पटाखा बैनः चंडीगढ़ प्रशासन ने राहत देने से किया इंकार, कारोबारी अब नुकसान की भरपाई को सिविल सूट दायर करेंगे

CHANDIGARH: ट्राइसिटी में यह पहली बार होगा। दीवाली पर इस बार मोहाली व पंचकूला में पटाखे बेचे व फोड़े जाएंगे लेकिन चंडीगढ़ में बैन रहेगा। चंडीगढ़ प्रशासन ने आज तस्वीर बिल्कुल साफ कर दी है। क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ को शहर में पटाखे बेचने की परमीशन देने से स्पष्ट इंकार कर दिया है। साथ ही पटाखे फोड़ने पर रोक के अपनेे आदेश को भी बरकरार रखा है। इसी के साथ क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ को कल पंजाब एवं हरियाणा से मिलती दिखी राहत फिर निराशा में बदल गई। अब एसोसिएशन ने पटाखा कारोबारियों के नुकसान की भरपाई के लिए कोर्ट में सिविल सूट दायर करने का फैसला किया है।

प्रशासन ने सिर्फ हठधर्मिता दिखाईः चिराग अग्रवाल

गौरतलब है कि कल क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ की याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को दो दिन में अपना आर्डर रिव्यू करने का आदेश दिया था। साथ ही कहा था कि पटाखे बेचने की परमीशन न मिलने की सूरत में कारोबारी अपने नुकसान का मुआवजा लेने के योग्य होंगे। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद भी प्रशासन ने चंडीगढ़ में पटाखे बेचने व फोड़ने के अपने आदेश को बरकरार रखा है। क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ के महासचिव चिराग अग्रवाल ने कहा है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने इस मामले में पड़ोसी राज्यों की तरह हर पक्ष को ध्यान में रखकर खुले मन से निर्णय लेने के बजाय सिर्फ हठधर्मिता दिखाई है, जिससे इस बार चंडीगढ़ के पटाखा कारोबारियों का बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान हो गया है। चिराग अग्रवाल ने कहा कि इस नुुकसान की भरपाई के लिए अब एसोसिएशन हाईकोर्ट के निर्देशानुसार सिविल सूट दायर करेगी।

चंडीगढ़ प्रशासन ने शुक्रवार को लगाया था प्रतिबंध
गत शुक्रवार को चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में 30 नवम्बर तक पटाखे बेचने व फोड़ने पर रोक लगा दी थी। इसके लिए कोविड-19 के प्रसार और प्रदूषण का हवाला दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने भी पटाखे फोडऩे पर रोक लगाने की एडवाइजरी दी थी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी (NGT)ने भी 18 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया था। इनमें चंडीगढ़ भी शामिल है। इसके मद्देनजर एनजीटी (NGT) के फैसले से पहले ही चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से शहर मेंं पटाखे बेचने व फोड़ने पर रोक लगा दी गई। प्रशासन के फैसले के बाद इसका विरोध भी शुरू हो गया था। भाजपा, कांग्रेस, चंडीगढ़ व्यापार मंडल व चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल ने भी प्रतिबंध का विरोध करते हुए पटाखा कारोबारियों का समर्थन किया तथा प्रशासन से फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की थी लेकिन एनजीटी (NGT) का फैसला आ जाने के बाद भी चंडीगढ़ प्रशासन ने अपना निर्णय बरकरार रखा। साथ ही पटाखे बेचने वालों के लाइसेंस रिन्यू करने के लिए ली गई फीस वापस करने की घोषणा कर दी थी।

क्या कहा था NGT ने

NGT ने अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया है कि जिन शहरों-कस्बों में हवा की क्वालिटी मॉडरेट या इससे नीचे के लेवल पर है, वहां प्रदूषण रहित पटाखे बेचे जा सकते हैं लेकिन दीवाली, गुरु पर्व, छठ, क्रिसमस, न्यू ईयर जैसे मौकों पर सिर्फ 2 घंटे पटाखे फोड़ने की छूट होगी। जिन शहरों-कस्बों में हवा की क्वालिटी ठीक है, वहां पटाखों पर बैन ऑप्शनल होगा लोकल अथॉरिटी चाहे तो अपने हिसाब से गाइडलाइंस तय कर बैन लगा सकती है।

कारोबारियों का करोड़ों रुपए का नुकसान: चिराग अग्रवाल
प्रशासन के फैसले से सबसे ज्यादा पटाखा कारोबारी गुस्से में हैं। क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ के महासचिव चिराग अग्रवाल का कहना है कि प्रशासन को प्रतिबंध का फैसला पहले करना चाहिए था। शहर में पटाखों की स्टॉल लगाने के लिए आवेदन लेने के बाद ड्रॉ निकालकर नतीजा रोक देना और फिर पटाखों का प्रतिबंध लगा देना कारोबारियों के साथ सरासर धक्का है। चिराग अग्रवाल ने कहा कि पटाखा लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद कारोबारियों ने करोड़ों के ऑर्डर पटाखा कंपनियों को दे दिए थे। अब कंपनियां कह रही हैं कि अपना माल ले जाओ लेकिन अब कारोबारी क्या करें? उनका करोड़ों का नुक्सान हो गया है.

पंजाब व हरियाणा ने दी है दो घंटे की छूट
दूसरी ओर, पटाखों के मामले में पड़ोसी राज्य हरियाणा एनसीआर में आते अपने शहरों को छोड़कर बाकी शहरों में दो घंटे पटाखे फोड़ने की छूट देने का फैसला कर चुका है तो पंजाब ने भी दीवाली व गुरु पर्व पर दो घंटे पटाखे फोड़ने की इजाजत दे दी है। इससे पहले पंजाब ने एनजीटी (NGT) को भेजे अपने जवाब में कोविड-19 के मद्देनजर राज्य में पटाखों पर रोक लगाने की जरूरत से इंकार कर दिया था। पंजाब सरकार ने राज्य में वायु प्रदूषण की स्थिति खराब श्रेणी में न होने का हवाला देते हुए कहा था कि वह वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए समय-समय पर उचित कदम उठाती रही है। पंजाब का कोई इलाका दिल्ली एनसीआर के दायरे में भी नहीं आता है। हालांकि पंजाब के मंत्रियों ने लोगों से पटाखे फोड़ने से गुरेज करने की अपील भी की है।

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