कहा- किसानों को मिले कम से कम 25 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा
मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ा है किसानों का लाखों टन गेहूं
CHANDIGARH, 15 APRIL: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश में गेहूं की फसल में आगजनी की घटनाओं पर गहरी चिंता जाहिर की है। उन्होंने आगजनी से प्रभावित किसानों को कम से कम ₹25000 प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग की है। हुड्डा का कहना है कि अकेले रोहतक के मकडौली, रिठाल, बसंतपुर, ब्राह्मणवास, धामड़, खिड़वाली, निडाना, समरगोपालपुर, खरावड़, नींदाना, बहुअकबरपुर और सीसर गांव में सैंकड़ों एकड़ फसल जलकर खाक हो गई। इसी तरह हिसार,जींद, झज्जर ,फतेहाबाद आदि अलग-अलग जिलों में किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है।
कई जगहों पर कल आई आंधी के कारण शॉट सर्किट तो कई जगह पर अन्य वजहों से आग लगी। ऐसे में सरकार द्वारा किसानों व आम जनता को जागरुक करने की कोशिश की जानी चाहिए। किसानों को इसके बारे में ज्यादा एहतियात बरतने की जरुरत है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सीजन में दमकल विभाग की क्षमता को भी बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर तेज़ी से ज्यादा से ज्यादा गाड़ियां मौके पर पहुंच सके व बड़े नुकसान से किसानों को बचाया जा सके। आज किसान की फसल न खेत में सुरक्षित है और न ही मंडियों में। मंडियों में अपनी फसल लेकर पहुंच रहे किसानों की फसल को ढंकने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। लाखों टन अनाज खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। सरकार की तरफ से अब तक न उठान की कोई व्यवस्था की गई और न ही किसानों के भुगतान की। मौसम विभाग की तरफ से आने वाले दिनों में आंधी व बारिश की आशंका जताई गई है। ऐसे में फसल को खुले आसमान के नीचे रखना किसान और सरकार दोनों के लिए नुकसानदेह है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज प्रदेश का किसान मौसम की मार, महंगाई और आगजनी जैसी विपदाओं से जूझ रहा है। ऐसे उसे सरकारी मदद की दरकार है। खेड़ी चौपटा, बास और बालसमंद में किसान अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। ऐसे में सरकार उनकी मांगों को अनसुना न करे और मुआवजे वितरण में भेदभाव न करे। सरकार तुरंत किसानों को मुआवजा दे। उन्होंने एक बार फिर गेहूं की एमएसपी पर किसानों को 500 रुपए प्रति क्विंटल बोनस की मांग दोहराई है। साथ ही उन्होंने कहा है कि किसानहित में एमएसपी की गारंटी का कानून बनना चाहिए। किसानों को स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले के तहत एमएसपी मिलनी चाहिए। तभी खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा बन पाएगी।