चंडीगढ़ कांग्रेस कमेटी की मीटिंग से पहले छाबड़ा फिर आक्रामकः निमंत्रण के तरीके पर बरसे, पूछा चावला से- क्या पार्टी में मेरा लॉकडाउन पीरियड खत्म हो गया ?

CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस (Chandigarh Pradesh Congress) की नई कमेटी को लेकर बेहद खफा चल रहे पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के आक्रामक तेवर लगातार बरकरार हैं। नई कमेटी के गठन के बाद कल होने जा रही इसकी पहली बैठक से पहले आज फिर सुबह-सुबह प्रदीप छाबड़ा ने प्रदेश नेतृत्व के प्रति अपनी तल्खी जाहिर करते हुए तीखा हमला बोला है। उन्होंने कमेटी की मीटिंग के लिए निमंत्रण भेजने के तरीके पर आपत्ति जताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला से पूछा है कि क्या कांग्रेस में मेरा लॉकडाउन पीरियड खत्म हो गया ?

गौरतलब है कि फरवरी में चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने के तरीके से नाराज प्रदीप छाबड़ा अब चार दिन पहले घोषित प्रदेश कांग्रेस की नई कमेटी को लेकर बेहद गुस्से में हैं। क्योंकि इस कमेटी में उनके नजदीकी किसी भी साथी को स्थान नहीं दिया गया है और पुरानी कमेटी में जो उनके नजदीकी थे, उन्हें नई कमेटी से बाहर कर दिया गया है। इसको लेकर वह चार दिन से लगातार सोशल मीडिया पर प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व को घेर रहे हैं। अब जब कल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने पार्टी की नई कमेटी की मीटिंग बुलाई है तो कमेटी में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के नाते पदेन सदस्य के रूप में शामिल प्रदीप छाबड़ा को भी मीटिंग का न्योता भेजा गया है। यह न्योता खुद चावला ने भेजकर एक प्रदेश महासचिव के जरिए छाबड़ा तक पहुंचाया गया। इसी को लेकर छाबड़ा ने आज सुबह-सुबह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला को फिर सोशल मीडिया पर घेर लिया।

पार्टी मीटिंग के निमंत्रण को लेकर छाबड़ा व चावला के बीच इस तरह की तल्खी पहली बार नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के बाद से ही प्रदीप छाबड़ा प्रदेश कांग्रेस की किसी भी मीटिंग व कार्यक्रम में नहीं जा रहे हैं। उनका कहना रहा है कि उन्हें किसी भी कार्यक्रम या मीटिंग की सूचना तक नहीं दी जाती। एक बार दफ्तर सेक्रेटरी के जरिए फोन कराया भी गया लेकिन प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चावला ने कभी उन्हें फोन करके नहीं बुलाया, जबकि मौजूदा अध्यक्ष का यह नैतिक दायित्व बनता है कि पूर्व अध्यक्ष को वह खुद आमंत्रित करें। छाबड़ा ने इसकी शिकायत भी चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत को पत्र लिखकर की थी। अब इन्हीं तमाम तल्खियों के बीच छाबड़ा ने आज सुबह सोशल मीडिया पर कल की मीटिंग के निमंत्रण को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला को संबोधित जो पत्र लिखा है, उससे साफ संकेत हैं कि चावला के फोन के बिना प्रदीप छाबड़ा कल की मीटिंग में भी नहीं जाने वाले हैं। छाबड़ा द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए इस पत्र को हम यहां हू-ब-हू प्रकाशित कर रहे हैं। पढ़िए…. ?

आदरणीय अध्य्क्ष चावला जी,

क्या कांग्रेस में मेरा लॉकडॉन पीरियड खत्म हो गया।
कल पार्टी के महासचिव की तरफ से एक फ़ोन आया।
कि मीटिंग रखी है अटेंड करे।
क्या आप खुद पूर्व अध्य्क्ष को फोन करने में अपनी तौहीन समझते हो। फिर आप का अहम आड़े आ जाता है।
“याद करिए वो दिन जिस दिन आप ने एक महिला मेयर जो आज भाजपा में है। उस को बंसलजी व स्वर्गीय बहल साहिब की हाजिरी में आप ने कहा था कि मैं PA के फ़ोन से मीटिंग में नहीं आऊँगा मुझे खुद फ़ोन किया करो।
फिर जब मैं अध्य्क्ष बना तब मुझे भी आप ने हिदायत दी कि व्हाट्स एप्प मैसेज पर या सेक्रेटरी के कहने से नहीं मीटिंग में आऊँगा।
मैंने 6 साल आप को हर मीटिंग व प्रोग्राम के खुद फ़ोन किये व बहुत जगह आप को घर से साथ ले कर गया था।
यह यह भी याद करवा दू। कि आप सिर्फ पार्टी के वरिष्ठ नेता थे
लेकिन मेरे को फिर आप नोकर समझ लिया कि लग्भग 5 महीने बाद महासचिव के फ़ोन से मैसेज करवा दिया।
अब वो शर्त कहाँ गयी कि पहले मैं बंसल जी से मिलू।फिर मीटिंग में या प्रोग्राम में बुलाऊँगा।
क्या पार्टी में मेरा लॉकडाऊन पीरियड खत्म हो गया ⁉️
न न चावला साहिब मुकरना नहीं क्यों जिन लोगो को को आप ने बंसलजी वाली बात बोली उस मे से एक के पास तो आप की रिकॉर्डिंग भी है।

कल फिर आपने एक पंजाबी चैनल को झूठ बोल कर मुझे नीचा दिखाने की कोशिश की।
कि हर मीटिंग में सभी को बुलाया जाता है। झूठ कही बतो खत्म कर दो कि जिन को बुलाया जाता था उन की लिस्ट (जो आप के आदेशानुसार) बनी । मैं आप को भेज दू।
आप ने मेरे पहले दिन के भाषण पर भी कटाक्ष किया। बहुत दर्द है उस का आप को। उस दिन भी लाइव फेसबुक पर आप ने मेरी वॉइस (आवाज़)
बन्द करवा दी थी।
दर्द मतलबी नहीं दिल से और सब के लिए होना चाहिए।
सोनिया जी व राहुल जी कहते है
अच्छे नहीं सच्चे दिन चाहिए

आप सच बोल कर ही शुरुआत करते तो अच्छा था।

धन्यवाद?
आप के कहे मुताबिक ग्रुप्स में डाल रहा हू क्यों कि मैं बकवास ग्रुप्स में लिखू। ऐसा आप ने लिखित में भेजा था।
आप का साथी व शुभचिंतक
प्रदीप छाबड़ा

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