साइबर फ्रॉड और सेक्स्टोरशन से युवाओं को बचाने की जरूरत: डीआईजी नाजनीन भसीन
CHANDIGARH, 12 JANUARY: हरियाणा महिला आयोग की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में फरीदाबाद में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन नारी शक्तियों और ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट ने अपने विचारों का सांझा किए।
इस दौरान हरियाणा राज्य बाल कल्याण की मानद महासचिव श्रीमती रंजीता मेहता ने कहा कि बच्चों के प्रति हमारा व्यवहार हमेशा अच्छा होना चाहिए, ताकि वे जिंदगी में आगे सही दिशा में बढ़ सकें। क्या सही है और गलत, उसका चुनाव करना भी स्वयं करना है। हमें अपने बच्चो को यौन शिक्षा देना बहुत जरूरी है, ताकि वो समय के साथ-साथ शरीर में होने वाले बदलाव को समझ सकें। उन्होंने कहा कि निसंतान दंपती अनाथ बच्चों को उनके विभाग के माध्यम से एडॉप्ट कर सकते हैं। ताकि बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण करें और वे देश की प्रगति का हिस्सा बन सकें।
इस मौके पर डीआईजी नाजनीन भसीन ने कहा कि आजकल सोशल मीडिया इंफ्ल्युएंसर्स का दौर चल रहा है। युवाओं को अपना ध्यान एक जगह केंद्रित करके अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आजकल युवा को साइबर फ्रॉड, सेक्स्टोरशन जैसे अपराधों से बचने की ज़रूरत है। युवा सही राह पर चलते हुए समाज में सेफ इन्वायरन्मेंट प्रदान कर सकते हैं। अगर नशा करना है तो इस बात का नशा करो कि अपनी जिंदगी को आगे विकसित करने का करो।
कार्यक्रम में पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ की पहली ट्रांसजेंडर स्टूडेंट धनंजय चौहान ने बताया कि भक्ति सूफी व देवदासी प्रथा शुरू करने वाले ट्रांसज़ेंडर ही थे, आज उन्हें थर्ड जेंडर बना दिया गया है। जब सब लोग एक जैसे हैं तो जेंडर का भेदभाव समाज में क्यों किया जाता है। जबकि ट्रांसजेंडर का इतिहास में अहम रोल रहा है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि ट्रांसजेंडर्स के लिए नौकरी में विशेष प्रावधान करें जिससे ट्रांसजेंडर भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।
इसी तरह से माउंटेनियर (एवरेस्टर) अनीता कुंडू ने कहा कि इंसान अपने विचारों से आगे बढ़ता है। विचारों की शक्ति से हम कोई भी उपलब्धि प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि माँ और नारी का समाज में बहुत महत्व है। नारी को सशक्त बना कर हम समाज को आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं। अगर एक महिला ठान ले कि मैंने दस महिलाओं को सशक्त बनाना है तो जल्द ही समाज में सभी महिलाएं सशक्त और आत्मनिर्भर बन जाएंगी।
ब्रह्माकुमारी बहन डॉ बिन्नी सरीन से कहा कि महिलाओं और यूथ एम्पावरमेंट के लिए सेल्फ एम्पावरमेंट ज़रूरी है। हमें सेल्फ एम्पावरमेंट कि लिए अपनी संस्कृति से जुड़ना होगा।