CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने आज अचानक एक नए संगठन के बैनर से शहर के सियासी जगत को चौंका दिया है। चंडीगढ़ विकासशील मोर्चा (चंडीगढ़ प्रोग्रैसिव फ्रंट) के नाम से उन्होंने शहर में मजबूती से अपनी सक्रियता बढ़ाने का संदेश दिया है। हालांकि संदेश में छाबड़ा ने चंडीगढ़ विकासशील मोर्चा (चंडीगढ़ प्रोग्रैसिव फ्रंट) को गैर राजनीतिक संगठन बताया है लेकिन जिस तरह पिछले दिनों चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाकर उन्हें हाशिए पर डालने की कोशिश की गई है, उसको देखते हुए माना जा रहा है कि उनका यह संगठन शहर की सियासत में अहम किरदार अदा कर सकता है।
प्रदीप छाबड़ा ने सोशल मीडिया पर दिया संदेश
प्रदीप छाबड़ा का नया संदेश आज शाम सोशल मीडिया पर अचानक वायरल हुआ। किसी को भी उनके ऐसे संदेश की उम्मीद तक नहीं थी। चंडीगढ़ विकासशील मोर्चा (चंडीगढ़ प्रोग्रैसिव फ्रंट) नामक संगठन के एक आकर्षक पोस्टर में प्रदीप छाबड़ा का फोटो भी लगा है। इसमें इस संगठन को गैर राजनीतिक बताते हुए जन-जन की सेवा के साथ समाज के उत्थान का संकल्प जताया गया है। साथ ही प्रदीप छाबड़ा की तरफ से लोगों को संदेश दिया गया है कि वह जल्द ही चंडीगढ़ के लोगों के बीच उनकी सशक्त आवाज बनेंगे। इसमें उन्होंने हर अन्याय-अहित के खिलाफ संघर्ष का नारा भी दिया है। इससे जाहिर है कि आने वाले दिनों में प्रदीप छाबड़ा शहर में एक बार फिर नए सिरे से अपनी सक्रियता बढ़ाने जा रहे हैं।
दो माह पहले हटे थे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से
बता दें कि गत 9 फरवरी को कांग्रेस हाईकमान ने अचानक प्रदीप छाबड़ा को चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाकर पूर्व मेयर एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुभाष चावला को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी थी। इससे पार्टी में असंतोष फैल गया था। छाबड़ा समर्थकों ने नगर निगम चुनाव से ऐन पहले इस बदलाव को पार्टी के लिए घातक करार दिया तो कइयों ने विरोधस्वरूप पद से इस्तीफे दे दिए थे। उन्होंने छाबड़ा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने के तरीके पर भी सवाल उठाए थे। पार्टी हाईकमान के इस व्यवहार से खुद प्रदीप छाबड़ा भी क्षुब्ध थे। यही कारण है कि नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला के ताजपोशी समारोह में छाबड़ा को ले जाने के लिए खुद चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उनके घर पहुंचे थे और उन्हें व उनके समर्थकों को मनाकर समारोह में ले गए थे। यह बात अलग है कि इसके बाद भी प्रदीप छाबड़ा अब तक चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस की किसी मीटिंग या कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हैं।
छाबड़ा समर्थकों की खिली बांछें
जिस तरह प्रदीप छाबड़ा को पार्टी प्रधान पद से हटाने की टाइमिंग को लेकर सवाल उठ रहे थे, अब उसी तरह एक नए संगठन के बैनर से सोशल मीडिया पर छाबड़ा के संदेश की टाइमिंग ने कांग्रेस में भी हलचल मचा दी है। क्योंकि चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव को अब मात्र 7 महीने रह गए हैं और नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला की ताजपोशी के बाद नए तरीके से सक्रिय हुई कांग्रेस की गतिविधियां चावला के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद ठप्प पड़ गई हैं। इस बीच, शहर में छाबड़ा की पुन: मजबूत सक्रियता बढऩे के संदेश से उनके समर्थकों की बांछें खिल गई हैं। क्योंकि 9 फरवरी के बाद छाबड़ा के अचानक निष्क्रिय हो जाने से उनके समर्थक भी मायूस थे। इस पूरे मामले पर जब प्रदीप छाबड़ा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इस संगठन की पूरी रूपरेखा लोगों के सामने रखेंगे। हालांकि उन्होंने जोर देकर दोहराया कि यह संगठन पूरी तरह अराजनीतिक है। राजनीति से इसका कोई सरोकार नहीं होगा।