंपनियों को विदेशी पेशेवरों की विशेष अवधि के लिए नियुक्ति की अनुमति देता है। इसके तहत H-1B वीजा धारकों के पति या पत्नी को वर्क परमिट जारी किया जाता है। इसके तहत अमेरिकी कंपनियां बड़ी संख्या में भारत व चीन जैसे देशों के पेशेवरों को नियुक्त करती हैं।
‘सेव जॉब्स यूएसए’ की याचिका खारिज
यूएस डिस्ट्रिक्ट जज ने ‘सेव जॉब्स यूएसए’ द्वारा दायर एक मुकदमे को खारिज कर दिया, जिसमें उस नियम को खारिज करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें H-1B वीजा धारकों की कुछ श्रेणियों के जीवनसाथी को रोजगार प्राधिकरण कार्ड दिया गया था। ज्ञात हो, ‘सेव जॉब्स यूएसए’ एक ऐसा संगठन है जिसमें आईटी कर्मचारी शामिल हैं जो दावा करते हैं कि H-1B कर्मचारियों के कारण उनकी नौकरी चली गई।
ये रहा कोर्ट का आदेश
• अपने आदेश में, डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया की न्यायाधीश ने कहा कि सेव जॉब्स यूएसए का तर्क था कि कांग्रेस ने डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी अथॉरिटी को H-4 वीजा धारकों जैसे विदेशी नागरिकों को अमेरिका में रहने के दौरान काम करने की अनुमति नहीं दी है।”
• न्यायाधीश ने इस पर अपने फैसले में लिखा है कि कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से और जानबूझकर अमेरिकी सरकार को यह अधिकार दिया है कि वह H-4 जीवनसाथी के अमेरिका में रहने की अनुमेय शर्त के रूप में रोजगार को अधिकृत करे।
• न्यायाधीश ने अपने फैसले में ये भी लिखा कि होमलैंड सुरक्षा विभाग और उसके पूर्ववर्तियों ने न केवल छात्रों के लिए, बल्कि उनके जीवनसाथी और आश्रितों के लिए भी रोजगार को अधिकृत किया है।