पंजाब में छठे वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी-16 से लागू करने के लिए हरी झंडी
बकाए दो समान किस्तों में अक्तूबर 2021 और जनवरी 2022 में अदा किए जाएंगे
CHANDIGARH: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने छठे वेतन आयोग की ज्यादातर सिफारिशों को स्वीकार करने का फ़ैसला किया है। इनको 1 जुलाई 2021 से लागू करने और 1 जनवरी 2016 से अमल में लाने का भी फ़ैसला किया है। इससे राज्य के 5.4 लाख सरकारी कर्मचारियों और सेवामुक्त कर्मचारियों को बड़ा लाभ पहुँचेगा।
मंत्रीमंडल की मीटिंग में लिए गए इस फ़ैसले से कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार ने राज्य की चिंताजनक वित्तीय स्थिति के बावजूद लोगों के साथ किया एक और बड़ा वादा पूरा कर दिया है।इस फ़ैसले के नतीजे के तौर पर सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 6950 रुपए प्रति माह से बढ़कर 18000 रुपए प्रति माह हो जायेगा। वेतन और पैंशन पिछले वेतन आयोग की सिफारिशों के मुकाबले इस बार 2.59 गुणा बढ़ जाएंगे और सालाना इंक्रीमेंट 3 प्रतिशत मिलेगा जिससे सभी मौजूदा कर्मचारियों के वेतन मान पड़ोसी राज्य हरियाणा से अधिक हो जाएंगे।कैबिनेट मीटिंग, जिसमें छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मंज़ूरी दी गई, के बाद सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि छठे वेतन आयोग के लागू होने से सुधारे हुए ढांचे के मुताबिक न्यूनतम पैंशन 3500 रुपए प्रति माह से बढ़कर 9000 रुपए प्रति माह हो जायेगी और न्यूनतम फैमली पैंशन बढ़कर 9000 रुपए प्रति माह हो जायेगी। नये ढांचे के अंतर्गत तलाकशुदा /विधवा बेटी भी फैमली पैंशन के लिए योग्य होगी और फैमली पैंशन के लिए आय का योग्यता पैमाना 3500 रुपए जमा डी.ए. से बढ़ाकर 9000 रुपए जमा डी.ए. प्रति माह कर दिया गया है।
1 जनवरी 2016 से 30 जून 2021 तक मूल बकाया (नैट एरियर) की अनुमानित राशि करीब 13800 करोड़ रुपए बनती है। ज़िक्रयोग्य है कि पंजाब सरकार द्वारा 2017 से कर्मचारियों को 5 प्रतिशत अंतरिम राहत पहले ही दी जा रही है। साल 2016 के लिए कर्मचारियों और पैंनरों के मूल बकाए की अनुमानित राशि 2572 करोड़ रुपए बनती है जोकि दो समान किश्तों में अक्तूबर 2021 और जनवरी 2022 में दी जायेगी।सरकार ने 1 जुलाई 2021 से पैंशन की कम्यूटेशन 40 प्रतिशत तक बहाल करने को भी मंज़ूरी दे दी है। मौत कम रिटायरमेंट ग्रैच्युटी (डी.सी.आर.जी.) को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा एक्स ग्रेशिया अनुदान की मौजूदा दरें दोगुना कर दीं गई हैं। मौत कम रिटायरमेंट ग्रैच्युटी और ऐक्स ग्रेशिया को नयी पैंशन स्कीम के अंतर्गत आते कर्मचारियों को भी प्रदान करने का फ़ैसला किया गया है।
सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने साथ राज्य के खजाने पर सालाना 8637 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा और संभावी अतिरिक्त कुल खर्चा प्रति वर्ष करीब 4700 करोड़ रुपए होगा।गौरतलब है कि छठे वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट का पहला हिस्सा पंजाब सरकार को 30 अप्रैल 2021 को सौंपा था जिसमें मोटे तौर पर वेतन मान, भत्ते और पैंशन और सेवामुक्ति के लाभ संशोधन की सिफारिशें शामिल थीं।यह फ़ैसला किया गया कि नये भत्तों /संशोधित भत्तों को लागू करने की तारीख़ 1 जुलाई 2021 होगी।
प्रतिशत आधारित भत्ते जैसे कि मकान किराया भत्ता (एच.आर.ए.), एन.पी.ए. आदि नये ढांचे अनुसार तर्कसंगत किये जाएंगे जबकि डिज़ाइन भत्ता, चौकीदार और चालकों के लिए विशेष भत्ते को दोगुना कर दिया गया है।राज्य सरकार द्वारा एक नया भत्ता-उच्च शिक्षा भत्ता शुरू किया गया है जो कि एक मुश्त लाभ के रूप में उन समूह कर्मचारियों को दिया जायेगा जो अपनी नौकरी के दौरान उस क्षेत्र में उच्च योग्यता हासिल करेंगे जो उनकी नौकरी से सम्बन्धित हो।नये कर्मचारियों को केंद्र सरकार के वेतन मानों के अनुसार ही अदायगी की जायेगी जोकि सभी नयी भर्ती पर भी लागू होगी।