CHANDIGARH: शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर आज संवाद साहित्य मंच और स्वतंत्रता सेनानी एसोसिएशन की ओर से ऑनलाइन विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें अनेक साहित्यकार, बुद्धिजीवी, स्वतंत्रता सेनानीयों और इतिहासकारों ने भाग लिया।
प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर एमएम जुनेजा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भगत सिंह जब शहीद हुए तो उनकी उम्र 23 वर्ष 5 महीने और 25 दिन थी। उनका जीवन और दर्शन युवाओं को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।
स्वतंत्रता सेनानी एसोसिएशन के अध्यक्ष केके शारदा ने कहा कि वह बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्हें भगत सिंह की माता विद्यावती जी से मिलने का अवसर मिला, वे सचमुच महान माता थीं। संवाद साहित्य मंच के अध्यक्ष व साहित्यकार प्रेम विज ने कहा की भगतसिंह बहुत पुस्तक प्रेमी थे। 23 वर्ष की अल्पायु में ही उन्होंने 550 पुस्तकें पढ़ ली थी। जब वे फांसी का फंदा चूमने जा रहे थे तब भी वह पुस्तक पढ़ रहे थे।
सरिता मेहता,अशोक नादिर , प्रज्ञा शारदा, विनोद शर्मा, इंद्रवर्षा वर्मा, नीरू मित्तल नीर ने भगतसिंह की वीरता व जज्बे को प्रदर्शित करती कविताओं से वातावरण देशप्रेम से ओतप्रोत कर दिया। इस अवसर पर मुक्तेश्वर जोशी, संजय भारती, आनंद सिंह व स्वतंत्रता सेनानी परिवारों ने भी भाग लिया।
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