CHANDIGARH: श्री बलबीर सिंह रावत आज 31/07/2020 को पी जी आई के रक्ताधान औषधि विभाग से अपने 38 साल के सेवाकाल पूरी कर सेवानिवृत हो गये हैं। पी जी आई के रक्ताधान औषधि विभाग के विभागाध्यक्ष डा आर आर शर्मा, सहा प्रोफेसर डा सुचेत सचदेव व उनके सहकर्मियों द्वारा उनकी सेवानिवृति पर उनके द्वारा दिये गये योगदान की सराहना करी। विदित है कि चन्डीगढ में लगने वाले रक्तदान शिविरों में उत्तराखण्ड के लोगों द्वारा लगातार रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाता है, इन सभी रक्तदान शिविरों में श्री बलबीर रावत के महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
श्री बलबीर रावत ट्राइसिटी में स्थित सभी उत्तराखण्डी संस्थाओं को रक्तदान शिविर आयोजन हेतु प्रेरित करते है इन्हीं की प्रेरणा से ट्राइसिटी में उत्तराख्ण्ड के लोगों द्वारा औसतन वर्ष में लगभग 12 से 14, रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है । श्री बलबीर रावत द्वारा स्वयं 83 बार रक्तदान किया गया है महामहिम राज्यपाल पंजाब द्वारा उनको उनकी इस उपलब्धि पर सम्मानित किया गया है। श्री रावत द्वारा समाज के लोगों के साथ साथ अपने परिवार में अपनी दोनों बेटियों व पत्नी को भी रकतदान करने के लिए प्रेरणा देते हैं। करोना काल में जब पूरे देश में लाकडाउन था व सभी अस्पतालों में रक्त की कमी हो रही थी तब श्री बलबीर रावत द्वारा विभिन्न संस्थाओं से व रक्तदाताओं से रक्तदान हेतु लगातार अपील की गई फलस्वरूप बहुत से रक्तदाताओं ने करोना काल में भी रक्तदान किया। मृदभाषी व समाज सेवी होने के कारण वे अपने सहकर्मियों में लोकप्रीय है, व पी जी आई में भी यह लोगों की भरपूर मदद करते है ।
चण्डीगढ में श्री रावत उत्तराखण्ड के विभिन्न समाजिक व धार्मिक संस्थाओं के साथ जुडे हुए है समाज के प्रति उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उत्तरांचल युवा परिषद, पंचकुला द्वारा उन्हें उत्तराखन्ड रत्न से सम्मानित किया गया। धार्मिक होने व अपनी जन्मभूमि से लगाव अपने पैतृक गांव जिला पौडी गढवाल के पलीगांव में प्राचीन मां चामुडा देवी मन्दिर का जीर्णोद्धार करवा रहे हैं जिसके लिए उन्होंने अपने पैतृक गांव के लोगों जो कि देश विदेश अलग अलग निवास कर रहे है से सर्म्पक कर एकजुट किया व उनलोगों को अपने माटी से जुडने के लिए निरन्तर प्रयासरत हैं।
उनके सेवानिवृत पर उत्तराखण्ड के सभी संस्थाओं के पदाधिकारियों द्वारा उन्हें शुभकामनायें व बधाई दी तथा उनके उज्जवल व स्वस्थ जीवन हेतु कामना की ।