सीएम विंडो की बड़ी कार्रवाई: सिरसा में राशन कार्ड फीस घोटाले का पर्दाफाश

सिरसा के मौजूदा डीएफएससी की जांच संदेहास्पद, विजिलेंस जांच के आदेश


CHANDIGARH 5, JULY: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा आम जनता की शिकायतें सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाने के लिए आरम्भ की गई सीएम विण्डो की व्यवस्था जनता को खूब-रास आ रही है। इस कड़ी में सिरसा में राशन कार्ड फीस घोटाले पर आई शिकायत पर बड़ी कार्रवाई करते हुए विजिलेंस जांच के आदेश दिए है।

सीएम विण्डो पर आई शिकायतों की निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल के अनुसार खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, सिरसा के अधिकारियों के विरूद्घ भीम कॉलोनी सिरसा के प्रेमजैन ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों ने मिलीभगत कर लगभग 30,000 हजार राशन कार्ड की सरकारी फीस को उपभोक्ताओं से लिया गया परंतु इस राशि को सरकारी खजाने में जमा नहीं करवाया गया।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए कड़ा संज्ञान लिया गया और इसके पश्चात डीएफएससी सिरसा ने सूचित किया है कि 14 अक्तूबर 2020 को सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी नरेन्द्र सरदाना ने  एपीएल राशन कार्डों की फीस जोकि चार लाख रूपए थी सरकारी खजाने में जमा करवा दी है। इसके अतिरिक्त वेरियेबल राशन कार्डों की फीस खजाने में जमा करवाने के लिए सभी निरीक्षक और उप निरीक्षक को आदेश दिए गए है व 19 जनवरी, 2021 को 38,800 रुपये की राशि विभाग के कर्मचारियों द्वारा जमा करवा दी गई । परन्तु इस विषय मे जिला खाद्य  एवं आपूर्ती नियंत्रक सुरेन्द्र सैनी द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय को गुमराह किया गया और मामले को दफ्तर दाखिल करने के लिए बार-बार पोर्टल पर एटीआर अपलोड किया गया। यह भी सूचित किया गया कि जिले के विभिन्न केंद्रो द्वारा 8,88,935 रुपये की राशि राशन कार्ड की फीस के रूप में जमा करवाई जा चुकी है।

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा व्यक्तिगत रूप से शिकायतकर्ता से सम्पर्क किया तो उन्होंने सूचित किया कि जांच में उनको कभी पार्टी नहीं बनाया गया और न ही अन्तिम रिपोर्ट सौंपते समय उनके हस्ताक्षर करवाए गए। सीएम विण्डो की दिशा निर्देश अनुसार विभाग द्वारा शिकायत पर की गई कार्यवाही की अन्तिम रिपोर्ट सौंपते समय शिकायतकर्ता के साथ-साथ प्रबुद्घ नागरिक के हस्ताक्षर करवाने भी जरूरी होते हैं। परंतु जांच अधिकारी सतीश कुमार लेखा परिक्षक ने उन्हें कभी जांच में शामिल नहीं किया और ना ही जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक  सुरेन्द्र सैनी ने उनके बयान लिए।उन्होंने बताया कि बाद में शिकायत में यह भी जानकारी दी गई कि लगभग 16 से 17 लाख रुपये तक की गड़बड़ी हुई है जबकि रिकवरी के रूप में 8.88 लाख रुपये की वसूली हुई है। इसके अतिरिक्त,

निलंबित चल रहे संजीव कुंडु ,निरीक्षक के वेतन से 47380 रूपय ,निरीक्षक कश्मिरी लाल, जो वर्तमान में जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक, कैथल में कार्यरत है, के वेतन से 23395 रुपये की रिकवरी कर सरकारी खजाने में जमा करने के भी आदेश दिए गए हैं। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निदेशक द्वारा सरकारी खजाने में जमा में वेरिएबल राशन कार्डों की फीस जमा करवाने में देरी व लापरवाही के लिए कश्मीरी लाल, निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया और पहले ही निलंबित चल रहे निरीक्षक संजीव कुंडू को नियम 7 के तहत चार्जशीट कर दिया गया। गहन जांच में पाया गया कि एपीएल राशन कार्डों की फीस जमा करवाने में सिरसा के तत्कालीन सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी नरेन्द्र सरदाना, निरीक्षक संदीप लोहान और उप निरीक्षक रिशीकान्त भाटिया ने देरी व लापरवाही की है। क्योंकि इन्होंने सी एम विंडो शिकायत के बाद जांच होने पर उपभोक्ताओं से ली गई राशन कार्ड की फीस सरकारी खजाने में जमा करवाई। तत्कालीन सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी नरेन्द्र सरदाना ने एपीएल राशन कार्डों की फीस 397000 रूपय बकाया थी उसको एक ही दिन 14-10-2020 को चार लाख रूपए सरकारी खजाने में जमा करवाए । संदीप लोहान निरीक्षक और रिशीकान्त भाटिया  उप निरीक्षक ने बार-बार कहने के बाद सिरसा केंद्र,  मल्लेका केन्द्र, औढा केन्द्र और कालांवाली केंद्र के वेरिएबल राशन कार्डों की फीस जमा करवाई । इनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक सिरसा ने विभाग के निदेशक को लिखा जा चुका है। परंतु इस सारे प्रकरण में जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक सिरसा श्री सुरेन्द्र सैनी की भूमिका संदेहास्पद रही। उन्होंने 2017 में मुख्यालय द्वारा सिरसा पी आर केन्द्र पर भेजे गए वेरिएबल राशन कार्डों को वितरित करवाने और एकत्रित की गई  सरकारी फीस खजाने में जमा करवाने में कार्रवाई की बजाय 23000 वेरिएबल राशन कार्डों को वितरित करने में देरी कर उन्हें स्टोर में रखवा दिया और इन राशन कार्डों के उपभोक्ताओं का नाम लाभार्थियों की सूची से कट अब कट जाना बताया।जिससे सरकारी खजाने को हानि हुई । राशन कार्ड फीस मामले के तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर एटीआर बना पोर्टल पर अपलोड किया और दोषी अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया। 9 फरवरी 2022 की पीपीटी मीटिंग में मुख्यमंत्री महोदय के प्रधान सचिव  श्री वी उमाशंकर ने सरकारी फीस जमा करवाने में देरी व लापरवाही की गम्भीरता को देखते हुए दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के आदेश दिए ।

सीएम विण्डो पर एक अन्य  शिकायत दर्ज करवाई गई थी जिसमें कहा गया था कि कॉन्फेड के जिला प्रबंधक ने भ्रष्टाचार के लगाए गए आरोपों की जांच किए बिना ही मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट सौंप दी गई। जिला प्रबंधक कान्फेड सिरसा ने गलत तथ्यों और शिकायत कर्ता से सम्पर्क किए बिना शिकायत को दफ्तर दाखिला करने का प्रयास किया। मामले की समीक्षा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमा शंकर और मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल द्वारा की गई और निर्णय लिया  गया कि पूरे मामले की विजिलेंस जांच करवाई जाए।श्री भूपेश्वर दयाल ने जानकारी दी गई कि कॉन्फेड जिला कार्यालय सिरसा द्वारा डिपोधारक प्रेमचंद जैन बरुवाली-। को वर्ष 2015 व 2016 में निर्धारित मात्रा से कम मात्रा में राशन जारी करने की शिकायत व राशन कार्डों की फीस को सरकारी खजाने में जमा करवाने के मामलो की विजिलेंस जांच करवाने के आदेश दिए गए है।

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